केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री को पत्र, शहरी क्षेत्र के लिए भी रोजगार गारंटी योजना लागू हो
जयपुर, 24 जून।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री हरदीप
एस. पुरी को पत्र लिखकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की तर्ज
पर शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने
कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के शहरी क्षेत्र में एक बड़े तबके की आजीविका
प्रभावित हुई है। इन्हें राहत देने के लिए केन्द्र मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र
में बेरोजगारों को एक निश्चित समयावधि के लिए रोजगार देने वाली योजना लागू करे।
श्री गहलोत ने शहरी विकास की विभिन्न योजनाओं
में प्रदेश को अधिक राशि आवंटित करने, योजनाओं
की समयावधि बढ़ाने तथा इन योजनाओं के लिए लंबित लगभग 788 करोड़ रूपए की राशि जल्द जारी करने का भी
अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) को अगले दो वित्तीय
वर्ष तक बढ़ाने पर विचार करे तथा 31
मार्च 2022 तक इस योजना में प्रदेश को बजट उपलब्ध कराए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19
महामारी के इस दौर में
वायरस का सामना करने,
स्वच्छता बनाए रखने एवं
नियमित रूप से हाथ धोने जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ऎसा करना उचित होगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा संचालित इस योजना की समयावधि इसी वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो गई है।
मुख्यमंत्री ने अमृत मिशन में केन्द्रांश
की बकाया 662 करोड़ रूपए की राशि जल्द जारी करने का अनुरोध
करते हुए इस केन्द्रीय योजना की समयावधि भी 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा
कि सभी को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
के तहत केन्द्र राज्य सरकार को स्वीकृत लंबित अनुदान राशि 126 करोड़ रूपए शीघ्र उपलब्ध कराए, ताकि योजना में वांछित प्रगति हासिल की जा
सके। उन्होंने इस योजना के मुख्यतः चार घटकों में दी जाने वाली अनुदान राशि में पूर्व
में संचालित राजीव आवास योजना के अनुरूप बढ़ोतरी करने का सुझाव भी श्री पुरी को दिया
है।
पत्र में श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश को 51.37 करोड़ रूपये की राशि दी जाती है। अधिक से अधिक प्रदेशवासियों को इसका लाभ मिल सके, इसके लिए इस राशि को बढ़ाकर 100 करोड़ रूपए किया जाना उचित होगा।
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