पॉजिटिव लोगों के समय पर उपचार से रिकवरी रेट में सुधार तथा मृत्यु दर में निरन्तर कमी -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 16 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि सेम्पल जांच की संख्या को बढाकर औसतन प्रतिदिन 25 हजार करने से पॉजिटिव की संख्या में तो
वृद्धि हो रही है लेकिन इससे डरने की जरूरत नही है। पॉजिटिव लोगों का जल्दी पता
लगने से उनका समय पर उपचार हो रहा है और इससे रिकवरी रेट में सुधार तथा कोरोना से
होने वाले मृत्यु दर में निरन्तर कमी आ रही है।
डॉ. शर्मा ने गुरूवार
को कोरोना की रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
में यह जानकारी दी। बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एंव स्वास्थ्य श्री अखिल
अरोड़ा, चिकित्सा शिक्षा सचिव
श्री वैभव गैलरिया, एमडी एनएचएम श्री
नरेश ठकराल, आरयूएचएस के कुलपति
डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भण्डारी, निदेशक जनस्वास्थ्य
डॉ. के. के. शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
कोरोना से होने वाली
मृत्यु दर कम होकर अब 2 प्रतिशत
चिकित्सा मंत्री ने
प्रदेश में कोरोना की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश
में अब तक 11 लाख से अधिक कोरोना
सेम्पल की जांच की जा चुकी है। प्रदेश में 27
स्थानों
पर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश में प्रति 10 लाख सेम्पल की दृष्टि से राजस्थान देश
के अग्रणी प्रदेशों में शामिल है। राष्ट्रीय औसत 9168 की
तुलना में राजस्थान में प्रति 10 लाख की आबादी पर 14122 सेम्पल लिये जा रहे है। राजस्थान की
पॉजिटिव रेट 2.35 प्रतिशत है जबकि
राष्ट्रीय औसत 7.82 है। इसी प्रकार
राजस्थान की रिकवरी रेट लगभग 74 प्रतिशत है जबकि
राष्ट्रीय औसत 63.27 प्रतिशत है। राजस्थान
में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर कम होकर अब 2 प्रतिशत
रह गई है जबकि राष्ट्रीय औसत 2.60 है। जुलाई माह में
राजस्थान कोरोना से होने वाली मृत्यु दर 1.54
प्रतिशत
रही है।
अधिक पॉजिटिव आने
वाले जिलों में अतिरिक्त चिकित्सा दल
उन्होंने अधिक
पॉजिटिव आने वाले जिलों में अतिरिक्त चिकित्सा दल एवं अधिकारियों को भिजवाने के
निर्देश दिये। उन्होंने कोरोना के संबंध में संचालित किये जा रहे जागरूकता अभियान
को निरन्तर जारी रखने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने प्रदेश भर में कोरोना
के सुपर स्प्रेडर्स व घरेलु कार्य करने वालो के बारे में सावधानी बरतने पर बल
दिया। कार्य स्थलों पर कोरोना के रोकथाम के संबंध में संबंधित मालिक की जिम्मेदारी
तय करने एवं लापरवाही पाये जाने पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
कटेंनमेंट को सुदृढ
करने के निर्देश
उन्होंने जोधपुर में
दक्षिण भारत एवं मुम्बई से आने वाले रेलों से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में वृद्धि
को ध्यान में रखते हुए विशेष सतर्कता बरते तथा वॉलसिटी में फोकस व कटेंनमेंट को
सुदृढ करने के निर्देश दिये गये। पाली में संभावित कम्युनिटी स्प्रेड को देखते हुए
अतिरिक्त चिकित्सा दल भिजवाने, अलवर के भिवाड़ी में
श्रमिकों के लिए औद्योगिक संस्थानों में क्वारंटाईन की व्यवस्था करने, बीकानेर की वॉलसिटी में सेम्पल की
संख्या बढाने, बाड़मेर व जालोर में
भी अतिरिक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये।
47 गंभीर मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी से
उपचार
डॉ. शर्मा ने बताया
कि प्रदेश में अब तक 47 गंभीर मरीजों का
प्लाज्मा थैरेपी से उपचार किया गया है और इसके शत प्रतिशत परिणाम रहे है। प्लाज्मा
थैरेपी द्वारा वेंटिलेटर पर चल रहे 5 मरीजों का भी उपचार
किया गया है। उन्होंने प्लाज्मा थैरेपी से उपचार के महत्व को ध्यान रखते हुए
प्र्रदेशभर मे पॉजिटिव से नेगेटिव होने वाले लोगों की सूची बनाने के निर्देश दिये।
इन लोगों को प्लाज्मा डॉनेट करने के लिए प्रेरित किया जायेगा ताकि प्लाज्मा थैरेपी
से उपचार के लिए प्लाज्मा बैंक को बढाया जा सके। अब तक पॉजिटिव से नेगेटिव हुए 20 व्यक्ति प्लाज्मा डॉनेट करने के लिए
अपनी रजामंदी दे चुके है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थैरेपी से हुए उपचार
के संबंध में आईसीएमआर ने प्रशनसा पत्र भिजवाया है। कोरोना पॉजिटिव गंभीर प्रकृति
के रोगियों को उपचार के लिए आवश्यक होने पर लगभग 40 हजार
रुपये कीमत के टोसिलीजुमेब इंजेक्शन भी लगाये गये है।
प्रोटोकॉल की सख्ती
से पालना करने की अपील
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग रखना, हाथ धोना एवं भीड़भाड़ में जाने से बचना आवश्यक है। उन्होने प्रदेशवासियों से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना करने की अपील की है। कोरोना की रोकथाम के बारे में जारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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