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जन जागरूकता की जरूरत पहले से ज्यादा, छोटी सावधानियों में ही छिपे हैं कोविड-19 जैसी महामारी से बचाव के सूत्र – अतिरिक्‍त निदेशक (क्षेत्र प्रचार), डीआईपीआर


- 7 अगस्त से उपखण्ड स्तर पर प्रारम्भ होगी कोविड जागरूकता प्रदर्शनी, प्रचार सामग्री रवाना 

जयपुर, 5 अगस्त। कोरोना अभी गया नहीं है बल्कि इसका खतरा पहले से भी अधिक है। हमें न सिर्फ स्वयं लापरवाही से बचना है बल्कि दूसरों को भी लापरवाही करने से रोकने के लिए निरन्तर जागरूक करना है। हमें सभी को बताना है कि अभी बहुत बड़ी संख्या में एकत्र होकर सामाजिक-धार्मिक आयोजनों को निभाने का समय नहीं आया है, छोटी-छोटी बातों, सावधानियों में ही इस विकराल महामारी से बचने का सूत्र है। 

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की अतिरिक्‍त निदेशक (क्षेत्र प्रचार) श्रीमती अलका सक्सेना ने बुधवार को राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में लगाई गई जिला स्तरीय कोविड जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद बस्सी, दूदू, सांभर, चाकसू, फागी, चौमू, सांगानेर, कोटपूतली, विराटनगर आदि उपखण्डों से आए मास्टर ट्रेनर्स को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। श्रीमती सक्सेना ने कहा कि 2 मार्च को जिले में कोरोना का पहला मामला आने के साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देशन में जनसम्पर्क विभाग ने जनसामान्य को कोरोना के खतरे से आगाह करने, इससे बचाव के उपायों को अपनाने के लिए जागरूक करने एवं कोरोना के कारण उपजी विभिन्न परिस्थियों के प्रबन्धन में संदेशों के जरिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार का नोडल विभाग होने के कारण डीआईपीआर आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी के नेतृत्व में पूरी टीम ने इस चुनौती को स्वीकार कर प्रचार-प्रसार के लिए दिन-रात एक कर दिया। जनसंचार माध्यमों में तथ्यात्मक विज्ञापन, फील्ड पब्लिसिटी माध्यमों से प्रचार, 21 जून से प्रारम्भ विशेष जागरूकता अभियान, 1 जुलाई से प्रारम्भ जागरूकता प्रदर्शनी और अब ऑडियो संदेशों के जरिए प्रचार-प्रसार, सोशल मीडिया एवं ऎसे ही अन्य माध्यमों से जनजागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयास अभी भी अनवरत जारी हैं। 

श्रीमती सक्सेना ने कहा कि राजस्थान को कोरोना के प्रबन्धन के लिए देश और वैश्विक मंच पर भी अलग पहचान मिली है। लेकिन जीविका के साथ आजीविका के भी जरूरी होने के कारण धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने से जहां एक ओर कोरोना का खतरा बढ गया है, वहीं लोगों में ज्यादा लापरवाह देखी जा रही हैं। उन्हाेंने कहा कि कोरोना के कारण कम मृत्यु दर, स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर प्रबन्धन, अच्छी रिकवरी रेट के कारण भी कोरोना के प्रति लापरवाही देखने में आ रही है। 

ऎसे में कोराना के वास्तविक खतरे से आगाह करने वालों, जनजागरूकता करने वालों की जिम्मेदारी बढ जाती है। उन्होंने विभिन्न उपखण्डों से आए मास्टर्स टे्रनर्स से उपखण्ड मुख्यालयों पर जाकर 7 अगस्त से प्रदर्शनी लगाने के बारे में संवाद किया, सुझाव दिए एवं शुभकामनाएं दीं। 

डीआईपीआर के सोशल मीडिया प्रभारी एवं क्षेत्र प्रचार शाखा के जनसम्पर्क अधिकारी श्री आशीष जैन ने सभी मास्टर्स ट्रेनर्स को प्रदर्शनी के लिए विकसित किए गए संदेशों, वेबसाइट पर उपलब्ध ऑडियो एवं वीडियो संदेशों के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी के निर्देश में कोविड जनजागरूकता अभियान में कई नवाचार किए गए हैं। उन्होंने कोविड अभियान में नवाचारों के साथ ही जन जागरूकता के अन्य टूल्स की तकनीकी जानकारी प्रदान की। 

मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्रदान करने वाले एसएमएस स्किल लैब के इंचार्ज श्री राजकुमार राजपाल ने विभिन्न विभागों में कोविड-19 के प्रति जनजागरूकता के लिए तैयार किए गए मास्टर टे्रनर्स के प्रशिक्षणों की शृंखला एवं 10 बिन्दुओं में समाहित कर दिए जा रहे प्रशिक्षण के कलेवर की जानकारी दी। मास्टर टे्रेनर श्री राधेलाल शर्मा ने भी इस बारे में जानकारी दी। 

7 से 31 अगस्त तक विभिन्न उपखण्डों में लगेगी कोविड जागरूकता प्रदर्शनी 

सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय जयपुर द्वारा 1 जुलाई से बनीपार्क स्थित राजकीय महारानी उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रारम्भ हुई जिला स्तरीय जनजागरूकता प्रदर्शनी की तरह अब जयपुर जिले के सभी उपखण्ड मुख्यालयों पर 7 अगस्त से 31 अगस्त तक उपखण्ड स्तरीय प्रदर्शनी लगाई जाएगी। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती अलका सक्सेना ने जयपुर के अलावा 12 उपखण्डों में लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जाने वाली वाली प्रचार सामग्री को बुधवार को मास्टर ट्रेनर्स को प्रदान कर गन्तव्यों के लिए रवाना किया। हर उपखण्ड से दो अधिकारियों का मास्टर ट्रेनर के रूप में चयन किया गया है। इन टे्रनर्स को उपखण्ड स्तर पर प्रदर्शनी लगाने एवं अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों, जनसामान्य को प्रशिक्षण एवं जागरूकता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बुधवार को ही इन सभी मास्टर ट्रेनर्स को भी जिला स्तरीय जागरूकता प्रदर्शनी स्थल पर इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

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