प्रदेश में चुनिंदा सूखे ट्यूबवैल्स की स्टडी से बनेगा 'वाटर रिचार्ज प्लान' प्रमुख शासन सचिव ने दिए समीक्षा बैठक में निर्देश
जयपुर, 8 जून। प्रदेश में भू-जल
विभाग द्वारा सभी जिलों में सूख चुके ट्यूबवैल्स में से कुछ का चयन कर उन स्थानों
पर ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज की दृष्टि से प्लान तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर ऎसा
मॉड्यूल विकसित करने का प्रयास होगा, जो भविष्य में खोदे
जाने वाले नए ट्यूबवैल्स एवं हैंडपम्प वाले स्थानों पर भू-जल रिचार्ज और उनके
लम्बे समय तक संचालित होने में मददगार बनें।
जलदाय एवं भू-जल विभाग के प्रमुख शासन
सचिव श्री राजेश यादव ने सोमवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन
(डब्ल्यूएसएसओ) के कार्यालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते
हुए इस बारे में अधिकारियों से चर्चा करते हुए निर्देश प्रदान किए।
प्रत्येक जिले में
चिह्वित होंगे 10 ट्यूबवैल्स
श्री यादव ने भू-जल विभाग के अधिकारियों
से कहा कि वे प्रत्येक जिले से ऎसे करीब 10 ट्यूबवैल्स चिन्हित करें
और उनका ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज की दृष्टि से मॉड्यूल तैयार करें। इन स्थानों का 4-5 माह बाद सर्वे कराया
जाएगा। इससे निकलकर आने वाले नतीजों के आधार पर जलदाय विभाग भविष्य में नए खोदे
जाने वाले ट्यूबवैल्स एवं हैंडपम्पों के प्लान के साथ ही वहां 'रिचार्ज स्ट्रक्चर' की जरूरतों को समाहित
करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में ट्यूबवैल्स और
हैंडपम्प सूख जाते हैं, ऎसे में यह आवश्यक है कि जब भी नया ट्यूबवैल या हैंडपम्प खोदा
जाए जो उसके इर्द-गिर्द वाटर रिचार्ज का स्ट्रक्चर भी साथ-साथ बनाया जाए, इसके लिए कांट्रेक्टर
के साथ सर्विस एग्रीमेंट में ही 'टयूबवैल' और 'हैंडपम्प' की खुदाई के साथ ही 'वाटर
रिचार्ज स्ट्रक्चर' तैयार करने के प्रावधान शामिल किए जा सकते हैं।
पेयजल आपूर्ति की
विस्तृत समीक्षा
प्रमुख शासन सचिव ने प्रदेश के शहरी एवं
ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई की स्थिति की विस्तार से समीक्षा करते हुए
अधिकारियों को सतर्कता और सजगता के साथ मॉनिटरिंग के निर्देश दिए ताकि कहीं भी
लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में पूरे
प्रदेश में लोगों की जरूरतों के हिसाब से 47 शहरों में 489 टैंकर्स के माध्यम से
3200
टैंकर
ट्रिप प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 1518 ग्राम एवं 1736 ढाणियों में 1002 टैंकर्स द्वारा 3996 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन
के आधार पर जल परिवहन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष इस समय तक प्रदेश
के 51
शहरों
में 569
टैंकर्स
के माध्यम से 4019
टैंकर
ट्रिप प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 3152 ग्राम एवं 2557 ढाणियों में 1854 टैंकर्स द्वारा 7428 टैंकर ट्रिप प्रतिदिन के आधार पर जल परिवहन
किया जा रहा था।
गत सप्ताह में करीब 6 हजार हैंडपम्पों की
मरम्मत
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 44वें हैंडपम्प रिपेयरिंग
अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में अब तक 4849 तथा ग्रामीण
क्षेत्रों में 38
हजार
752
हैंडपम्प
की मरम्मत की जा चुकी है। इसके तहत गत एक सप्ताह में शहरी क्षेत्र में 840 तथा ग्रामीण
क्षेत्रों में 5086
हैंडपम्पों
की रिपेयरिंग की गई है। इसके अलावा राज्य में 716 हैण्डपम्प, 1070 ट्यूबवैल्स तथा 91 सिंगल फेज ट्यूबवैल्स
अब तक खोदे जा चुके हैं, जबकि 404 हैण्डपम्प, 558 ट्यूबवैल्स तथा 15 सिंगल फेज ट्यूबवैल्स
की कमीशनिंग की जा चुकी है। विभाग द्वारा कोराना के कारण लॉकडाउन और गर्मिर्यों के
कारण उत्पन्न स्थितियों में लगातार राज्य एवं जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों तथा
सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रकरणों का निस्तारण किया जा रहा
है। गत 24
मार्च
से अब तक राज्य स्तर पर 916 शिकायतों में से 869 तथा जिला स्तरीय
नियंत्रण कक्षों पर प्राप्त 10531 प्रकरणों में से 10425 का निस्तारण किया जा
चुका है। पेयजल की गुणवत्ता पर भी बराबर नजर रखी जा रही है, विभाग के कार्यालयों
के अलावा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के माध्यम से पेयजल की गुणवत्ता
के परीक्षण के लिए सैम्पल कलैक्शन कर कैमिकल जांच एवं अवशेष क्लोरिन की जांच की
कार्यवाही लगातार जारी है।
जिओं टैगिंग के कार्य
में तेजी लाए
श्री यादव ने बैठक में जलदाय विभाग की
परिसम्पतियों के जिओ टैगिंग के कार्य की समीक्षा करते हुए इसमें और तेजी लाने के
निर्देश दिए। उन्होंने प्रोजेक्ट्स में काम आने वाली सामग्री के लिए 'मैटेरियल
मैनेजमेंट' का 'एप' विकसित करने के
निर्देश देते हुए कहा कि विभागीय अन्य विभागीय कार्यों की आईटी के माध्यम से
मॉनिटरिंग के लिए एनआईसी और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के माध्यम से
विकसित किए जा रहे 'मॉड्यूल्स' की प्रगति की भी
नियमित समीक्षा की जाए। जो 'मॉड्यूल्स' तैयार हो गए है, उनकों टेस्टिंग के
बाद 'रोल आउट' किया जाए। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में
प्रयोग की सम्भावना भी तलाशी जाए। उन्होंने अंतरविभागीय मुद्दों के सम्बंध में भी
वन विभाग,
एनएचएआई
(राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) एवं स्थानीय निकाय विभाग के साथ पेयजल परियोजनाओं
से सम्बंधित मुद्दों के बारे में भी समन्वय बैठकें शीघ्रता से आयोजित करने के
निर्देश दिए।
मेजर प्रोजेक्ट्स के
कार्यों की समीक्षा
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