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कोरोना संक्रमण रोकथाम में राजस्थान देश भर में अव्वल, रिकवरी रेट सुधरकर 73.83 प्रतिशत एवं मृत्युदर कम होकर हुई 1.90 प्रतिशत

जयपुर, 20 जुलाई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम की द्वष्टि से राजस्थान देश में अग्रणी प्रांतों में शामिल है। प्रदेश में कोरोना सैंपल जांच की संख्या बढ़ाकर औसतन प्रतिदिन 25000 करने से हालांकि पॉजीटिव लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन कोरोना पॉजिटिव का जल्दी पता लगने से समय पर उपचार के परिणाम स्वरूप रिकवरी रेट सुधरकर 73.83 प्रतिशत तथा कोरोना से होने वाली मृत्युदर कम होकर 1.90 प्रतिशत रह गई है।

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा समय-समय पर स्थिति की समीक्षा कर कोविड-19  के कारण होने वाली जनहानि को रोकने के लिए भी हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के अनुरूप कोरोना की अधिकाधिक जांच कर कोरोना मरीजों की जल्द पहचान कर चिकित्सा प्रांरभ की जा रही है। समस्त जिलों में पर्याप्त कोविड केयर सेंटर एवं कोविड केयर अस्पतालों में व्यवस्था सतत रखने के निर्देश दिए गए हैं। एमसएमएस अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी के परिणामों को देखते हुए अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी इसके विस्तार के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जांच के क्रम में जिलेवार पॉजिटिव आने वाले मरीजों का विश्लेषण कर संवेदनशील स्थानों पर फोकस कर जांच कराने व नियमित फॉलोअप करने के निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेशवासियों से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रोटोकॉल मसलन मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना, बार-बार हाथ धोना एवं भीड़भाड़ में जाने से बचने की अपील की है। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए निर्धारित समस्त प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव लगातार कर रहे है कोरोना प्रबन्धन की समीक्षा, रणनीति और सृदढ़ की जाएगी

मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने 16 जुलाई व 17 जुलाई को लगातार प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह श्री रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्री अखिल अरोड़ा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया सहित राज्य स्तरीय चिकित्सकीय विशेषज्ञ दल एवं सभांगीय सचिवों के साथ चर्चा कर कोविड-19 की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। चर्चा में कोरोना के प्रभावी नियंत्रण की द्वष्टि से रणनीति को और मजबूत करने के लिए आवश्यक निर्णय लिए गए। संभागीय प्रभारी सचिवों को नियमित रूप से जिला कलेक्टर्स, महानिरीक्षक पुलिस, आयुक्त पुलिस, पुलिस अधीक्षकों एवं सीएमएचओ के संपर्क में रहकर समीक्षा करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने बताया कि हालांकि राजस्थान कोविड-19 प्रबंधन के मानकों में देश का अग्रणी राज्य है लेकिन देश भर तथा प्रदेश में कोविड-19 प्रकरणों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रभावी रूप से सोशल डिस्टेसिंग लागू करने, मास्क पहनना सुनिश्चित करवाने तथा सेनेटाइजेशन की प्रभावी व्यवस्था आवश्यक है। इस संबंध में जन चेतना जागृत करने के साथ ही उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं कार्य स्थल पर उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित व्यवस्थापकों के विरूद्ध करने के भी निर्देश दिए गए।

श्री स्वरूप ने कोविड-19 की कड़ी को रोकने के लिए जांच पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश दिए। विशेष रूप से वल्नरेबल गु्रप, सुपर स्प्रेडर आदि पर विशेष ध्यान देने के साथ ही सघन आबादी वाली बस्तियों एवं पॉजिटिव मामलों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर पर्याप्त मात्रा में सैंपल लेकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पॉजिटिव की संख्या को ध्यान में रखते हुए पाली जिले में अतिरिक्त राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं अलवर, बीकानेर व पाली में अतिरिक्त चिकित्सा दल भेजे गए हैं। कोविड-19 के प्रसार के पैटर्न का अध्ययन कर पाली शहर, बाड़मेर शहर, बीकानेर चार दीवारी, सांचौर आदि क्षेत्रों में कठोर कंटेंमेंट लागू किया गया है।

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