वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना की समीक्षा बैठक : कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता – मुख्यमंत्री
जयपुर, 22 जुलाई। मुख्यमंत्री
श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अभी तक कोरोना प्रबंधन में सर्वोत्तम
व्यवस्थाएं एवं सर्वश्रेष्ठ परिणाम रहे हैं उन्हें आगे भी इसी जज्बे के साथ कायम
रखना है। कोरोना से जंग में विभिन्न पैरामीटर्स पर राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों
में शामिल है। शुरूआत से लेकर अभी तक हमारे कोरोना प्रबंधन की सराहना पूरे देश में
हुई है। साथ ही,
यह
संदेश भी गया है कि राजस्थान के लोगों में कोरोना से जंग जीतने का जज्बा है।
श्री गहलोत बुधवार को
मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति एवं नियंत्रण
के उपायों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वीसी
में मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों, कलक्टर्स एवं अन्य अधिकारियों का आह्वान किया कि प्रदेश में चल
रहे राजनीतिक परिदृश्य की चिंता किए बिना वे कोरोना संक्रमण को रोकने के अपने
प्रयासों पर पूरी तरह फोकस रखें। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारी सरकारी पूरी ताकत
लगा देगी। कोरोना महामारी को आउट ऑफ कन्ट्रोल होने से रोकना हमारी सर्वोच्च
प्राथमिकता है। प्रदेश के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों में किसी तरह की कमी
नहीं आने दी जाएगी।
कोरोना से लड़ाई में
धन की कमी नहीं आने दी जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा
कि प्रदेश में कोरोना महामारी को अभी तक सभी के सहयोग से नियंत्रण में रखने में
सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरूआत से ही डॉक्टर, नर्सेज, पुलिस एवं प्रशासन के
अधिकारियों,
कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, ग्राम सचिव, पटवारी, प्रधान, सरपंच, वार्ड पंच, पार्षद, धर्म गुरूओं एवं जनप्रतिनिधियों
के सहयोग से हम यह जंग जीतने में कामयाब रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में धन की कोई
कमी नहीं आने दी जाएगी। राज्य सरकार ने संसाधन उपलब्ध कराने में किसी तरह की कमी
नहीं रखी है। आगे भी कोरोना से जंग के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। ‘कोई भी भूखा नहीं सोए‘ राज्य सरकार का यह
संकल्प हमने लॉकडाउन के दौरान पूरा करते हुए हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाई थी।
पात्र परिवारों तक
अविलम्ब पहुंचे अनुग्रह राशि
श्री गहलोत ने
विभिन्न श्रेणियों के 35 लाख जरूरतमंद परिवारों को अनुग्रह राशि के रूप में एक-एक हजार
रूपए का वितरण अविलम्ब करने एवं जिन पात्र लाभार्थियों के बैंकों में खाते नहीं
हैं,
उन्हें
नकद पैसा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ आजीविका
बचाना भी जरूरी है। इसी सोच के साथ लॉकडाउन के बाद विभिन्न चरणों में प्रदेश में
आर्थिक गतिविधियों का संचालन शुरू किया गया था। ऎसे में जरूरी है कि आमजन सोशल
डिस्टेंसिंग रखने,
मास्क
पहनने एवं ज्यादा भीड़ एकत्रित नहीं करने जैसे हैल्थ प्रोटोकॉल का पालन करें।
कोरोना से बचाव के
लिए जागरूकता जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा
कि आमजन को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक करना काफी अहम है। जून माह में चलाए गए
जागरूकता अभियान के सकारात्मक परिणाम आए हैं। आगे भी जागरूकता गतिविधियां जारी रखी
जाएं। उन्होंने एसएमएस अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी में मिली सफलता को देखते हुए
हर जिले में प्लाज्मा थैरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध
कराए जाएंगे।
बैठक में चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता 40 हजार प्रतिदिन तक
पहुंच गई है। राजस्थान में रिकवरी रेट बढ़ी है एवं कोरोना से मृत्युदर भी राष्ट्रीय
औसत से काफी कम है। उन्होंने कहा कि जयपुर सहित कई अन्य जिलों में प्लाज्मा थैरेपी
के लिए अनुमति लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कोरोना के साथ-साथ मौसमी
बीमारियों पर नियंत्रण पर भी फोकस करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्री
राजीव स्वरूप ने हैल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना के साथ ही जागरूकता पर ध्यान
देने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
कराने एवं औद्योगिक इकाइयों में हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना की मॉनिटरिंग के निर्देश
कलक्टर्स को दिए।
विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट
के अधिकार मिलेंगे
अतिरिक्त मुख्य सचिव
गृह श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने ऎपिडेमिक एक्ट के तहत
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जिला परिषद के सीईओ एवं बीडीओ, औद्योगिक क्षेत्रों
के लिए रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, प्रबंधक तथा
महाप्रबंधक डीआईसी को जबकि शहरों में शुरू हुए सार्वजनिक परिवहन के लिए डीटीओ एवं
आरटीओ को भी विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट के अधिकार देने का निर्णय किया है ताकि
हैल्थ प्रोटोकॉल एवं राज्य सरकार के अन्य दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित हो
सके।
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री अखिल अरोरा ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 12 लाख 70 हजार नमूने लिए गए
हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 31 हजार 599 है, जिनमें से 22 हजार 889 ठीक हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने एवं इसका प्रसार रोकने के
लिए सुपर स्प्रेडर्स, हाई रिस्क गु्रप एवं सघन बसावट वाली बस्तियों पर विशेष फोकस
करने के निर्देश दिए गए हैं।
वीसी के दौरान
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी एवं अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि अन्य
राज्यों के मुकाबले राजस्थान की स्थिति काफी बेहतर है। टेस्टिंग बढ़ने के कारण
पॉजिटिव केस बढ़े हैं लेकिन प्रदेश में मृत्युदर काफी कम है। विशेषज्ञों ने
प्रभावित कलस्टर्स में सख्त कंटेनमेंट, सोशल डिस्टेंसिंग की
समुचित पालना कराने एवं आमजन में जागरूकता फैलाने के सुझाव दिए।
वीसी के दौरान जोधपुर, अलवर, बीकानेर, पाली, जयपुर, बाड़मेर, जालोर, प्रतापगढ़ एवं कोटा के
कलक्टर्स ने उनके जिलों में संक्रमण रोकने के लिए किए जा रहे उपायों एवं पॉजिटिव
केसेज की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी।
वीसी में सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, अति. मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव खान श्री सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री सौरभ श्रीवास्तव, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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