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कोरोना संक्रमण की पूर्ण रोकथाम के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति का सजग होना जरूरी है - उद्योग मंत्री

राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार ही खोले जायेगें धार्मिक स्थल - महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री

जयपुर, 24 जून। दौसा जिले के धर्मगुरूओं ने कहा है कि जिले में राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार ही धार्मिक स्थल खोले जायेंगे। जब भी राज्य सरकार द्वारा धार्मिक स्थल खोलने का निर्णय लिया जाएगा तब कोविड-19 की एडवाइजरी की पूर्ण अनुपालना करवाई जाएगी। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि  जिले में 31 जुलाई तक धार्मिक स्थलों को नही खोला जाए।

बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में दौसा जिले के सभी धर्म गुरुओं ने प्रदेश के उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीना,महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश,जिला कलक्टर श्री अविचल चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक श्री प्रहलाद सिंह कृष्णिया,सीईओ जिला परिषद श्री एल.के.बालोत के साथ हुई बैठक में धर्मगुरूओं ने एक स्वर में इस सम्बंध में सहमति व्यक्त की।

बैठक में उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री श्री परसादी लाल मीना ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा एवं जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुये जिले के सभी धार्मिक स्थलों को 31 जुलाई तक नही खोला जाना चाहिये। बैठक में सभी धर्मगुरूओं ने कहा कि कोरोना चुनौती का सामना करने के लिए सभी धार्मिक संस्थाएं सरकार के साथ खड़ी और अब तक भी सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को पूर्ण समर्थन दिया गया है। उन्होने कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए जिले के गांव -गांव, ढाणी- ढाणी, मोहल्ले -मोहल्ले तक लोगों में जागरूकता पैदा हो, इसके लिए सभी विभाग अपने स्तर पर  जागरूकता गतिविधियां आयोजित करें। राजकीय कार्यालयों में कोरोना एडवाइजरी की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित करते हुए सभी सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों, भीड़भाड़ वाले बाजारों और अन्य स्थलों पर जागरूकता संदेशों का प्रचार प्रसार किया जाए जिससे लोगों में इस बीमारी से बचाव की जानकारी पहुंचे सके।

बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पाजिटीव केस आने लगे है। उन्होंने कहा कि कोरोना जागरूकता के साथ-साथ सामान्य प्रशासनिक कामकाज सुचारू रूप से चले तथा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लाभ आम जनता को मिले इसके लिए सभी अधिकारी संवेदनशीलता से कार्य करें ।उन्होने कहा कि जिले में एक भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित ना रहे इसके लिए यदि कोई पात्र व्यक्ति या परिवार छूट गया हो तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उन्हें राशन मुहैया करवाना सुनिश्चित करें। स्कूलों में रखे पोषाहार को अभिभावकों तक वितरण करवाएं और यदि कहीं कोताही पाई जाए तो सम्बंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि जिले में मनरेगा के तहत कुछ स्थानों पर वेज रेट कम रही है,सभी विकास अधिकारी मजदूरी की दर बढ़ाने के लिए प्रयास करें और पखवाड़े के आधार पर गणना करते हुए व्यक्तिगत टास्क दिए जाएं। गरीब कल्याण योजना के तहत बाहर से आए मजदूरों को उनके गांव में काम दिया जाना सुनिश्चित करवाएं और कार्ययोजना बनाते हुए आधारभूत संरचनाएं बनवाने के कार्य स्वीकृत करवाये जाये।

दौसा जिला कलक्टर श्री अविचल चतुर्वेदी ने धर्मगुरूओं को राज्य सरकार को उनके मत से अवगत करवाने का विश्वास दिलाया। बैठक में सभी धर्मगुरू इस सम्बंध में पूर्ण आश्वस्त नजर आए कि अब मंदिरों में आरती, मस्जिद में अजान और गुरुद्वारे और चर्च में पूजा अर्चना हो ही रही है, अब सरकार के निर्णय के अनुसार ही धार्मिक स्थल खोले जायेगें।

बैठक में धार्मिक गुरूओं ने कहा कि धार्मिक स्थल राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार ही खोले जायेंगे। प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी से बचाने के लिये  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्णय की प्रशंसा करते हुये आमजन का रक्षक बताया। शहर काजी ने कहा कि सरकार और प्रशासन का हुक्म माना है।  मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ी गई। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.के.बालोत, एसडीएम पुष्कर मित्तल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित  अन्य धर्मगुरू उपस्थित थे।

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