कोरोना महामारी से लड़ने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने रात-दिन कार्य कर स्थापित किये नये आयाम
जयपुर, 2 जून। कोरोना माहमारी की इस लड़ाई
में राजस्थान सरकार के सभी विभागों ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्य कोरोना वॉरियर के रूप में डाक्टर्स, पेरामेडिकल स्टाफ, मीडियाकर्मी, अखबार के हॉकर, एन.जी.ओ. और समाजसेवी शामिल है। जब राज्य
के सभी लोग कोराना वायरस की बीमारी से डरे हुए थे और अपने घर पर ही थे तब ये कोरोना
वॉरियर (डाक्टर एवं समाजसेवी) लोगों की देखभाल करने में, कानून एवं व्यवस्था को बनाये रखने में(पुलिस)
लोगों की कोरोना की गाईडलाइन का पालन कराने में उनकी समस्या का निराकरण कर सहुलियत
देने में (प्रशासनिक कर्मचारी,
अध्यापक, राजस्व अधिकारी और अन्य) साफ सफाई बनाएं
रखने में (सफाई कर्मचारी),
अखबार एवं इलेक्ट्रॉनिक
चैनलों के माध्यम से आमजन तक खबर पहुंचाने का कार्य करने वाले (मीडियाकर्मी एवं हॉकर्स)
लॉकडाउन में अपने घरों में फसे लोगों को पानी एवं खाना पहुंचाकर मदद करने वाले स्वयं
सहायता समूह और समाज में खाना,
सेनीटाइजर, मास्क आदि बांटने में (समाजसेवी) जुटे हुए
थे। वहीं इस सबके के बीच सरकारी विभागों में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग भी खामोशी से
अपनी भूमिका पूरी जिम्मेदारी और शिद्दत से निभा रहा था। विभाग रात दिन काम करते हुए
राज्य सरकार की घोषणाओं,
निर्णयों, गाईडलाइन्स और सभी तरह के विकास के बारे
में राज्य की जनता और मीडिया को सूचित करता रहा।
सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा
के निर्देशन में विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ हर तरह की तथ्यात्मक जानकारी, प्रेस रिलीज, विज्ञापनों से, अखबारों, चैनलों
एवं सोशल मीडिया, एफ.एम. रेडियो पर प्रसारित जिंगल्स के माध्यम
से आमजन तक निरन्तर पहुंचाता रहा।
विभाग ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की
मीडिया के साथ 11 विडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करवाई। वहीं राष्ट्रीय
एवं प्रादेशिक मीडिया,
प्रिन्ट मीडिया को मुख्यमंत्री
के इन्टरव्यू भी आयोजित कराये। दिग्गज मीडिया कर्मियों के साथ मुख्यमंत्री श्री अशोक
गहलोत की लगातार 11
वीसी होना एक ऎतिहासिक
पहल है जो संभवतः पूर्व में किसी भी राज्य में नहीं की गयी।
मार्च माह में जयपुर में कोरोना का पहला
केस पॉजिटिव आया तब से लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग त्वरित
सक्रिय हो गया था। अभी तक 5
मार्च 2020 से कुल 50 से
अधिक विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित हो चुके हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त
एवं विशिष्ट सचिव श्री महेन्द्र सोनी ने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत
द्वारा लिए गए निर्णय समय-समय पर प्रकाशित हुए जिससे विभिन्न स्कीम व निर्णयों के बारे
आमजन को अवगत किया गया इससे उन्हें सुविधाओं का लाभ लेने में इस लॉकडाउन के समय में
बहुत सहुलियत हुई है।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा मार्च
से ही विज्ञापनों के माध्यम से कोविड-19 की
पूरी जानकारी दी जा रही है। यह भी उल्लेखनीय कि देशभर में राजस्थान राज्य ही पहला राज्य
है जिसने 22 मार्च को ही लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी
कर दिया था तभी से गहलोत सरकार द्वारा जारी प्रतिदिन के निर्णय, गाईडलाइनों और सुविधाओं का प्रचार-प्रसार
विभाग द्वारा पूरी संजीदगी के साथ किया गया है।
इस दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी कुछ प्रमुख
निर्णय और घोषणाएं जिसमें लॉकडाउन में केमिस्ट, किराना, फल-सब्जी और अत्यन्त आवश्यक उपयोगी वस्तुओं
से संबंधित सेवाओं का खुले रहने के विषय में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत
आने वाले लाभान्वितों को निःशुल्क गेंहूं वितरण
करना, जरूरतमंद लोगों को खाने के पैकेट एवं भोजन
उपलब्ध कराना प्रमुख है। जो लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नहीं आते उन्हें
भी भोजन के पैकेट आदि उपलब्ध कराना,
सबके लिए खाना, कोई गरीब भूख न सोये, 33 लाख जरूरतमंदों को 2500 रूपये की एक बारीय सहायता प्रदान की, महामारी में राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय
हेल्पलाइन नं. की सूचना देना,
78 लाख पेंशनधारियों को मार्च
तक की देय पेंशन उपलब्ध कराने आदि इस पूरे लॉकडाउन 1 से
4 तक हर तरह कि सूचना राज्यभर की जनता और मीडिया
को समय पर उपलब्ध कराने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने बेहद ही चुस्त रहते हुये
कोरोना वॉरियर के रूप में अपना योगदान दिया है।
विभाग द्वारा कोरोना महामारी से आमजन को
जागरूक करने तथा राजकीय सूचनाओं,
एवं निर्णयों को लोगों
तक पहुँचाने के लिए 1152
प्रेसनोट एवं 68 से अधिक विशेष लेख जारी कर विभिन्न समाचार
पत्रों एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया तथा सोशल मीडिया को पहुंचाये गये।
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