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कोविड महामारी के कारण कल्याणकारी योजनाओं की प्राथमिकताओं का पुनर्निर्धारण करें - मुख्य सचिव


जयपुर, 29 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा कोविड महामारी के कारण विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पडे़ इसके लिए योजनाओं के क्रियान्वयन में ओर तेजी लाने, जीविकोपार्जन तथा सामाजिक सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों को दूरस्थ इलाकों तक राजकीय सेवा प्रदान करने एवं कोविड महामारी के पूर्व की तरह सामान्य रूप से संचालित किये जाने के निर्देश प्रदान किये है। 

मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने बुधवार को उक्त निर्देशों की अनुपालना में शासन सचिवालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं महिला एवं बालविकास विभाग की राज्य स्तरीय विकास एवं समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए आवश्यक निर्देश प्रदान किये। उन्होंने कोविड महामारी के कारण विभागों की गतिविधियों पर पडने वाले प्रभावों को ध्यान में रखते हुए विभागीय प्राथमिकताओं का पुनर्निर्धारण, केन्द्रीय योजनाओं अन्तर्गत अधिकाधिक राशि प्राप्त किया जाना सुनिश्चित करने तथा बजट घोषणाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित करने के भी निर्देश प्रदान किए। बैठक में लंबित अन्तर-विभागीय प्रकरणों का निस्तारण भी किया गया। 

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को समस्त चिकित्सालयों में स्थापित उपकरणों, उनके रख रखाव, संचालन के लिए तकनीकी कार्मिक की उपलब्धता सुनिश्चित करने, विधायक क्षेत्रीय विकास निधि के माध्यम से आदर्श स्वास्थ्य केन्द्रों विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने, जननी सुरक्षा योजना व इंदिरा गांधी मातृ पोषण योजना को एकीकृत रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए । उन्होंने पंडित दीनदयाल चिकित्सालय, जयपुर के विस्तार हेतु गणगौरी बाजार स्थित राजकीय विद्यालय रथखाना की भूमि स्थानान्तरित करने, धौलपुर मिनी सचिवालय को पूर्व में आवंटित भूमि को मेडिकल कॉलेज को आवंटित करने के प्रस्ताव भेजने तथा सीकर मेडिकल कॉलेज हेतु श्री कल्याण आरोग्य सदन की भूमि प्राप्त करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। 

उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव द्वारा पूर्व में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, गौपालन, सहकारिता तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों तथा जल संसाधन, ऊर्जा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, वन, राजस्व, स्थानीय निकाय विभाग तथा नगरीय विकास एवं आवासन विभाग की राज्य स्तरीय विकास एवं समन्वय समिति की बैठकों में भी निर्देश प्रदान किये जा चुके है।

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