ब्रेकिंग न्‍यूज

सीआईआई का वेबिनार : लॉकडाउन के कारण उद्यमों की समस्याओं के प्रति सरकार गंभीर, संवाद व समन्वय से बन रहा है बेहतर औद्योगिक माहौल - एसीएस उद्योग

जयपुर, 5 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य सरकार कोविड 19 लॉकडाउन के कारण उद्योगों के सामने आए संकट के प्रति गंभीर है और निरंतर संवाद व समन्वय के माध्यम से उद्यमों की समस्याओं को समझने और उनके निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं।

एसीएस उद्योग डॉ. अग्रवाल शुक्रवार को सीआईआई द्वारा आयोजित वेबिनार के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न अंचल के उद्यमों के प्रतिनिधियों से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने दो बार स्वयं औद्योगिक परिसंघों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद कायम किया है और अब केन्द्र सरकार के पैकेज और प्रदेश के औद्योगिक सिनेरियों को गति देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स की रिपोर्ट को उपादेय व व्यावहारिक बनाने के लिए ही उद्यमियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट का पहला पार्ट सोमवार तक तैयार कर प्रस्तुत कर दिया जाएगा।

डॉ.अग्रवाल ने बताया कि उद्यमों और श्रमिकों की समस्याओं को लेकर गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि आज ही मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने दोनों के लिए ही उपयोगी राजकौशल एप लांच किया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर पैकेज के संदर्भ में टास्क फोर्स द्वारा अध्ययन किया जा रहा है और प्रक्रियाओं के सरलीकरण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा सबका प्रयास है कि प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां केवल तेजी से सामान्य हो अपितु नया निवेश भी आए।

प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि राज्य के पर्यटन उद्योग उद्योग से जुड़ी समस्याओं का अध्ययन किया जा रहा है और पर्यटन और होटल उद्योग को मुख्यधारा में लाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

श्रम सचिव श्री नीरज के पवन ने कहा कि श्रमिक संगठन यह चाहते हैं कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की छंटनी ना की जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों ने वापिस पटरी पर लाने में पूरा सहयोग देने का विश्वास दिलाया है।

रीको के प्रबंध संचालक श्री आशुतोष टी पेडनेकर रीको से संबंधित सुझावों व विचार करने का विश्वास दिलाया।

उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि विभाग स्तर पर सभी संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए समस्याओं व सुझावों के निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई इकाइयों के बकाया भुगतान को लेकर फेसिलिएटेशन काउंसिल को सक्रिय व सशक्त बनाया जा रहा है।

सीआईआई के राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष श्री विशाल वैद्य ने आरंभिक उद्बोधन में उद्यमों के सामने उभरी समस्याओं की और ध्यान दिलाया।

वेबीनार में बिजली की फिक्स रेट को माफ करने, डीएलसी रेट के स्थान पर भूमि की रेशनलाइज दरें तय करने, बिना कोरेटरल सिक्योरिटी के ऋण उपलब्ध कराने, पैकेज के तहत ऋण पर प्रोसेसिंग चार्ज नहीं लेने, छोटे उद्यमों को शून्य ब्याज पर वित पोषण, होटल कारोबार को इण्डस्ट्री का दर्जा दिलाने, एमएसएमई फेसिलेटिएशन काउंसिल को और अधिक सक्रिय करते हुए जिला उद्योग केन्द्रों पर इन उद्यमों के बकाया का डेटा तैयार करवाने व भुगतान दिलाने में सहयोग करने, रीको प्लाटों में सेटबैक में निर्माण की छूट, श्रमिकों से 12 घंटें काम की अनुमति, सरकारी प्रोजेक्टों में डिले पर पैनेल्टी का एक साल के लिए बढ़ाने, रियल स्टेट सेक्टर को रियायत देने, आरसीडीएफ की तरह अन्य पशुपालकों को भी दूध पर बोनस देने, स्टांप डॅयूटी आदि के संबंध में सुझाव दिए।

वेबिनार में सीआईआई के उपाध्यक्ष श्री संजय साबू, निदेशक श्री नितिन गुप्ता, जयपुर से श्री सीताराम अग्रवाल, जोधपुर से श्री सुनील परिहार,होटल इण्डस्ट्री से श्री रण विजय सिंह, उदयपुर माइनिंग सेक्टर से श्री अभिषेक सिंघवी, कोटा से श्री एलसी बाहेती, उदयपुर से श्री सुकेत सिंघल, कन्स्ट्रक्शन इण्डस्ट्री से श्री अक्षय हाण्डा सहित उद्योग जगत से जुड़े उद्यमियों ने हिस्सा लिया। वेबिनार में राजकौशल एप का प्रजेंटेशन भी दिया गया।

No comments