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कोरोना प्रबंधन के सभी पैरामीटर्स में देश के अन्य राज्यों से प्रदेश बेहतर स्थिति में, राज्य सरकार रिकवरी रेट बढ़ाने व मृत्युदर कम करने के संकल्प को लेकर प्रयासरत - चिकित्सा मंत्री


- आमजन से अपील इस महामारी से बचाव ही उपाय 

जयपुर, 21 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी से बचाव के प्रबंधन में ‘राजस्थान सतर्क है’ के संकल्प के साथ राज्य सरकार ने जिस तरह काम किया है, उसकी पूरे देश में तारीफ हुई है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में जब पूरी दुनिया इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए चिंतित है, वहीं राज्य में पक्ष और विपक्ष ने साथ मिलकर इस बीमारी से निपटने के प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कोरोना प्रबंधन के सभी पैरामीटर्स में देश के अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन के राजस्थान मॉडल की प्रधानमंत्री सहित देशभर ने सराहना की। भीलवाड़ा एवं रामगंज मॉडल न केवल देश में बल्कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाया गया। 

डॉ. शर्मा सदन में कोविड-19 के प्रबंधन एवं लॉकडाउन से उत्पन्न हुई आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने से पूर्व राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के प्रबंधन हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डाल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जिसने बीमारी की गंभीरता को भांपते हुए सबसे पहले लॉकडाउन किया और सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि राजस्थान देश में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या वाले राज्यों में पहले दस में शामिल नहीं है। 

उन्‍होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बीमारी के प्रबंधन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से लगातार फीडबैक लिया। उन्होंने राजनैतिक दलों, सभी विधायकों व सांसदों, उद्योगपतियों, पूर्व सैनिकों, एनजीओ, अधिकारियों, चिकित्साकर्मियों, मीडियाकर्मियों, सफाईकर्मियों, पुलिस कांस्टेबल के साथ-साथ, सरपंचों, पंचायत स्तर के कार्मिकों तथा कर्मचारी संगठनों और धर्मगुरूओं से भी निरन्तर संवाद कर सुझाव लिए। 

डॉ.शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एक्टिव सर्विलेन्स शुरू कर लगभग 50 हजार आशाओं को प्रशिक्षण उपरान्त एएनएम व आशाओं के माध्यम से सम्पूर्ण राज्य में घर-घर सर्वे कार्य प्रारम्भ करवा दिया गया। इसके अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज एवं जिला स्तर पर रेपिड रेस्पोन्स टीम का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि 8 मार्च 2020 को 11 हजार 152 ग्राम पंचायतों पर विशेष ग्राम सभा आयोजित कर आशाओं एवं एएनएम के माध्यम से आमजन को कोरोना वायरस के बचाव, रोकथाम व नियंत्रण के संबंध में जागरूक किया गया। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अनलॉक की प्रक्रिया के बाद प्रदेश में लगातार पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। ऎसे में राज्य सरकार का पूरा प्रयास मृत्युदर को कम करने पर है जिसमें कामयाबी भी मिली है। आज प्रदेश में कोरोना की रिकवरी रेट 76 प्रतिशत से भी ज्यादा है जबकि देश में यह 73 प्रतिशत ही है। इसी तरह प्रदेश मे पॉजिटिव रेट 3.2 प्रतिशत है, जबकि देश की औसत दर 8.99 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना मरीजों की मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत ही है जबकि देश में औसत मृत्यु दर 1.92 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 67 हजार 314 कुल संक्रमितों में से एक्टिव केस 14 हजार 961 ही बचे हैं। उन्होंने बताया कि आज कोरोना जांच क्षमता बढ़ कर लगभग 46 हजार प्रतिदिन हो गई है और अब तक 20 लाख कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं जो कि आरटी पीसीआर मशीन से किये गये हैं। वर्तमान में 22 जिलों में निःशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध है, जिनमें जयपुर, जोधपुर, झालावा़ड़ उदयपुर, बीकानेर, अजमेर, कोटा, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, चूरू, भरतपुर, सीकर, बाड़मेर, पाली, झुन्झुनूं, सिरोही, जालौर, बांसवाड़ा, नागौर, चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर एवं अलवर शामिल हैं। शेष 11 जिलों में भी शीघ्र यह सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 25 राजकीय एवं 10 निजी प्रयोगशालाओं सहित कुल 35 संस्थानों में जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

उन्होंने बताया कि कोविड-19 की चिकित्सा में भी राज्य में बेहतरीन काम हुआ है। प्लाज्मा थैरेपी के माध्यम से इलाज में आशातीत सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि इस थैरेपी से 211 मरीजों का इलाज किया गया और सभी मरीज ठीक हो गये हैं। अब तक राज्य में कुल 240 प्लाज्मा थैरेपी यूनिट प्राप्त हुई थी इनमें से 159 प्लाज्मा थैरेपी यूनिट ट्रान्सफ्यूज की गई है। राज्य के जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर सहित 5 जिलों में प्लाज्मा थैरेपी सुविधा उपलब्ध है तथा झालावाड़ एवं अजमेर में प्रारम्भ की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा गंभीर रोगियों के लिए 40 हजार रुपये की कीमत के इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराने की सुविधा दी गई है। यह सुविधा 6 मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से जिला अस्पतालों में भी उपलब्ध करवाई गई है। निजी अस्पतालों में उपचार तथा निजी लैब में जांच की दरें भी निश्चित की गई है। इसके तहत जनरल वार्ड के लिए 2 हजार रुपये तथा आईसीयू बेड के लिए 4 हजार रुपये प्रतिदिन निश्चित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि देश में सर्वप्रथम एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर के विशेषज्ञों द्वारा एससीक्यू, एजिथ्रोमाइसिन, लोपिनाविर/रिटोनाविर के कॉम्बिनेशन से रोगियों का उपचार प्रारम्भ किया गया। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पहल करते हुये कोरोना वॉरियर्स की मृत्यु पर 50 लाख रुपये के मृत्यु क्लेम की राशि का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के लिए प्रोत्साहन हेतु 25 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत स्वास्थ्यकर्मियों की कोविड-19 से मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की क्लेम राशि दिए जाने का प्रावधान है। अब तक 16 क्लेम विभाग को प्राप्त हुए है जिनका शीघ्र भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय में राज्य सरकार द्वारा इस मंशा के साथ फैसले लिये गये हैं कि राज्य में कोविड-19 की वजह से एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए और न ही किसी की मृत्यु हो। 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि संकट के इस दौर में भी सरकार द्वारा किसी भी राष्ट्रीय योजना के संचालन को बाधित नहीं होने दिया गया चाहे वो मातृ एवं शिशु जांच हो या टीकाकारण कार्यक्रम हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मेडिकल मोबाइल वैन, टेली मेडिसिन सुविधा, दवाओं का अधिग्रहण, कोविड-19 डेडीकेटेड एम्बुलेंस, रेण्डम सैंपलिंग, डेथ ऑडिट, कंट्रोल रूम, वॉर रूम जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 रोगियों हेतु समुचित उपचार एवं समस्त मूलभूत सुविधायें सुनिश्चित करने के लिए संभाग व जिलेवार कमेटियों का गठन किया गया है। 

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए राज्य में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास किये गये हैं। इसके तहत प्रदेश के उप जिला एवं जिला अस्पतालों में सेन्ट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइपलाइन एवं ऑक्सीजन जनरेटर प्लान्ट स्थापित किये गये हैं। जिला अस्पतालों में 20 आईसीयू बैड एवं 20 वेन्टीलेटर का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 286 कोविड केयर सेंटर, 57 डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर एवं 57 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के अतिरिक्त 40 निजी चिकित्सालय उपचार हेतु अधिकृत किये गये हैं। साथ ही राज्य में 42 हजार 306 आइसोलेशन बेड, 8 हजार 90 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड एवं एक हजार 672 आईसीयू बैड उपलब्ध हैं। 

उन्होंने बताया कि आमजन को कोविड-19 के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 21 जून से 30 जून तक प्रदेश भर में जागरूकता अभियान चलाया गया तथा आईईसी गतिविधियां आयोजित की गई। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के 40 हजार राजस्व ग्रामों में लगभग 80 हजार स्वास्थ्य मित्रों की सहायता से निरन्तर जन-जागरूकता का काम किया जा रहा है। अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर जन-जागरूकता का काम किया जाएगा। 

डॉ. शर्मा ने आमजन से अपील करते हुये कहा कि कोरोना महामारी से बचाव ही उपाय है इसलिए हमें मास्क का उपयोग करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोने को जीवन का हिस्सा बनाना होगा।

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