ब्रेकिंग न्‍यूज

राजस्व मंत्री ने जैसलमेर में ली अधिकारियों की बैठक, कोविड-19 और टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा कर दिए आवश्यक निर्देश

जयपुर, 3 जुलाई। राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने शुक्रवार को जैसलमेर के  जिला कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जैसलमेर जिले में कोरोना महामारी एवं टिड्डी प्रकोप की स्थिति के नियंत्रण के लिए संचालित गतिविधियों, कार्य योजना और तैयारियों के बारे में जिलास्तरीय अधिकारियों की  बैठक ली और गहन समीक्षा करते हुए  आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होने कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा करते हुए जैसलमेर से अन्य क्षेत्रों में पहुंचाए गए प्रवासी श्रमिकों से संबंधित फीडबेक लेने के निर्देश दिए और कहा कि इससे कोरोना संक्रमण की स्थिति जानने में मदद मिलेगी। इस बारे में जानकारी जुटायी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के बारे में व्यापक लोक जागरण को जारी रखा जाना जरूरी है। इस कार्य को अन्य अभियानों व गतिविधियों से जोड़कर जन-जन तक इसकी सावधानियों के बारे में अवगत कराएं और इनके अनिवार्य पालन के लिए जागरुक करें और हर स्तर पर कोरोना से बचाव के लिए सभी प्रकार की तैयारियां और एहतियाती प्रबन्ध हमेशा मजबूत बनाए रखें।

राजस्व मंत्री ने कहा कि राज्य  सरकार की प्राथमिकता शहरों और गांवों में विभिन्न स्थानों पर सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं से युक्त चिकित्सालयों को विकसित करने की है ताकि सभी स्थानों पर लोगों को आसानी से जरूरी ईलाज व जांच का लाभ प्राप्त हो सके। इस पर सर्वाधिक फोकस किया जा रहा है।

उन्होंने जिला प्रशासन तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोकरण सीएचसी सहित जिले में विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संरचनात्मक ढांचे को मजबूत करते हुए बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों के साथ चिकित्सा सेवाओं का विकास एवं विस्तार कर आदर्श केन्द्रों के रूप में विकसित करें ताकि किसी भी प्रकार की परिस्थितियां सामने आने पर जरूरतमन्दों को अपने ही क्षेत्रों में आसानी से चिकित्सा सेवाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

कोविड-19 के मद्देनज़र भी यह जरूरत पड़ने पर उपयोगी सिद्ध होंगे

इसी प्रकार चुनिन्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों को भी विकसित करने की उन्होंने आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है, इसकी चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं इसलिए सभी प्रकार की ऎहतियाती व्यवस्थाओं के प्रति गंभीर रहना बहुत जरूरी है।

उन्होंने जिले में मीलों तक की दूरी के बीच अवस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मोनिटरिंग एवं आवश्यक गतिविधियों के लिए जिला मुख्यालय  से सीधे संचार सम्पर्क नेटवर्क से जोड़ने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि इस दिशा में ठोस कार्य किया जाना जरूरी है ताकि सुदूरवर्ती चिकित्सा संस्थानों की कार्यप्रणाली को और अधिक बेहतर बनाया जा सके।

राजस्व मंत्री ने संस्थागत क्वारंटीन को बेहतर एवं सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इसमें सभी व्यवस्थाएं इस प्रकार करें कि रहने वाले असहज महसूस न करें।

टिड्डी नियंत्रण से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों पर टिड्डी नियंत्रण की विशेष जिम्मेदारी है क्योंकि इन जिलों में ही प्रभावी ढंग से टिड्डी नियंत्रण हो जाने की स्थिति में अन्य सभी क्षेत्रों को राहत मिल जाती है। इसके लिए उन्होंने किसानों और ग्रामीणों की पूरी-पूरी भागीदारी, व्यापक लोक जागरण, सटीक एवं सही सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान और सघन एवं प्रभावी सर्वे पर फोकस करने पर बल दिया।

राजस्व मंत्री ने सर्वे वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाने, रोजाना की गतिविधियों की सतत मोनिटरिंग, छोटी-छोटी बातों पर भी पूरा ध्यान देने के निर्देश दिए।

श्री चौधरी ने मौजूदा परिस्थितियों में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण के साथ ही कृषि बीमा योजनाओं की जानकारी आम किसानों तक पहुंचाकर उन्हें लाभान्वित करने पर जोर दिया।

इस अवसर स्‍थानीय जनप्रनिधियो एवं अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किये।

बैठक मे स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं सम्‍बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

No comments