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चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने पर दिया जा रहा है विशेष ध्यान - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर, 28 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान राज्य में चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर है। सरकार हर उस पहलू पर माइक्रो लेवल पर काम कर रही है, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान देश भर के लिए नजीर बन सके। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश देशभर में लीडिंग स्टेट बन रहा है। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री की मजबूत लीडरशिप में प्रदेश हैल्थ केयर, हैल्थ इंन्फ्रास्टक्चर और हैल्थ मैनपावर पर विशेष काम कर रहा है। सभी चुनौतियों का सामना करते हुए आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। 

प्रदेश में हो चुकी 22 लाख से ज्यादा जांचें 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि उन्होंने बताया कि 22 लाख से ज्यादा लोगों की जांचें अभी तक की जा चुकी हैं। प्रतिदिन 35 हजार लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 51 हजार 640 जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 22 जिलों में जांच की सुविधाएं विकसित कर ली गई है और जल्द ही शेष सभी जिलों में कोरोना की जांच होने लगेगी। 

मृत्युदर को शून्य पर लाना पहला संकल्प 

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान मुख्यंमत्री का संकल्प है कि कोरोना से एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाए। यही वजह है कि सरकार गंभीर मरीजों के लिए 40 हजार रुपए की कीमत वाला जीवनरक्षक इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध करवा रही है। देश भर में राजस्थान का रिकवरी रेशो अन्य राज्यों से बेहतर है। वर्तमान में लगभग 80 फीसद मरीज सही होकर घर जा रहे हैं। यही नहीं प्रदेश की कोरोना से होने वाली मृत्युदर भी 1.3 प्रतिशत रह गई है। प्रदेश के 5 मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए इलाज से करीब 211 गंभीर कोरोना मरीजों को जीवन दिया गया है। प्लाज्मा से 99 फीसद मरीज दुरुस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा दान के प्रति भी लोगों को आने आना चाहिए। 

आखिरी छोर तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने की मंशा 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि आखिरी छोर तक बैठक व्यक्ति को आधरभूत चिकित्सा सुविधा का लाभ मिले। सरकार की सोच थी कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलज हो, इसके लिए सरकार के गठन से ही प्रयास शुरू हो गए। सरकार की तत्परता से प्रदेश के 15 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने कीच स्वीकृति मिल गई। वर्तमान में प्राइवेट क्षेत्र में 8 मेडिकल कॉलेज राज्य में खुल चुके हैं। प्रदेश में केवल तीन जिले ही ऎसे हैं, जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। राज्य सरकार इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खुलवाने के प्रयास कर रही है। 

मेडिकल शिक्षा को मिली नई उंचाइयां 

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पहले 1100 पीजी की सीटें थीं, जो सरकार के प्रयासों के चलते 950 सीटों में बढ़ोतरी हुई है। इसमें सुपर स्पेशियलिटी की भी सीटें हैं। कुल 1000 सीटों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में राजस्थान में विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि मेडिकल शिक्षा लेकर ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र में आएं और आमजन की सेवा करें। 

स्वास्थ्य मित्र जगा रहे बेहतर सेहत की अलख 

डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों को निरोगी बनाने के लिए निरोगी राजस्थान अभियान की शुरुआत की। आमजन को अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए 40 हजार राजस्व गांवों से एक पुरुष और एक बहन का चयन कर स्वास्थ्य मित्र बनाया है। 80 हजार स्वास्थ्य मित्र कोरोना काल में भी मदद कर रहे हैं और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के प्रति भी लोगों में जागरूकता लाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही शहरों में भी स्वास्थ्य मित्रों का चयन किया जाएगा। 

आमजन के लिए जीवनदायिनी बनी स्वास्थ्य योजनाएं 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने 2011 में निशुल्क दवा योजना का आगाज किया था, जोकि अब देश भर में सक्सेज मॉडल के रूप में जानी जाती है। इसमें 600 से ज्यादा दवाएं आमजन को निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। यही नहीं 2013 में सरकार द्वारा निशुल्क जांच योजना भी शुरू की गई, यह भी खासी लोकप्रिय रही है। कैंसर, हय और अन्य घातक बीमारियां भी निशुल्क जांच योजना के दायरे में आ गई है। गरीबों और जरूरमतंदों के लिए दोनों योजनाएं जीवनदायिनी साबित हो रही हैं। 

टीकाकरण में हासिल करेंगे 100 प्रतिशत का लक्ष्य 

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य में टीकाकरण के क्षेत्र में बेहतरीन काम हुआ है। करीब 82 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों का समय पर टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ड्रॉपआउट, लेफ्टआउट बच्चों को भी समझाइश कर उन्हें समय पर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में 100 फीसद टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

सिलिकोसिस मरीजों के बचाव पर ध्यान 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में माइनिंग सेक्टर में काम करने वाले श्रमिक सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं। सरकार बीमारी से बचाव पर विशेष ध्यान दे रही है। कानून भी बनाए जा रहे हैं तो इनको दी जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जा रहा है। 

नियुक्ति और भर्ती में सरकार नहीं रही पीछे 

डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने 765 चिकित्सकों की भर्ती पूरी की। इन्होंने कोरोना वॉरियर्स के रूप बेहतरीन सेवाएं दी। अभी 2 हजार चिकित्सकों की भर्ती का काम चल रहा है। प्रदेश में करीब 12.5 हजार एएनएम-जीएनएम की भर्ती का काम पूरा कर उन्हें नियुक्ति दे दी है। प्रदेश में कहीं भी हैल्थ मैनपावर को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

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