राजस्थान माल और सेवा कर (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित
जयपुर, 24 अगस्त। राजस्थान विधानसभा ने सोमवार को राजस्थान माल और सेवा कर (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले विधि मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों पर प्रकाश डालते हुए विधि मंत्री ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की अनुशंषा पर ही अधिनियम के 13 खण्डों में संशोधन किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति के परिवर्तन के फलस्वरूप संघ और राज्य क्षेत्र की परिभाषा को संशोधित किया गया है। विधेयक में कंपोजिशन स्कीम, प्रक्रियागत सरलीकरण, वॉलेन्टीयर रजिस्ट्रेशन के केन्सीलेशन तथा आइटीसी का उपयोग करने के लिए समय सीमा में संशोधन किया गया है। इसके अतिरिक्त विधेयक में कपटपूर्वक अन्य के नाम पर फायदा उठाने वाले पंजीकृत व अपंजीकृत व्यक्ति के विरूद्ध दण्ड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 172 के तहत रिमूवल ऑफ द डिफीकल्टी ऑर्डर जारी किये गये हैं जिसकी समय सीमा भी 2 वर्ष बढ़ाई गई है। बिजनेस एसेट्स के प्रावधानों को भी स्पष्ट करने के लिए संशोधन किये गये।
उन्होंने आश्वस्त किया कि जीएसटी के प्रावधानों को लेकर यदि कोई कमियां सामने आती हैं तो उन्हें जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग में ध्यान में लाया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों के राज्य के भीतर प्रदाय पर कर के उद्ग्रहण और संग्रहण के लिए उपबंध करने की दृष्टि से राजस्थान माल और सेवा का अधिनियम, 2017 अधिनियमित किया गया था।
इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए प्रचारित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
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