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मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय : पूर्वी राजस्थान नहर प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए प्रस्ताव का अनुमोदन

जयपुर, 14 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राजस्थान के 13 जिलों को पीने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाने के लिए भारत सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव के अनुमोदन और प्रदेश में 10 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों के त्वरित अनुमोदन एवं अनुमति के लिए वन स्टॉप शॉपप्रणाली की स्थापना आदि महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

ईआरसीपी परियोजना के तहत चम्बल नदी बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, पार्वती, कालीसिल, गंभीर आदि नदी बेसिन में डाला जाना प्रस्तावित है। इसके लिए  विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है, जो वर्ष 2017 से केन्द्रीय जल आयोग के पास परीक्षणाधीन है। परियोजना की लागत करीब 37 हजार करोड़ रूपए है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई एवं अक्टूबर 2018 में अपने राजस्थान दौरे के अवसर पर इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा की थी।

उद्योग स्थापना के लिए लागू होगी ‘वन स्टॉप शॉप’ प्रणाली

राज्य में 10 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द आवश्यक अनुमतियां तथा सुविधाएं प्रदान करने के लिए ‘वन स्टॉप शॉप’ प्रणाली की स्थापना की जाएगी, जिससे उद्यमी सुगमतापूर्वक अपनी इकाइयां स्थापित कर सकेंगे। राज्य मंत्रिपरिषद ने इसके लिए राजस्थान उद्यम एकल खिड़की सामर्थकारी और अनुज्ञापन अधिनियम-2011 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। इससे उद्यमियों को अपना उद्यम स्थापित करने में आसानी होगी और प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलबध हो सकेंगे।

प्रदेश में होगा 223 करोड़ रूपए का निवेश

बैठक में गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड को बूंदी जिले के उलेरा गांव में पशु फीड विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए विशेष सुविधा पैकेज प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस परियोजना में 2 चरणों में करीब 132 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। इसी प्रकार इमामी एग्रोटेक लिमिटेड को जयपुर जिले के चंद्रमूल गांव में सरसों की तेल मिल एवं रिफाइनरी के साथ सॉल्वेंट एक्सट्रेक्शन प्लांट स्थापित करने के लिए विशेष सुविधा पैकेज दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इस परियोजना में करीब 91 करोड़ रूपए का निवेश होगा और प्रतिदिन 140 मेट्रिक टन सरसों के तेल का उत्पादन हो सकेगा।

विभिन्न सेवा नियमों में संशोधनों को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने कनिष्ठ कृषि अध्यापक के पद पर तदर्थ नियुक्ति के लिए सेवा नियमों में संशोधन, अस्थाई शिक्षकों के पेंशन प्रकरणों का निस्तारण करने, चिकित्सा शिक्षकों को पदोन्नति के लाभ देने के लिए राजस्थान मेडिकल सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियमोें में संशोधन करने तथा राजस्थान तकनीकी शिक्षा अधीनस्थ के तहत डेमोन्सटे्रटर तकनीकी, प्राध्यापक, विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य के पदों को नवीन वेतनमान का लाभ देने सहित अन्य सेवा नियमों में संशोधन के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है।

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