प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल : लम्बित आवेदनों की पेंडेन्सी विगत दस वर्षों में हुई सबसे कम
पेन्डेन्सी गत 31 मार्च को 5 हजार 389 थी जो 1 जून को घटकर 4 हजार 502 रह गई
जयपुर, 3 जून। राजस्थान राज्य
प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल की प्रभावी मॉनिटरिंग और प्रभावी कार्यवाही की बदौलत
लम्बित सम्मति प्राधिकार आवेदनों की पेंडेन्सी विगत दस वर्षों में सबसे कम हो गई
है। मण्डल की पेन्डेन्सी गत 31 मार्च को 5 हजार 389 थी जो 1 जून को घटकर 4 हजार 502 रह गई है।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल
के चेयरमैन श्री पवन कुमार गोयल ने बताया कि विगत 8 माह में ईज ऑफ डूइंग
बिजनेस की दिशा में उद्योगों व परियोजनाओं से जुड़े लम्बित प्रकरणों में नीतिगत
निर्णय लेकर महत्वपूर्ण आदेश एवं दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इसके अतिरिक्त
लम्बित सम्मति एवं प्राधिकार आवेदनों के बैकलॉग के त्वरित निस्तारण के लिए भी
आवेदनों का निपटारा करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है। पर्यावरण नियमों की
प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किये गये हैं।
इसके परिणामस्वरूप प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल द्वारा लम्बित प्रकरणों का तेजी से
निस्तारण किया गया, जिससे सभी उद्योग एवं परियोजना लाभान्वित हो सके।
श्री गोयल ने बताया कि उनके स्वयं के
स्तर पर निरन्तर समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है तथा पेन्डिंग मुद्दों की
प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों के साथ वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निरन्तर फीडबैक लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि
मण्डल की ओर से 4
माह
से अधिक समय से लम्बित आवेदनों के निस्तारण में देरी की वजहें खोजकर उन्हें दूर
करने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें प्रक्रिया के सरलीकरण और नियमों की
पालना का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मण्डल के सभी शाखा प्रभारियों एवं
क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्धारित चार माह की समय सीमा से अधिक समय से लम्बित
प्रकरणों का मिशन मोड पर निस्तारण करने का लक्ष्य भी दिया गया है। इस लक्ष्य को
पूर्ण करने के लिए सभी शाखा प्रभारियों एवं क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा साप्ताहिक
सम्मति निस्तारण के सम्बन्ध में कार्य योजना भी प्रस्तुत की गई है। निरन्तर
प्रभावी मॉनिटरिंग किये जाने के परिणामस्वरूप प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल की
पेन्डेन्सी गत 31
मार्च
को 5
हजार
389
थी
जो कि विगत 10
वर्षो
में न्यूनतम है। इसके परिणामस्वरूप 1 अक्टूबर, 2019 को 8 हजार 624 पेंडेंसी थी, 1 जून, 2020 को घटकर 4 हजार 502 रह गई। 1 अक्टूबर, 2019 को लम्बित प्रकरणों
की कुल संख्या में विगत आठ माह में 52 प्रतिशत की उल्लेखनीय
कमी आई है। ज्ञातव्य है कि 1 अक्टूबर, 2019 को 4 माह की समय सीमा से
अधिक समय से लम्बित 4 हजार 586 आवेदनों की संख्या 1 जून, 2020 को घटकर 3 हजार 201 रह गई है जो कि एक
महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
श्री गोयल ने बताया कि प्रदूषण
नियन्त्रण मण्डल में 1 अक्टूबर, 2019 से 31 मई, 2020 तक की समयावधि में 6,952 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनके परिप्रेक्ष्य
में मण्डल की ओर से इस दौरान कुल 11 हजार 74 सम्मति आवेदनों का
निस्तारण किया गया है जो कि प्राप्त आवेदनों की तुलना में 1.5 गुणा से भी अधिक है।
प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल में दिनांक 1 अक्टूबर, 2019 को कुल लम्बित सम्मति
आवेदन 8,624
थे
एवं 1
अक्टूबर, 2019 से 31 मई, 2020 की समयावधि में 6,952 नये आवेदन प्राप्त
हुये,
इस
प्रकार कुल 15,576
आवेदन
राज्य मण्डल को प्राप्त हुए। जिनमें से 1 अक्टूबर 2019 से 31 मई,2020 तक 11,074 आवेदनों का निस्तारण
किया गया जो कि कुल प्राप्त आवेदनों का 71 प्रतिशत है।
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