मुख्यमंत्री द्वारा निजी बसों को मोटर वाहन टैक्स में छूट दिए जाने से सार्वजनिक परिवहन सेवा क्षेत्र को मिलेगी नई संजीवनी - परिवहन मंत्री
जयपुर,
16 जून। मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में कोविड-19 के लॉकडाउन के कारण निजी बसों का संचालन
नहीं होने के आधार पर प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्स का अप्रेल-मई एवं जून तीनों माह का
पूरा मोटर वाहन टैक्स माफ करने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में भी टैक्स राहतें देने
का निर्णय किया गया है। परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास द्वारा निजी बस
ऑपरेटर्स के साथ परिवहन भवन में हुई बैठक में इस निर्णय की घोषणा किए जाने के बाद प्रदेशभर
में निजी बस ऑपरेटर्स में खुशी की लहर है और सभी यूनियनों ने मौके पर ही चक्का जाम
हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर बसों का संचालन प्रारम्भ कर दिया है।
परिवहन मंत्री श्री खाचरियावास ने निजी बस ऑपरेटर्स के साथ हुई
बैठक में कहा कि सरकार किसान,
उद्यमी, विद्यार्थी, कर्मचारी, व्यापारी
हर वर्ग के साथ खड़ी है। कोविड-19
की असामान्य परिस्थितियों
के कारण विभिन्न वर्गों के सामने कई तरह की समस्याएं हैं। निजी बस ऑपरेटर्स को भी इन
परिस्थियों के कारण हुए नुकसान से उबरने का समय देना जरूरी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री
श्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को वित्त, परिवहन, गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक
कर निजी बसों का अप्रेल-मई-जून माह का पूरा टेक्स माफ करने के साथ ही निजी बस ऑपरेटर्स
को विशेष कर राहतें भी देने का निर्णय किया है।
श्री खाचरियावास ने बताया कि प्रदेश में करीब 30 हजार निजी बसें हैं। तीन माह का टेक्स माफ
करने अलावा जुलाई में उनको टेक्स में 75 प्रतिशत
की राहत दी गई है, यानी केवल 25 प्रतिशत टेक्स ही देना होगा। अगस्त में केवल
50 प्रतिशत टैक्स लगेगा एवं सितम्बर में भी
टेक्स में 25 प्रतिशत की छूट रहेगी। उन्होंने कहा कि इस
निर्णय से सार्वजनिक परिवहन सेवा को नई संजीवनी मिलेगी और वह कोविड के प्रभाव से उबर
सकेगी।
श्री खाचरियावास ने कहा कि अन्य कई उद्योग धंधों के साथ ही लॉकडाउन
के कारण निजी बस संचालकों के सामने भी संकट आ गया है। इसी कारण निजी बस ऑपरेटर्स करीब दो सप्ताह
से टेक्स में राहत की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान निजी बस ऑपरेटर्स ने
सरकार के साथ पूरा सहयोग करते हुए श्रमिक स्पेशल बसों के रूप में सहयोग प्रदान किया
है। उन्होंने बताया कि निजी बस ऑपरेटर्स की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी विभाग
गंभीर है। यदि कोई बस ऑपरेटर परिस्थितिवश अपनी आर.सी. सरेण्डर करना चाहता है तो विभाग
इसके समाधान का रास्ता निकालेगा।
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