जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने की मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा
जयपुर, 13
जून। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव ने शनिवार को जयपुर में शासन
सचिवालय के एनआईसी स्टूडियो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में संचालित मेजर
प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। श्री यादव ने इस दौरान अधिकारियों से कहा कि कई प्रोजेक्ट्स
में एजेंसीज समय सीमा में बार-बार बढोतरी के बाद भी काम को पूरा नहीं कर पा रही है, ऐसे 'कांट्रेक्टर्स' से समन्वय कर जल्द काम पूरा कराए, फिर भी वे कार्य को पूरा नहीं पा रहे हो
तो उनके 'कांट्रेक्ट' को रद्द करने के सम्बंध में कार्यवाही प्रस्तावित
करे।
उन्होंने सभी जिलों में एनआईसी केन्द्रों
पर मौजूद मुख्य अभियंता,अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं से
संवाद करते हुए नागौर,
अजमेर, भरतपुर, चुरू, जयपुर, कोटा, जोधपुर एवं उदयपुर के प्रोजेक्ट एरिया के
जिलो में चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के बारे में बिंदुवार चर्चा की। वीसी के दौरान
जिलों में प्रोजेक्ट्स क्रियान्वयन से जुड़ी एजेंसीज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में प्रदेश में
चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के लम्बित कार्यों को गति प्रदान के लिए अधिकारियों से
सतत मॉनिटरिंग एवं फर्मों के साथ समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा
कि प्रोजेक्ट्स के कार्यों को समय पर पूरा कराने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ
फर्म के प्रतिनिधि मैनेजमेंट ओर प्लानिंग के स्तर पर कोई कमी नहीं रखें।
श्री यादव ने प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन
में आ रही बाधाओं के बारे में चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि सभी क्षेत्रों में मुख्य
अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन जिलों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की प्रगति
की समीक्षा के लिए फील्ड विजिट करे,
प्रोजेक्ट्स साइट पर रूके
और वहां पूरी टीम के साथ प्रत्येक इश्यू पर बारीकी से चर्चा कर मौके पर समाधान निकाले
कि कैसे प्रोजेक्ट को पूर्णता की ओर ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर
पर ही प्रोजेक्ट्स की बाधाओं को दूर करने का हरसम्भव प्रयास हो। इसके बाद भी दिक्कत
आए तो वस्तुस्थिति के साथ राज्य स्तर पर प्रकरण को भिजवाएं।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि कई प्रोजेक्ट्स
में ज्यादातर कार्य पूर्ण हो गया है, बाकी
बचे कार्य को पूर्ण करने में फर्मों द्वारा अनावश्यक रूप से अधिक समय लिया जा रहा है।
ऐसे प्रोजेक्ट्स के कम्पलीशन में फर्मों को विभाग के अभियंता स्थानीय स्तर पर व्यवहारिक
कठिनाईयों के निदान में किसी प्रकार की मदद की आवश्यकता हो तो सहयोग करे।
बैठक में सभी प्रोजेक्ट्स में धरातल पर पूर्ण
कार्यों के साथ-साथ वित्तीय प्रगति,
क्रियान्वयन में आ रही
समस्याओं और उनके निराकरण के लिए स्थानीय स्तर पर किए जा रहे प्रयासों, पूर्णता के निकट पहुंच चुकी परियोजनाओं के
शेष कार्यों को खत्म करने के लिए आवश्यक 'एप्रोच', बकाया भुगतान तथा फर्मों से जुड़े प्रकरणों
के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
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