कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक : जागरूकता ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार - मुख्यमंत्री
जयपुर, 6 जुलाई। मुख्यमंत्री
श्री अशोक
गहलोत ने कहा
कि आम
लोगों को
यह समझना
होगा कि
कोरोना वायरस
के संक्रमण
का खतरा
अभी टला
नहीं है।
विशेषज्ञों ने
आने वाले
दिनों में
इस वैश्विक
महामारी के
अधिक गंभीर
रूप में
सामने आने
की आंशका
जाहिर की
है। उन्होंने
कहा कि
ऎसे में
जागरूकता ही
कोरोना के
खिलाफ सबसे
बड़ा हथियार
है। अधिकारियों
की यह
जिम्मेदारी है
कि संक्रमण
के फैलाव
को रोकने
में आमजन
की भूमिका
के बारे
में उन्हें
जागरूक और
सावचेत किया
जाए।
श्री
गहलोत ने
सोमवार को
मुख्यमंत्री निवास
पर कोरोना
संक्रमण की
स्थिति की
समीक्षा बैठक
के दौरान
कहा कि
राज्य सरकार
द्वारा महामारी
को रोकने
के लिए
अब तक
किए गए
प्रयासों की
सफलता तभी
संभव है, जब हम
आने वाले
दिनों में
वायरस के
संक्रमण को
बढ़ने से
रोक सकें।
उन्होंने अधिकारियों
को निर्देश
दिए कि
प्रदेश में
जहां कहीं
भी हेल्थ
प्रोटोकॉल के
उल्लंघन के
मामले सामने
आते हैं, वहां लोगों
का आह्वान
करने के
साथ-साथ दण्डात्मक
कार्रवाई कर
नियमों की
सख्ती से
पालना कराई
जाए।
प्रदेश
में स्वास्थ्य
की दृष्टि
से सभी
व्यवस्थाएं दुरूस्त
मुख्यमंत्री
ने कहा
कि राज्य
सरकार ने
कोरोना संक्रमण
से बचाव
के लिए
स्वास्थ्य की
दृष्टि से
सभी जरूरी
व्यवस्थाएं दुरूस्त
हैं। आने
वाले दिनों
में भी
आवश्यकतानुसार कोरोना
की जांच, इलाज तथा
अन्य सहायता
उपलब्ध कराने
में कोई
कोताही नहीं
बरती जाएगी।
उन्होंने कहा
कि राज्य
सरकार यह
सुनिश्चित करेगी
कि प्रदेशवासियों
को महामारी
के प्रकोप
से बचाने
के लिए
संसाधनों की
उपलब्धता में
कोई कमी
नहीं आए।
जांच
के जल्द
नतीजों के
लिए सैम्पल
का माइक्रो-मैनेजमेन्ट
करें
श्री
गहलोत ने
स्वास्थ्य विभाग
के अधिकारियों
को बीते
कुछ दिनों
से बढ़
रहे कोरोना
पॉजिटिव मामलों
के दृष्टिगत
जांच का
दायरा बढ़ाने
के निर्देश
दिए। उन्होंने
कहा कि
संदिग्ध मरीजों
के जांच
सैम्पल का
माइक्रो-मैनेजमेन्ट कर
यह सुनिश्चित
किया जाए
कि कोरोना
की जांच
रिपोर्ट आने
में देरी
नहीं हो।
उन्होंने इसके
लिए आवश्यकतानुसार
एक जिले
के सैम्पल
दूसरे जिले
में भेजने
की व्यवस्था
कर प्रदेश
में कोरोना
टेस्ट की
क्षमता का
अधिकतम उपयोग
करने और
रैन्डम सैम्पलिंग
बढ़ाने का
सुझाव दिया।
सरकार
का लक्ष्य
राजस्थान में
मृत्युदर को
घटाना
मुख्यमंत्री
ने कहा
कि राज्य
सरकार का
लक्ष्य राजस्थान
में कोरोना
से होने
वाली मौतों
को घटाना
है। उन्होंने
सभी स्वास्थ्य
अधिकारियों और
विशेषज्ञ चिकित्सकों
को निर्देश
दिए कि
कोरोना की
मृत्युदर को
घटाने पर
विशेष ध्यान
दें। उन्होंने
कहा कि
विशेषज्ञ चिकित्सकों
ने प्लाज्मा
थैरेपी जैसी
पद्धति पर
फोकस करने
का सुझाव
दिया है।
चिकित्सक यह
विमर्श करें
कि यदि
प्रदेश में
अब तक
किए गए
शोध के
अनुसार प्लाज्मा
थैरेपी सफल
हो रही
है, तो
इस थैरेपी
से इलाज
के लिए
प्लाज्मा डोनेशन
के लिए
विशेष कैम्प
लगाए जाएं।
क्वारेंटाइन
में मरीजों
की 100 प्रतिशत
चेकिंग के
लिए अभियान
चलाएं
श्री
गहलोत ने
संस्थागत तथा
होम क्वारेंटाइन
में रह
रहे संदिग्ध
मरीजों द्वारा
हेल्थ प्रोटोकॉल
की पालना
में शिथिलता
की घटनाओं
पर चिन्ता
व्यक्त करते
हुए कहा
कि किसी
को भी
अपने स्वयं
तथा दूसरों
के जीवन
को खतरे
में डालने
की छूट
नहीं दी
जा सकती
है। उन्होंने
अधिकारियों को
निर्देश दिए
कि क्वारेंटाइन
नियमों की
सख्ती से
पालना सुनिश्चित
कराई जाए
और इसके
लिए जल्द
से जल्द
संस्थागत तथा
होम क्वारेंटाइन
में रह
रहे संदिग्ध
मरीजों की
100
प्रतिशत चेकिंग
के लिए
सघन अभियान
चलाया जाए।
जागरूकता
में जनसम्पर्क
विभाग और
स्वास्थ्य मित्रों
की बड़ी
भूमिका
मुख्यमंत्री
ने सूचना
एवं जनसम्पर्क
विभाग की
ओर से
प्रदेशभर में
चल रहे
कोरोना जागरूकता
अभियान में
और अधिक
गति लाने
के निर्देश
दिए। उन्होंने
कहा कि
जागरूकता अभियान
में स्वास्थ्य
मित्र भी
बड़ी भूमिका
निभा सकते
हैं। उन्होंने
कहा कि
स्वास्थ्य मित्रों
के चयन
के बाद
उनको स्थानीय
स्वास्थ्य अधिकारियों
के साथ
बेहतर समन्वय
के लिए
प्रशिक्षित किया
जाए। साथ
ही, स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
जारी इन
स्वास्थ्य मित्रों
के पहचान-पत्र
और मोबाइल
नम्बर का
डाटा स्थानीय
स्वास्थ्य केन्द्रों
के साथ
साझा किया
जाए ताकि
वे एक-दूसरे
के साथ
समन्वय कर
जरूरतमंद मरीजों
की मदद
कर सकें।
श्री
गहलोत ने
कहा कि
प्रदेश में
अब भी
ऎसे कई
बेसहारा जरूरतमंद
हो सकते
हैं, जिनको
राशन सहित
अन्य आवश्यक
वस्तुओं की
उपलब्धता नहीं
हो। उन्होंने
इसके लिए
खाद्य एवं
आपूर्ति विभाग
को निर्देश
दिए कि
कोरोना संकट
की शुरूआत
में बेसहारा
लोगों के
लिए किए
गए विशेष
सर्वेक्षण की
तर्ज पर
एक बार
फिर सर्वेक्षण
कर जरूरतमंद
लोगों की
पहचान और
मदद की
जाए।
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री रोहित कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्री सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री हेमन्त गेरा एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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