राज्यपाल राहत कोष के उद्देश्यों को विस्तारित करने की आवश्यकता - राज्यपाल
- राज्यपाल राहत कोष
की समीक्षा बैठक
- श्री मिश्र की पहल
पर 18
वर्ष
बाद हुई बैठक
जयपुर, 03 जून। राज्यपाल श्री
कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्यपाल राहत कोष उन लोगों की मदद करने में सक्षम है, जिनको कहीं से सहायता
नही मिल पाती है। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल राहत कोष के उद्देश्यों को
विस्तारित करने की आवश्यकता है। इससे लोगों की मदद करने का दायरा बढेगा, साथ ही कोष में लोग
स्वेच्छा से राशि दान करने के लिए प्रेरित भी हो सकेंगे। राज्यपाल ने बताया कि इस
कोष का दायरा बढाकर अब अकाल, बाढ़, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की सहायता, महामारी में औषधी व
उपकरण हेतु सहायता, गंभीर रोगी को उपचार हेतु एक मुश्त सहायता, भूतपूर्व सैनिकों के
आश्रितों को गंभीर बीमारी में सहायता, विपदाग्रस्त
स्थितियों में असहाय बालक-बालिकाओं की चिकित्सा, भोजन व रख-रखाव में
सहायता और किसानों को आपदा काल यथा सूखा, अतिवृष्टि और
टिड्डियो के द्वारा फसल नुकसान में सहायता के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल राहत कोष
विनियम 1973
में
प्राविधित है। कोई भी व्यक्ति, संस्था या निकाय इस फण्ड में आर्थिक योगदान दे सकता है।
योगदानकर्ता को आयकर अधिनियम के तहत कर में पचास प्रतिशत छूट देय है। राज्यपाल ने
कहा कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के माध्यम से इस छूट को शत-प्रतिशत किये जाने
का आग्रह किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र कोविड-19 से जूझ रहा है। यह
वैश्विक महामारी हम सभी के समक्ष एक चुनौती के रूप में बढती जा रही है। इसका सामना
करने हेतु हम सभी को योजनापूर्वक सुरक्षित स्वस्थ राजस्थान का लक्ष्य भी प्राप्त
करना है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि गत नौ
महिने के कार्यकाल में उनके द्वारा इस कोष से लगभग एक करोड़ रूपये जनहित में जारी
किये गये है। राज्यपाल ने बताया कि इस कोष से प्रधानमंत्री केयर्स फण्ड व
मुख्यमंत्री सहायता कोष में बीस-बीस लाख रूपये दिये जा चुके है और दस लाख रूपये
राजस्थान मेडीकल सर्वीसेज कार्पोरेशन को पीपीई किट्स एव एन-95 मास्क के लिए प्रदान
किये गए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न जिलों कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड, और धौलपुर में आई बाढ
में राहत के लिए पचास लाख रूपये की राशि भी इस कोष से प्रदान की गई थी।
राज्यपाल ने कहा कि अक्टूबर, 2019 से मई, 2020 तक इस कोष में ग्यारह
दानदाताओं ने 9
लाख
52
हजार
रूपये की राशि दान की है। राज्यपाल ने कहा कि यह राशि बहुत ही कम है। उन्होंने कहा
कि विस्तृत उद्देश्यों को देखते हुए अग्रिम योजना के प्रारूप पर ठोस रणनीति बनाना
समीचीन होगा। उन्होंने कहा कि इस कोष की राशि का लाभ समाज व राज्य को प्राप्त होगा।
राज्यपाल ने अपील की
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने विडियो
कान्फ्रेन्स में शामिल सभी सदस्यों से कोष में लोगों से राशि दान दिलाये जाने की
अपील की।
बैठक में आये महत्वपूर्ण सुझाव- बैठक
में केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों की
एल्यूमिनाई के सदस्यों में इस कोष का प्रचार- प्रसार किया जावे। पूर्व मंत्री श्री
राज्य वर्धन सिंह राठौड ने कहा कि राज्यपाल राहत कोष के लिए एप बनाया जाये। सांसद
श्री पी पी चौधरी ने कहा कि राजस्थान के प्रवासी लोगों से इस कोष को सुदृढ़ करने की
अपील की जावे। सांसद श्री सी पी जोशी ने कहा कि देश-दुनिया में व्यवसाय के क्षेत्र
में राज्य के लोग अग्रणी है, उन्हें प्रेरित करने की आवश्यकता है। विधायक श्री सतीश पूनिया
ने कहा कि दानदाताओं को राजभवन में सम्मानित किया जावे। बैठक को सांसद श्री सुभाष
बहेड़िया,
सांसद
श्री विजय गोयल,
विधायक
श्री मदन दिलावर,
श्रीमती
किरण माहेश्वरी,
सुश्री
सिद्धी कुमारी,
श्री
संजय शर्मा और श्री संदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
बैठक में मुख्य सचिव श्री डी.बी.गुप्ता
ने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रदेश में आवश्यकतानुसार लोगों की मदद की
जा रही है। राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार ने बताया कि राज्यपाल श्री कलराज
मिश्र की पहल पर इस कोष की बैठक 18 वर्ष बाद हुई है। श्री सुबीर कुमार ने सभी प्रतिभागियों का
स्वागत किया और कोष की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कोष के उद्देश्यों और ऎजण्डा का
प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में राहत सचिव श्री सिद्वार्थ महाजन और राज्यपाल के
प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्द राम जायसवाल भी मौजूद थे।
बैठक में ही लोगों ने कोष में प्रदान की सहायता राशि- वीडियो कान्फ्रेन्स में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की अपील पर विधायक श्री सतीश पूनिया ने विधायक के तौर पर मिलने वाली अपनी एक माह की राशि राज्यपाल राहत कोष में देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे कोष में यह राशि किसानों की मदद हेतु दे रहे है। सैलो गु्रप के श्री प्रदीप राठौड़ ने 25 लाख रूपयें, बैंगलोर के श्री एच. केसरी मल बुराड़ जैन और चेन्नई के श्री एन सुगाल चंद जैन ने पांच-पांच लाख रूपये की राशि कोष में दिये जाने की घोषणा की।
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