उद्योगों ने अपनाया नवाचार, दो लाख पीपीई किटों के साथ लाखों मास्क व सेनेटाइटजर का उत्पादन व वितरण - एसीएस, उद्योग
जयपुर, 17 जून। लॉकडाउन के कारण
बंद कई उद्योग धंधों ने राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से विविधकरण अपनाते हुए
पीपीई किट,
सेनेटाइजर, मास्क आदि तैयार कर
उपलब्ध कराने की बड़ी पहल की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया
कि कोरोना महामारी के कारण देश व प्रदेश में पीपीई किट की मांग और घर घर की जरुरत
बने सेनेटाइजर और मास्क बनाने के काम के लिए प्रदेश की इंटरनेशनल स्तर की डूंगरपुर
की न्यू जील हो या फालना-पाली की अंब्रेला इण्डस्ट्री या जयपुर की परफ्यूम बनाने
वाली पद्मावती इण्डस्ट्री हो या खादी संस्थाएं, समय की मांग को देखते
हुए नवाचार अपनाया है।
एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने
बताया किकोरोना महात्रासदी से पहले देश में पीपीई किट की मांग लगभग नहीं के बराबर
होने से कोरोना त्रासदी के शुरुआती दौर में पीपीई किट के लिए विदेशों पर निर्भर
होना पड़ा। प्रदेश के उद्यमों को प्रेरित करते हुए विविधिकरण प्रयासों से कोरोना
वारियर्स खासतौर से चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों के लिए स्तरीय पीपीई किट तैयार कर
उपलब्ध कराने की पहल की है।
उन्होंने बताया कि रेनवियर की इंटरनेशनल
पहचान वाली डूंगरपुर की न्यू जील ने तमिलनाडू की लेब में गुणवता जांच में खरा
उतरने पर ही पीपीई किट बनाना आरंभ किया। कंपनी ने एक लाख एयर और वाटर पू्रफ पीपीई
किट तैयार कर केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराए वहीं दस हजार से अधिक पीपीई किट प्रदेश
में ही विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध कराए हैं। अधिकांश कुशल श्रमिकों के
मध्यप्रदेश और गुजरात में प्रवास के बावजूद उपलब्ध श्रमिकों और आदिवासी महिलाओं को
प्रशिक्षण देकर इस कार्य से जोड़ा गया। कंपनी द्वारा पानी व हवा पार नहीं होने वाले
60
से
90
जीएसएम
नोन वूवन लेमिनेटेड फैब्रिक काम में लिया गया।
आयुक्त उद्योग श्री मुक्तानन्द अग्रवाल
ने बताया कि राज्य सरकार के मोटिवेशन, स्थानीय प्रशासन के
सहयोग और जिला उद्योग केन्द्र की पहल से कोरोना महामारी में भी डायवरसिफेशन के
प्रयोग ने सब कुछ बदल कर रख दिया। करीब एक लाख मीटर नायलोन पॉलिस्टर फालना की छाता
निर्माता इकाइयों होलीडे अम्ब्रेला, सहचारी उद्योग मंदिर, अरूणा फैशन डिजाइनिंग
और भिवाड़ी (महाराष्ट्र) व सूरत (गुजरात) से मंगवाकर पाली जिले में स्नेहा
इण्टरनेशनल,
एससीएम
लाइफ स्टाइल,
ज्योति
टेक्सटाइल इत्यादि से पीपीई किट तैयार किए जा रहे हैं। इन इकाइयों में लगभग 1000 लोगों को रोजगार
उपलब्ध हो सका है। सबसे खासबात यह है कि बाजार में लगभग 1500 रु. में उपलब्ध होने
वाला यह पीपीई किट चार सौ से पांच सौ रुपए के बीच उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे
लाखों रुपए की बचत भी हो सकी है।
आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि जोधपुर
के एम्स,
मुंबई, इंदोर, वाराणसी, रांची, कोयंबटूर और हैदराबाद
के साथ ही पाली,
जालौर
और जैसलमेर,
कोटा, ब्यावर, राजसमंद, उदयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा आदि में करीब
57
हजार
पीपीई किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पाली जिला उद्योग केन्द्र ने तीन इकाइयों से 20 हजार लीटर सेनेटाइजर
तैयार कराकर उपलब्ध कराया है।
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