आमजन की सावधानी से ही कोरोना से बचा जा सकता है - चिकित्सा मंत्री
जयपुर, 26 जून। चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
मंत्री डॉ. रघु
शर्मा ने
कहा कि
प्रदेश में
कोरोना पॉजिटिव
की बढ़ती
संख्या पर
आमजन की
सावधानी से
ही नियंत्रण
पाया जा
सकता है।
उन्होंने कहा
कि हालांकि
प्रदेश भर
में लोगों
को जागरूक
करने के
लिए ‘जागरूकता
अभियान‘ चलाया
जा रहा
है लेकिन
कोरोना से
जंग जीतने
के लिए
एक-एक व्यक्ति
अपनी जिम्मेदारी
निभाते हुए
पूर्ण सावधानी
बरतनी होगी।
डॉ. शर्मा
ने कहा
कि अनलॉक-1 के बाद
से कुछ
लोगों द्वारा
लापरवाही बरतने
व विदेशों
से आने
वाले लोगों
के कारण
प्रदेश में
कोरोना पॉजिटिव
की तादात
में इजाफा
हुआ है।
उन्होंने बताया
कि खाड़ी
व रशियन
देशों सहित
विदेशों से
अब तक
करीब 10 हजार
लोग राजस्थान
आए हैं।
उन्होंने कहा
कि देश
भर में
5
बार लॉकडाउन
का सामना
करना पड़ा।
लोग संयमित
होकर घरों
में रहे
लेकिन जैसे
ही लॉकडाउन
हटा लोगों
को लगा
कि कोरोना
खत्म हो
गया है।
वे सावधानी
को छोड़
लापरवाह होने
लगे हैं।
यही वजह
है कि
प्रदेश में
प्रतिदिन 250 से
ज्यादा कोरोना
पॉजिटिव चिन्हित
होने लगे
हैं।
चिकित्सा
मंत्री ने
आमजन को
आश्वस्त करते
हुए कहा
कि हालांकि
प्रदेश में
कोरोना पॉजिटिव
की तादात
बढ़ रही
है लेकिन
पॉजीटिव से
नेगेटिव होने
का रेशो
भी देश
भर में
सबसे बेहतर
है। आज
प्रदेश में
79
फीसद से
ज्यादा लोग
पॉजिटिव से
नेगेटिव होकर
अपने घर जा
रहे हैं।
प्रदेश में
एक्टिव केसेज
की संख्या
करीब 3 हजार
है। यह
संख्या भी
बाहर से
आने वाले
लोगों के
कारण बढ़ी
है।
जब
मुख्यमंत्री सतर्क
हैं तो
आमजन क्यों
नहीं
डॉ. शर्मा
ने कहा
कि राज्य
सरकार की
थीम ‘राजस्थान
सतर्क है‘। जब
राज्य के
मुख्यमंत्री मास्क
लगाकर रहते
हैं, दो
गज की
दूरी बनाए
रखते हैं, सभी अनुशासन
की पालना
कर रहे
हैं तो
आमजन को
भी इन
सावधानियों को
अपनाना चाहिए।
वे स्वयं, उनका परिवार
सुरक्षित रहेगा
तो समाज
और प्रदेश
स्वतः ही
सुरक्षित हो
जाएगा।
मौसमी
बीमारियों की
रोकथाम में
कारगर होगा
'जागरूकता अभियान'
चिकित्सा
मंत्री ने
बहा कि
कोरोना के
प्रति जागरूकता
लाने के
लिए ही
मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत
ने प्रदेश
भर में
21
से 30 जून
तक व्यापक
रूप से
जागरूकता अभियान
चलाने का
आह्वान किया।
आज प्रदेश
में गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में
स्वास्थ्य व
अन्य विभागों
की टीमें लोगों
को जागरूकता
का संदेश
दे रही
हैं। उन्होंने
कहा कि
बरसात के
मौसम में
स्क्रब टायफस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया,
स्वाइन फ्लू
जैसी मौसमी
बीमारियां होती
हैं। ऐसे में
कोरोना का प्रकोप
ना बढ़े
इसके लिए
अभियान खासा
कारगर साबित
होगा।
सावधानी
ही एक
मात्र उपचार
है
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना को ‘सावधानी हटी-दुर्घटना घटी‘ की तर्ज पर देखना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की अभी कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है। ऎसे में कोरोना के प्रोटोकॉल यानी कि बार-बार हाथ धोना, मास्क लगाना, दो गज की दूरी बनाकर, सार्वजनिक जगह पर ना थूककर, समूह या भीड़ में ना जाना और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर ही हम कोरोना पर जीत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन सावधानियों को अपनाकर हम संक्रमण की कड़ी को तोड़ सकते हैं।
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