प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा जांचें हो रही हैं प्रतिदिन, पूरा ध्यान रिकवरी रेशो में बढ़ोतरी और मृत्युदर में कमी लाने पर - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 10 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में 30 हजार से ज्यादा कोरोना जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं। सरकार कोरोना टेस्ट क्षमता और टेस्टिंग संख्या में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिकवरी रेशो को बेहतर बनाने और मृत्युदर को निंरतर कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्युदर शून्य पर आ सके। इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सुकून देने वाली बात यह रही कि जुलाई-अगस्त में प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्युदर घटकर 1 प्रतिशत तक आ गई। वर्तमान में कोरोना से होने वाली मृत्युदर 1.5 फीसद है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी और जीवनरक्षक इंजेक्शन के जरिए इसे और भी कम किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए सजग और सतर्क है। राजधानी के निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके इसके लिए अस्पतालों के प्रबंधकों की मुख्य सचिव के साथ बैठक प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि आरयूएचएस अस्पताल में कोरोना के मरीजों की सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार के लिए 1300 नए वेंटीलेटर प्रोक्योर किए गए हैं। हालांकि प्रदेश सरकार के पास वेंटीलेटर्स की कोई कमी नहीं थी लेकिन पॉजिटिव्स केसों की बढ़ती संख्या के चलते यह वेंटीलेटर्स खासे उपयोगी होंगे।
डॉ.शर्मा ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जुड़े लोग कोरोना पॉजिटिव चिन्हित पाए जाते हैं और किसी निजी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो पूरा पुनर्भरण सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वंदे भारत के तहत आने वाले करीब 26 हजार से ज्यादा बाहरी लोग राज्य में आए हैं। इनमें से 19 हजार लोगों को सरकार क्वारंटीन में रखा है।
एंटीजन टेस्ट पर आईसीएमआर करें पुनर्विचार
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा करवाए जा रहे एंटीजन टेस्ट पूरी तरह शुद्धता में खरे नहीं उतरे हैं। उन्होंने कहा कि जिस कोरियन कंपनी को आईसीएमआर ने एंटीजन टेस्ट के लिए अधिकृत किया है। सरकार ने किट मांगे लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। एक निजी अस्पताल के जरिए जनहित में 200 किट लेकर परीक्षण किया गया। आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए पॉजिटिव चिन्हित 111 टेस्ट में से 57 को एंटीजन टेस्ट ने नेगेटिव बता दिया, केवल 54 मरीजों को पॉजिटिव बताया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि एंटीजन टेस्ट का फेल होना चिंताजनक बात है। पूरे देश में व्यापक स्तर पर एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं। सरकार ने आईसीएमआर को एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि राज्य में एंटीजन टेस्ट की शुद्धता केवल 48 फीसद आई है। ऎसे में इस टेस्ट पर आईसीएमआर को पुनर्विचार करना चाहिए।
प्लाज्मा दान के लिए लोगों को किया जाएगा जागरूक
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि गंभीर कोरोना पीड़ितों के लिए प्लाज्मा थेरेपी कारगर पद्धति साबित हो रही है। इसमें कोरोना को हराकर आए लोग अन्य मरीजों को जीवनदान देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा दान के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक कर प्लाज्मा दान देने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
आमजन से की अपील स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना का अभी तक कोई पुख्ता इलाज या कोई वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है, ऎसे में केवल सावधानियों से ही कोरोना को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही लेकिन आमजन को भी कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाने, भीड़ में ना जाने, बार-बार साबुन से हाथ धोने जैसे नियमों की पालना जरूर करनी चाहिए।
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