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उद्योग जगत ‘एनर्जी एफिश्यिंट‘ तौर-तरीके अपनाकर ऊर्जा संरक्षण में अपना योगदान दे - ऊर्जा मंत्री

वर्चुअल कांफ्रेंस ऑन प्रोफिटेबिलिटी थू्र एनर्जी कंजर्वेशन एंड एफिशियंसी

जयपुर, 24 जून। ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा है कि उद्योगों द्वारा बिजली की खपत और संरक्षण के तौर-तरीके अपनाकर उत्पादन की लागत को नियंत्रण में रखते हुए प्रोफिटेबिलिटीको बढ़ाया जा सकता है। उद्योग जगत एनर्जी एफिश्यिंट तरीकों से बिजली के उपभोग में कमी लाने और ऊर्जा संरक्षण के लिए आगे आए।

ऊर्जा मंत्री डॉ. कल्ला बुधवार को जैसमेर जिले में सीआईआई-कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा ''प्रोफिटेबिलिटी थू्र एनर्जी कंजर्वेशन एंड एफिशियंसी'' (ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता के जरिए लाभप्रदता) के विषय पर आयोजित वर्चुअल कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बिजली, किसी भी औद्योगिक गतिविधि के लिए प्राथमिक आवश्यकता और उसका महत्वपूर्ण आधार है, इससे देश और प्रदेश के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। जैसलमेर जिले के प्रभारी के रूप में बुधवार को जिले के दौर पर आए डॉ. कल्ला ने जैसलमेर में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के वीसी कक्ष से इस वर्चुअल कांफ्रेस में शिरकत की। इस कांफ्रेंस में भारत सहित पांच देशों के पौने दो सौ विशेषज्ञों ने भाग लिया।

सरकार विद्युत तंत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध

डॉ.कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विद्युत तंत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, राज्य में विद्युत वितरण कम्पनियों एवं विजिलेंस टीमों द्वारा सजगता के साथ ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन एवं एडमिनिस्टि्रेटिव लॉसेज को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पुराने मीटर्स के स्थान पर स्मार्ट मीटर्स लगाने के साथ ही फीडर्स एवं ट्रांसफामर्स को नवीनतम तकनीक वाले मीटर्स से लैस करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है ताकि विद्युत छीजत में कमी लाई जा सके।

हरेक यूनिट की बचत एक यूनिट उत्पादन

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार प्रत्येक रुपये की बचत को उसकी कमाई कहा जाता है, उसी प्रकार हरेक यूनिट बिजली की बचत ही एक नई यूनिट का उत्पादन है। उन्होंने उद्योग जगत के लोगों से प्रबंधकीय कौशल, दक्ष एवं समर्पित मानव संसाधन, त्वरित निर्णय और उनके प्रभावी क्रियान्वयन तथा वित्तीय अनुशासन से ऊर्जा संरक्षण में योगदान देने की अपील करते हुए कहा कि इससे इण्डस्ट्रीज में आर्थिक वातावरण को बेहतर बनाने और 'प्रोफिटेबिलिटी' (लाभप्रदता) के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

घरों में अनावश्यक बिजली के उपभोग से बचे

डॉ. कल्ला ने कहा कि उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को भी खाली कमरों एवं स्थानों पर अनावश्श्क रूप विद्युत उपकरणों को चालू रखने की आदत को बदले, इससे काफी मात्रा में बिजली की बचत की जा सकती है। इसके लिए मुखिया को कई बार परिवार के अन्य सदस्यों, विशेषकर बच्चों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है, मगर बिजली की बचत को हर किसी की आदत बनाने के लिए ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी घर एवं कार्यालय में जहां आवश्यक नहीं हो वहां विद्युत उपकरणों को स्वीच ऑफ करने की पहल करते है।

सैक्टोरल ग्रोथ के अध्ययन पर फोकस जरूरी

ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा ने रिसर्च एंड डवलपमेंट के क्षेत्र में इण्डस्ट्रीज के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस वर्चुअल कांफ्रेंस के आयोजन के लिए सीआईआई का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि सैक्टोरल ग्रोथ के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो अलग-अलग  राज्यों  में जुदा परिदृश्य देखने को मिलता है। अत: इण्डस्ट्रीज के लिए सैक्टोरल एवं सब सैक्टोरल ग्रोथ के अध्ययन पर फोकस करना जरूरी है। सीआईआई उद्योगों में बिजली की बचत और संरक्षण के लिए एक मॉड्यूल तैयार कर सकता है, जो पूरे उद्योग जगत के लिए उपयोगी हो। उन्होंने कहा कि राज्य में डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनीज, उत्पादन इकाईयों और कोल बेस्ड प्लांट्स में ऊर्जा की दृष्टि से कई सुधारात्मक उपाय अपनाए जा रहे हैं।

कांफ्रेंस में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सीआईआई-राजस्थान के चेयरमैन श्री विशाल बैद ने कहा कि भारत में करीब 44 मिलियन एमएसएमई यूनिट्स है जिनकी देश के मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर के में 45 प्रतिशत भागीदारी है। ये देश में 59 मिलियन लोगों को रोजगार मुहैया करा रही है, साथ ही निर्यात में इन यूनिट्स की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योगों की प्रगति के लिए ऊर्जा उत्पादकता काफी अहम है। स्नाईडर इलैक्ट्रिक इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अनिल चौधरी ने आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में एनर्जी एफिशियंसी की महत्व तथा सिमंस इंडिया लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ श्री सुनील माथुर ने एनर्जी कंजर्वेशन एंड एफिशियंसी के लिए बिग डाटा एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी डिजिटल तकनीक के बारे में डेलीगेट्स के साथ अपने विचार साझा किए।

कांफ्रेंस में सीआईआई-राजस्थान के डायरेक्टर एवं हैड श्री नितिन गुप्ता, सिक्योर मीटर्स लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ श्री सुकेत सिंघल, ईआरएम पावर, आस्ट्रेलिया के डिजिटल इनोवेशन हैड श्री एनेट एडम्स, जर्मनी की कम्पनी इगस के सीईओ श्री फ्रैंक ब्लेज तथा जेसीबी इंडिया के एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट श्री सुनील खुराना ने अलग-अलग सत्रों को सम्बोधित किया।

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