विद्यार्थी उत्कृष्ट कृषि वैज्ञानिक के रूप में उभरकर देश सेवा करें - ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री ने किया
कृषि महाविद्यालय के कन्या छात्रावास का शिलान्यास
जयपुर, 27 जून। ऊर्जा तथा जन स्वास्थ्य एवं
अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शनिवार को कृषि महाविद्यालय के कन्या
छात्रावास का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर उन्होंने
कहा कि आज के कृषि विद्यार्थी भविष्य में उत्कृष्ट कृषि वैज्ञानिक के रूप में
उभरें और देश की सेवा करें। इसके मद्देनजर शिक्षा के दौरान इन्हें सभी आधारभूत
सुविधाएं एवं संसाधन मुहैया करवाना जरूरी है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि बीकानेर
में लगभग तैतीस वर्ष पूर्व उनके द्वारा जिस विश्वविद्यालय का बीजारोपण किया गया, वह आज वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है।
इस अवधि में यहां से हजारों विद्यार्थी शिक्षार्जन कर देशभर में विश्वविद्यालय का
प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विद्यार्थियों के हितों के लिए
राज्य सरकार सदैव कृत संकल्प है।
डॉ.कल्ला ने कहा कि
पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा इस
दिशा में प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रति यूनिट बिजली के
उत्पादन पर लगभग 5 रुपये व्यय हो रहे
हैं। सब्सिडी के पश्चात् सरकार द्वारा किसानों को यह बिजली 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध करवाई
जा रही है। वहीं सौर ऊर्जा के उपयोग से आधी दर पर ही बिजली पैदा हो सकेगी।
उन्होंने प्रदेश में विद्युत तंत्र सुदृढ़ीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे
में बताया।
डॉ.कल्ला ने
विश्वविद्यालय में कार्यरत संकायों एवं विभागों के बारे में जाना। नवीन अनुसंधानों
को किसानों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक मोठ और
चना की ऎसी किस्में विकसित करें, जिनमें मोजेक (पत्तों
का पीलापन) नहीं लगे। उन्होंने फसलों में लगने वाले रोगों तथा कीटों एवं इनके
निदान के लिए किए जा रहे अनुसंधान कार्यों की जानकारी ली। छोटी जोत वाले किसानों
को मशरुम की खेती के लिए प्रेरित करने को कहा। जिससे उन्हें अतिरिक्त आय हो सके।
डॉ. कल्ला ने विश्वविद्यालय की प्रसार गतिविधियों के बारे में जाना तथा मूल्य
संवर्धित उत्पादों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
सौलर संयंत्र की
स्थापना से बचेंगे पचास लाख
स्वामी केशवानंद
राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बताया कि भारतीय
कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा आवंटित बजट से छात्रावास का निर्माण होगा। इसमें 32 कक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि
विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा, प्रसार एवं अनुसंधान
गतिविधियों के प्रति समर्पित है। विश्वविद्यालय के सभी भवनों और पूरे परिसर को
सौलर संयंत्र से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। इन संयंत्रों की स्थापना के बाद
विश्वविद्यालय को प्रति वर्ष लगभग पचास लाख रुपये की बचत होगी।
कुलपति ने बताया कि
खजूर अनुसंधान केन्द्र में 34 किस्मों पर अनुंसधान
चल रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित चने की गणगौर-1581 का पूरे देश में प्रभावी प्रतिनिधित्व
है। विश्वविद्यालय के सातों कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में
कृषि संबंधी मार्गदर्शन की सतत गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया
कि विश्वविद्यालय द्वारा पहल करते हुए जिले के सभी विश्वविद्यालयों एवं आइसीएआर
संस्थानों से करार किए गए हैं, जिससे सभी संस्थानों
के संसाधनों का समुचित उपयोग कृषि एवं कृषक हित में हो सके।
डॉ. कल्ला ने चखे
बाजरे के बिस्किट
इस दौरान डॉ. कल्ला
ने स्वामी विवेकानंद कृषि संग्रहालय का अवलोकन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की
समस्त इकाईयों की प्रमुख गतिविधियों एवं उपलब्धियों के संग्रहण को सराहा। साथ ही
विश्वविद्यालय के खाद्य एवं पोषण विभाग द्वारा बनाए गए बाजरे के मूल्य संवर्धित
उत्पादों के बारे में जाना। उन्होंने बाजरे के बिस्किट चखा तथा इन उत्पादों के
विपणन की प्रभावी रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि यंत्र एवं मशीनरी
परीक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र, अनुसंधान तथा प्रसार
शिक्षा निदेशालय, कृषि महाविद्यालय
सहित समस्त गतिविधियों का अवलोकन किया।
वैदिक मंत्रोच्चार के
साथ किया भूमि पूजन
इससे पहले ऊर्जा
मंत्री डॉ. कल्ला ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कन्या छात्रावास का भूमि पूजन किया।
उन्होंने शिला पट्टिका का अनावरण किया तथा इस कार्य को शीघ्र पूर्ण करने को कहा, जिससे छात्राओं को इसका लाभ मिल सके। इस
अवसर पर कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने उन्हें ‘बदलाव की गाथा गाते
चित्र’ पुस्तिका भेंट की।
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. आई. पी. सिंह ने आगंतुकों का आभार जताया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर मौजूद रहे। इस दौरान शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रतन सिंह शेखावत, प्रधान राजकुमार चूरा, संगठन मंत्री महेन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में शैक्षणेत्तर कर्मचारियों ने डॉ. कल्ला का स्वागत किया।
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