वीसी से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक : अधिकारी संवेदनशीलता से जनता की समस्याएं सुनकर तत्परता से समाधान करें - जलदाय मंत्री
जयपुर, 9 जून। जलदाय मंत्री डॉ
बीडी कल्ला ने कहा है कि पेयजल सभी लोगों के लिए बड़ी आवश्यकता और जीवन का आधार है, यदि कोई व्यक्ति
पेयजल से संबंधित समस्या लेकर विभाग के कार्यालयों से सम्पर्क करता है, तो उसकी संवेदनशीलता
के साथ सुनवाई कर तत्परता से निदान करें। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में सभी
अभियंता अपने-अपने जिलों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुचारू
बनाए रखने पर पूरा फोकस करें और समस्या वाले इलाकों में जल परिवहन के माध्यम से
लोगों को राहत पहुंचाए, इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें।
डॉ. कल्ला मंगलवार को जयपुर में शासन
सचिवालय के एनआईसी स्टूडियो से जलदाय विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जनता की ओर से
दर्ज कराए जाने वाले प्रकरणों में से ज्यादा से ज्यादा का जिला स्तर पर ही
निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसी से अधिकारियों की कार्य क्षमता की
परख होती है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों और राज्य स्तरीय
नियंत्रण कक्षों के माध्यम से 95 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया है, जो सराहनीय है।
कार्यों में गुणवत्ता
से कोई समझौता नहीं
जलदाय मंत्री ने करीब तीन घंटे तक चली
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के एनआईसी सेंटर्स पर मौजूद मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य
अभियंता,अधीक्षण अभियंता और
अधिशासी अभियंताओं से सीधे संवाद करते हुए पेयजल परियोजनओं की प्रगति के बारे में
भी बारी-बारी से फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रोजेक्ट्स के कार्यों में
गुणवत्ता पर पूरी तरह फोकस करे। किसी भी काम में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा।
प्रोजेक्ट की स्वीकृति में पाईपलाइन एवं अन्य मैटेरियल जो तय किया गया है, उनका ही मौके पर
उपयोग हो,
यह
सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए, ताकि गुणवत्ता पूर्ण कार्यों
से लोगों को लम्बे समय तक योजनाओं का बिना किसी रूकावट के लाभ मिल सके। उन्होंने
कहा कि ऎसे प्रोजेक्ट्स जिनमें ज्यादातार कार्य हो गया है, उनमें शेष बची
रूकावटों को दूर कर शीघ्रता से पूरा करे।
अधिकारी अपने
क्षेत्रों का लगातार करे दौरा
डॉ. कल्ला ने अधिकारियों को निर्देश दिए
कि सभी जिलों में वे अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों को लगातार दौरा कर लोगों की
पेयजल सम्बंधी समस्याओं पर करीबी नजर रखे। अतिरिक्त मुख्य अभियंत, अधीक्षण अभियंता एवं
अधिशाषी अभियंता अपने इलाकों में भ्रमण के दौरान लोगों को जल की बचत और संरक्षण के
लिए भी प्रेरित करे। लोगों की समय पर पेयजल की आपूर्ति हो रही है या नहीं इसके
बारे में फील्ड विजिट के दौरान मौके पर जानकारी लेते हुए समुचित पेयजल प्रबंधन
सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आने वाले दिलों में जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन
के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष
कार्यक्रम चलाया जाएगा।
विधायकों के कार्यों को
दे सर्वोच्च प्राथमिकता
जलदाय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को
निर्देश दिए कि सभी जिलों में मुख्यमंत्री द्वारा दी गई 25-25 लाख रुपए की विशेष
स्वीकृति के बाद विधायकों की अनुशंसा पर आरंभ किए गए कार्यों को सर्वोच्च
प्राथमिकता देते हुए वर्षा से पहले पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों की
तरफ से अभी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए, अधिकारी उनसे संपर्क
कर जल्द से जल्द प्रस्ताव प्राप्त करें। उन्होंने सभी जिलों में कंटीजेंसी प्लान
के तहत स्वीकृत कार्यों को भी समय पर पूरा करने के निर्देश दिए जिससे लक्षित वर्ग
को सही समय पर इनका पूरा फायदा मिले।
प्रो-एक्टिव तरीके से
हो प्लानिंग
डॉ. कल्ला ने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां
भी पेयजल की ज्यादा समस्या है, वहां पर अधिकारी प्रो-एक्टिव तरीके से प्लानिंग करें। ऎसे
क्षेत्रों में जिस तरीके से लोगों को स्थाई राहत प्रदान की जा सकती है, उसके बारे में अपने
सुझाव तथा प्रोजेक्ट बनाकर उच्च स्तर पर भेजें। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में
स्थापित आरओ प्लांट और डीएफयू यूनिट्स की सतत मॉनिटरिंग की जाए, जहां भी किसी कारण से
आरओ या डीएफयू बंद पाए जाए वहां सम्बंधित कांट्रेक्टर से सम्पर्क कर उनको चालू
कराएं,
यह
सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने हैंड पम्पों, ट्यूबवेल की खुदाई और
कमीशनिंग आदि के कार्यों को विभागीय लक्ष्यों के अनुरूप समयबद्ध रूप से पूर्ण करने
के निर्देश दिए।
इन कार्यों की हुई
विस्तार से समीक्षा
उन्होंने वीसी में प्रदेश के सभी जिलों
में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की मौजूदा स्थिति, टैंकर्स के माध्यम से
जल परिवहन,
हैंड
पम्पों एवं ट्यूबवैल्स की खुदाई एवं कमीशनिंग के स्टेटस, हैंडपम्प रिपेयरिंग
अभियान के दौरान ठीक किए गए हैंडपम्पस के वैरिफिकेशन, कंटीजेंसी प्लान के
तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति, विधायकों की अनुशंषा पर स्वीकृत कार्य, आरओ एवं डीएफयू की
क्रियाशीलता,
जलदाय
योजनाओं के लम्बित विद्युत कनैक्शंस, अंतर विभागीय मुद्दों, पेयजल की गुणवत्ता
जांच के लिए सैम्पल कलैक्शन एवं कोविड के कारण प्रभावित हुए परियोजनओं के कार्यों
की विस्तार से समीक्षा की॥ उन्होंने सभी जिलों, गांवों, ढाणियों, कस्बों, शहरों, कच्ची बस्तियों और
अन्य आबादियों से सम्बंधित प्रकरणों के बारें में अभियंताओं से सवाल किए और इनके
बारे में उनको आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
कंटीजेंसी प्लान में 1605.14 लाख के कार्य स्वीकृत
जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री
राजेश यादव ने वीसी के दौरान जानकारी दी कि इस वर्ष गर्मिैयों के लिए कंटीजेंसी
प्लानन के तहत प्रदेश के जिलों में 1605.14 लाख रुपये की राशि के
408
कार्य
स्वीकृत किए गए हैं, इनमें से 304 कार्य मौके पर आरम्भ हो चुके है, 130 कार्यों को पूर्ण कर लिया
गया है। उन्होंने बताया कि विधायकों की अनुशंसा पर विभाग द्वारा लगातार कार्य
स्वीत किए जा रहे हैं। अब तक 25-25 लाख की राशि के तहत जिलों से विधायकों
की ओर से 624
कार्यों
की सूची प्राप्त हुई है,इनमें से 9 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि के 265 कार्य स्वीकृत किए जा
चुके हैं,
शेष
की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।
प्रति सप्ताह दो दिन
हो फील्ड विजिट
श्री यादव ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता
स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पेयजल प्रबंधन में सुधार के लिए प्रति
सप्ताह अपने अधीन आने वाले जिलों के गांवों में कम से कम दो दिन एवं एक रात का
बिताएं। मौके पर लोगों की समस्याओं का आंकलन करे तथा अपने लम्बे अनुभव को अधीनस्थ
अभियंताओं के साथ साझा करे। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलों
में हैंड पंप और ट्यूबवेल की खुदाई और कमीशनिंग के कार्यों में गति लाए और बरसात
से पहले इनका काम पूरा करें।
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