मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री का प्रारंभिक वक्तव्य
आप सभी साथियों का बहुत-बहुत अभिनंदन !!
Unlock-One के बाद ये हमारी पहली मुलाकात है। देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में Unlock-One के अनुभवों पर कल मेरी विस्तार से चर्चा हुई है। ये वास्तविकता है कि कोरोना का फैलाव कुछ बड़े राज्यों, बड़े शहरों में अधिक है। कुछ शहरों में अधिक भीड़, छोटे-छोटे घर, गलियों-मोहल्लों में फिजिकल डिस्टेंसिंग की कमी, हर रोज हजारों लोगों की आवाजाही, इन बातों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
फिर भी हर देशवासी के संयम, अनेक जगहों पर प्रशासन की तत्परता और हमारे कोरोना योद्धाओं के समर्पण की वजह से हमने हालात को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने दिया है। समय पर ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और रिपोर्टिंग के कारण हमारे यहां संक्रमण से Recover होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये राहत की बात है कि ICU और वेंटिलेटर केयर की ज़रूरत भी बहुत कम मरीजों को पड़ रही है।
समय पर उठाए गए सही कदमों के कारण हम सभी इस बड़े खतरे का मुकाबला कर पाए हैं। लॉकडाउन के दौरान देश की जनता ने जो अनुशासन दिखाया है, उसने Virus की Exponential Growth को रोका है। चाहे इलाज की व्यवस्था हो, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हो या Trained Manpower हो, आज हम कहीं ज्यादा संभली हुई स्थिति में हैं।
आप भी इससे परिचित हैं कि सिर्फ तीन महीने पहले PPEs के लिए, Diagnostic Kits के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया के अनेक देशों में हाहाकार मचा हुआ था। भारत में भी बहुत लिमिटेड स्टॉक था, क्योंकि हम पूरी तरह से इंपोर्ट पर डिपेंडेंट थे। आज स्थिति ये है कि पूरे देश में 1 करोड़ से अधिक PPEs और इतने ही N95 मास्क राज्यों तक पहुंचाए जा चुके हैं। हमारे पास Diagnostic Kits का पर्याप्त स्टॉक है और इनकी Production Capacity भी बहुत बढ़ाई गई है। अब तो पीएम-केयर्स फंड के तहत भारत में ही बने Ventilators की सप्लाई भी शुरु हो चुकी है।
आज पूरे देश में कोरोना की 900 से ज्यादा टेस्टिंग लैब हैं, लाखों कोविड स्पेशल बेड हैं, हजारों क्वारन्टीन और आइसोलेशन सेंटर्स हैं और पेशेन्ट्स की सुविधा के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई भी है। लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में ह्युमेन रिसोर्स को Train किया गया है। सबसे बड़ी बात, आज देश का हर नागरिक इस वायरस के प्रति पहले से ज्यादा सचेत हुआ है, जागरूक हुआ है। ये सबकुछ राज्य सरकारों के सहयोग से, स्थानीय प्रशासन के दिन-रात काम करने की वजह से ही संभव हो पाया है।
साथियों,
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीत का विश्वास दिलाने वाली इन बातों के बीच, हमें Health Infrastructure, Information Systems, Emotional Support और Public Participation पर इसी तरह निरंतर बल देना होगा।
साथियों,
कोरोना के बढ़ते हुए मरीजों की संख्या को देखते हुए, Health Infrastructure का विस्तार करना, हर जीवन को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ये तभी होगा जब कोरोना के प्रत्येक मरीज को उचित इलाज मिलेगा। इसके लिए हमें Testing पर और अधिक बल देना है, ताकि संक्रमित व्यक्ति को हम जल्द से जल्द ट्रेस और ट्रैक और आइसोलेट कर सकें। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि हमारी अभी की जो Existing testing Capacity है उसका पूरा इस्तेमाल हो और निरंतर उसको Expand भी किया जाए।
साथियों,
बीते दो-तीन महीने में काफी संख्या में क्वारंटीन और आइसोलेशन सेंटर्स का निर्माण हुआ है। इसकी गति हमें और बढ़ानी होगी ताकि कहीं पर भी मरीजों को बेड की दिक्कत न आए। कोरोना के इस टाइम में Telemedicine का महत्व भी बहुत बढ़ गया है। चाहे वो Home Quarantine या आइसोलेशन में रह रहे साथी हों, या फिर दूसरी बीमारियों से पीड़ित हों, सभी को Telemedicine का भी लाभ मिले, इसके लिए हमें अपने प्रयास बढ़ाने होंगे।
साथियों,
ये आप भी भली-भांति जानते हैं कि किसी भी महामारी से निपटने में सही समय पर सही Information का बहुत महत्व होता है। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना है कि हमारी help lines Helpful हों, Helpless नहीं। जैसे हमारे मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ हॉस्पिटल में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, वैसे ही हमें Senior Doctors की बड़ी टीमें तैयार करनी होंगी जो Telemedicine के माध्यम से बीमारों को Guide कर सके, उन्हें सही Information दे सके। इसके अलावा हमें Young Volunteers की फौज भी जुटानी होगी जो पब्लिक के लिए प्रभावी रूप से हेल्पलाइन चला सकें।
जिन राज्यों में आरोग्य सेतु App ज्यादा डाउनलोड हुआ है, वहां बहुत ही सकारात्मक परिणाम मिले हैं। हमें लगातार कोशिश करनी है कि आरोग्य सेतु App की रीच बढ़े, ज्यादा से ज्यादा लोग इसे डाउनलोड करें। हमें ये भी ध्यान रखना है कि अब देश में धीरे-धीरे मॉनसून आगे बढ़ रहा है। इस सीज़न में जो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, उनसे निपटना भी बहुत जरूरी है, वरना वो बहुत बड़ी चुनौती बन सकती हैं।
साथियों,
कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई का एक Emotional पहलू भी है। संक्रमण के डर से, इससे पैदा हुए Stigma से हम अपने नागरिकों को कैसे बाहर निकालें, इसके लिए भी हमें प्रयास करना है। हमें अपने लोगों को ये विश्वास दिलाना है कि कोरोना को परास्त करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है और ये तेजी से बढ़ भी रही है। इसलिए किसी को कोरोना हो भी गया है, तो वो घबराए नहीं।
जो हमारे कोरोना वारियर्स हैं, हमारे डॉक्टर हैं, दूसरे हेल्थ वर्कर्स हैं, उनके लिए भी ज़रूरी सुविधाओं को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। उनकी हर स्तर पर देखरेख करना, ये हम सभी का, पूरे राष्ट्र का दायित्व है।
साथियों,
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में समाज के कई तबकों ने, हर क्षेत्र से जुड़े लोगों, सिविल सोसायटी के लोगों को भी हमें निरंतर प्रोत्साहित करते रहना है। उनकी इस पूरी लड़ाई में प्रशंसनीय भूमिका रही है। हमारे पब्लिक स्पेस में, हमारे दफ्तरों में मास्क या फेसकवर, फिजिकल डिस्टेंसिंग और Sanitization की प्रक्रिया को बार-बार लोगों को याद दिलाना है, इसमें किसी को लापरवाही नहीं करने देना है।
साथियों,
अनेक राज्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत सराहनीय काम कर रहे हैं। इन राज्यों की Best Practices हैं, जिनको शेयर करना ज़रूरी है। मुझे विश्वास है कि हर राज्य अपने अनुभव और अपने सुझाव, यहां खुले मन से रखेंगे। जिससे आने वाले दिनों में एक बेहतर रणनीति बनाने में हम सभी को मदद मिलेगी। अब मैं गृहमंत्री जी से आग्रह करुंगा कि इस चर्चा को आगे बढ़ाएं।
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