विधानसभा के इसी सत्र में वन स्टॉप शॉप बिल होगा पेश, प्रदेश में औद्योगिक निवेश होगा और अधिक आसान - उद्योग मंत्री
जयपुर, 4 अगस्त। उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने बताया है कि राज्य विधान सभा के 14 अगस्त से आरंभ होने वाले सत्र में वन स्टाप शॉप बिल पेश किया जाएगा। राज्य मंत्री मण्डल की पिछले दिनों आयोजित बैठक में इसे अनुमोदित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों के लिए रीको को भूमि का आवंटन पहले की तरह उद्योग विभाग द्वारा किया जाएगा।
श्री मीणा मंगलवार को सचिवालय में प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्री नरेश पाल गंगवार और एमडी रीको श्री आशुतोष पेडनेकर के साथ समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप शॉप जैसी व्यवस्था समूचे देश में राजस्थान में होने जा रही हैं वही एमएसएमई एक्ट में आवश्यक प्रावधान कर राज्य में लगने वाले एमएसएमई उद्योगों को राजउद्योगमित्र पोर्टल पर आवेदन कर दो मिनट से भी कम समय में पावती प्राप्त कर तीन साल तक आवश्यक अनुमतियों व निरीक्षणों से मुक्ति प्रदान करने वाला भी राजस्थान पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप शॉप विधेयक पारित होते ही प्रदेश में निवेशकों की विभिन्न विभागों से जुड़ी सौ से अधिक स्वीकृतियां एक ही स्थान पर मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल बनाते हुए प्रक्रियाओं की सरलीकरण की दिशा में राज्य सरकार का यह क्रान्तिकारी कदम है।
श्री मीणा ने बताया कि राज्य में नए औद्योगिक क्षेत्रों को लेकर आ रही समस्या का राजस्व विभाग से चर्चा कर हल खोज लिया गया है और अब पहले की ही तरह रीको को औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि का आवंटन पूर्व की तरह उद्योग विभाग द्वारा किया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने बताया कि उद्योग मंत्री स्तर पर सभी विचाराधीन पत्रावलियों का समयवद्ध निष्पादन जारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग की फ्लेगशीप योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएं ताकि प्रदेश में छोटे-बड़े सभी प्रकार के उद्योगों की स्थापना के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों की समस्याओं के प्रति गंभीर है और यही कारण है कि राज्य सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए रीको, आरएफसी सहित विभिन्न विभागों से संबंधित अनेक रियायतें दी है। बैठक में विशिष्ट सहायक उद्योग मंत्री श्री बचनेश अग्रवाल भी उपस्थित रहे। बैठक में बजट घोषणाओं, जन घोषणा पत्र, सीएमआईएस, मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री से प्राप्त प्रकरणों के समयवद्ध निष्पादन के निर्देश दिए।
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