कारागार विभाग की समीक्षा बैठक : प्रतिबन्धित सामग्री पाये जाने पर होगा बन्दी के विरूद्ध मामला दर्ज
जयपुर, 10 अगस्त। प्रदेश के कारागृहों में बन्दियों के पास मोबाईल या अन्य प्रतिबन्धित सामग्री पाये जाने पर सम्बन्धित बन्दी के विरूद्ध मामला दर्ज कर उसका तत्काल अन्य कारागृह में स्थानान्तरण किया जायेगा। प्रदेश की सभी जेल शतप्रतिशत ऑनलाइन हैं एवं राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां वर्ष 2005 के बाद समस्त बन्दी रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में आयोजित कारागार विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी। बैठक में महानिदेशक जेल श्री बीएल सोनी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारीगण मौजूद थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने समस्त कारागृहों में मोबाइल, सिमकार्ड व अन्य प्रतिबन्धित सामग्री की रोकथाम के लिए संघन तलाशी अभियान संचालित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने तलाशी की वीडियों रिकाडिर्ंग करने एवं संवेदनशील कारागृहों पर स्टाफ को एक निश्चित अवधि के बाद अन्यत्र स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये।
महानिदेशक जेल ने बताया कि प्रदेश में 10 केन्द्रीय कारागृह एवं एक उच्च सुरक्षा कारागृह तथा 40 खुला बन्दी शिविर सहित कुल 145 कारागृह संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश के 105 कारागृहों की क्षमता 21 हजार 525 एवं 40 बन्दी खुला शिविर की क्षमता 1432 है। वर्तमान में इन कारागृहों में कुल 20 हजार 248 बन्दी है। कारागार सुरक्षा के लिए 489 जेल मुख्य प्रहरी एवं 2 हजार 387 जेल प्रहरी कार्यरत हैं। कारागारों की बाहरी सुरक्षा के लिए आरएसी के 781 जवान तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान एकमात्र राज्य है जहां कोरोना महामारी के दौरान समस्त कारागारों में निरूद्ध बन्दियों की मुलाकात वीडियो कॉलिंग से करवायी जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने कारागारों के रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने की कार्यवाही हेतु आवश्यक निर्देश दिये।
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