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राज्य के सभी राजकीय महाविद्यालयों में कौशल शिक्षा के पाठ्यक्रम आरम्भ होंगे, आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय एवं निदेशक कॉलेज शिक्षा के मध्य एमओयू

जयपुर, 10 जुलाई। राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ललित के. पंवार एवं कॉलेज शिक्षा के निदेशक श्री संदेश नायक की उपस्थिति में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण एमओयू किया गया। जिसके आधार पर प्रदेश के सभी 291 राजकीय महाविद्यालयों में कौशल शिक्षा आधारित रीसू के विभिन्न कोर्स चलाये जायेंगे। कुलपति डॉ. ललित के. पंवार ने विश्वास व्यक्त किया है कि इन महाविद्यालयों में अध्ययनरत् विद्यार्थी अपनी सामान्य डिग्री का अध्ययन करने के साथ-साथ इस विश्वविद्यालय के रोजगारोन्मुखी सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा प्राप्त कर लेगे तो निश्चय ही उन्हें रोजगार उपलब्ध हो जायेगा और अपने पाँव पर खड़े होकर  आत्मनिर्भर बन जायेंगे।

डॉ. पंवार ने बताया कि राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय (रीसू) देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय है जिसने कॉनकरन्ट के आधार पर विद्यार्थियों को सामान्य डिग्री के साथ- साथ रीसू के सर्टिफिकेट डिप्लोमा लेने की सुविधा प्रदान की है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एमओयू के पश्चात् रीसू इन सभी राजकीय महाविद्यालयों से सम्बद्धता शुल्क नहीं लेगा यह निःशुल्क होगी। विद्यार्थी को अलग से एनरोलमेंट कराने की आवश्यकता नहीं होगी। रीसू ऎसे विद्यार्थी को विशेष एनरोलमेंट जारी करेगा।

कॉलेज शिक्षा निदेशक श्री संदेश नायक ने एमओयू पर हस्ताक्षर करने के पश्चात् बताया कि रीसू के कोर्सेस वर्तमान समय में बहुत उपयोगी है। सभी महाविद्यालयों को निर्देशित किया जा रहा है कि वे अपनी सुविधा विद्यार्थियों की मंशा के अनुरूप कॉनकरन्ट आधारित सर्टिफिकेट डिप्लोमा प्रारम्भ करें। व्यावसायिक रूप से जुड़े इन पाठ्यक्रमों की वर्तमान में आवश्यकता है। उन विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी बनाने के सामूहिक प्रयास करने होंगे।

राजस्थान राज्य आई.एल.डी. कौशल विश्वविद्यालय की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर कुलसचिव श्री देवेन्द्र शर्मा ने किये। इस मौके पर कॉलेज शिक्षा के अतिरिक्त आयुक्त श्री बाबूलाल गोयल, रीसू के वित्तीय सलाहकार श्री उम्मेद सिंह, परीक्षा नियंत्रक श्री पी.एम. त्रिपाठी, निदेशक छात्र कल्याण श्री वी.के. माथुर भी मौजूद थे।

कॉलेज शिक्षा निदेशालय के नोडल अधिकारी डॉ. विनोद के. भारद्वाज ने बताया कि राजस्थान में स्थित 291 महाविद्यालयों में 125 स्नातकोत्तर तथा 58 कन्या महाविद्यालय हैं। इन महाविद्यालयों में कॉनकरन्ट के आधार पर कौशल शिक्षा के कोर्सेस चलाने के लिए निदेशालय स्तर से सभी प्रारम्भिक तैयारियाँ पूरी कर ली गई है।

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