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बाल श्रम के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही कर बाल श्रमिकों का नियोजन एवं पलायन रोकें

जयपुर, 3 जुलाई। श्रम एवं नियोजन विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने कहा कि विभागीय अधिकारी संबंधित अन्य विभागों से समन्वय कर बाल श्रम के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करें और बाल श्रमिकों का नियोजन एवं पलायन को रोकें।

श्री पवन शुक्रवार को शासन सचिवालय स्थित मीटिंग कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम बाल श्रमिकों की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय बाल श्रमिक परियोजना मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में बाल श्रम जैसी कुप्रथा को सम्पूर्ण समाप्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

शासन सचिव ने कहा कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण गत 2-3 माह में लगभग सभी उद्योग बंद रहे हैं। अब उद्योगों के प्रारंभ होने की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही सभी श्रमिक अपने-अपने निवास स्थान से पुनः अपने नियोजन स्थल की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। यह श्रमिकों एवं उद्योगों के लिए एक नई शुरूआत है। यहां हमें यह ध्यान रखना है कि इस दौर में श्रमिकों के काम पर लौटने के साथ-साथ कहीं बाल श्रमिक भी किसी कार्य में नियोजन के लिए प्रस्थान ना कर लें। इसलिए श्रम विभाग के निरीक्षक एवं अधिकारी अन्य सभी संबंधित विभागों पुलिस, चाइल्ड लाईन, जिला प्रशासन, बाल कल्याण समितियां आदि के समन्वय एवं सहयोग से बाल श्रमिकों का नियोजन एवं पलायन रोकें।

श्री पवन ने जिलों में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की बैठक शीघ्र आयोजित करने के निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में कार्यरत बाल श्रमिक को मुक्त कराने पर बाल श्रमिकों के नियोजकों से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार 20 हजार रुपए की वसूली कर इस राशि से बालक का पुर्नवास करें। साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बाल श्रम नियोजित करने के लिए अपना भवन एवं परिसर उपलब्ध कराने वाले मकान मालिक के विरूद्ध कार्यवाही कर भवन एवं परिसर को सील करने की कार्यवाही सख्ती से करें।

शासन सचिव ने बाल भिक्षावृत्ति रोकने के संबंध में बाल अधिकारिता विभाग एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना के अन्तर्गत जिलों में सर्वे कराने एवं विद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। राजस्थान के गुजरात बॉर्डर पर उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा आदि जिलों से बीटी कॉटन की खेती में प्रतिवर्ष होने वाले बाल श्रमिकों के पलायन को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए। रेलवे के माध्यम से बाल श्रमिकों को लाने-ले जाने वाले व्यक्तियों एवं दलालों पर निगरानी रखे जाने एवं इनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

बैठक में जिला कलक्टर्स एवं श्रम विभाग के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से भाग लिया तथा जयपुर मुख्यालय पर स्थित विभिन्न विभागों के अधिकारी व्यक्तिगत उपस्थित हुए। गैर सरकारी संस्थाओं की और से बाल आश्रम-बचपन बचाओ आन्दोलन से श्री देशराज, टाबर बाल बसेरा से श्री रमेश पालीवाल, प्रयास संस्था से श्रीमती इन्दु सिंह तथा सेन्टर फॉर चाईल्ड प्रोटक्शन से शाईना परवीन तथा शारदा सिंह उपस्थित थे।

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