मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दिए सुझाव, आर्थिक संकट से उबरने के लिए मांग बढ़ाने के उपायों पर ध्यान दे केन्द्र सरकार - मुख्यमंत्री
जयपुर, 17 जून।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 के
खिलाफ राज्यों को एक लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। यह लड़ाई कब तक जारी रहेगी, इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है। उन्होंने
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि ऎसी स्थिति में जबकि देश की अर्थव्यवस्था
गहरे संकट के दौर से गुजर रही है। अधिकांश औद्योगिक एवं वाणिज्यिक इकाइयां अपनी क्षमता
से बहुत कम उत्पादन कर पा रही हैं। ऎसे में भारत सरकार मांग बढ़ाने के उपायों पर ध्यान
दे। इसके लिए जरूरतमंद परिवारों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किया जाए, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़े। साथ ही, मंदी से जूझ रहे उद्योगों को श्रमिकों के
वेतन भुगतान के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
श्री गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास
पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद पत्र के माध्यम
से प्रेषित किए गए अपने सुझावों में यह बात रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से
मुकाबले के लिए राज्यों को चिकित्सा संसाधनों के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है।
केन्द्र सरकार इसके लिए अतिरिक्त सहायता उपलब्ध करवाए।
लाखों लोगों के रोजगार पर पड़ा असर, मनरेगा में सृजित हों अतिरिक्त मानव दिवस
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण लाखों लोगों के रोजगार पर
विपरीत असर पड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इण्डियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के अनुमान के
अनुसार इस महामारी के बाद देश में बेरोजगारी दर करीब 24 प्रतिशत तक पहुंच गई है। मनरेगा योजना इस
मुश्किल समय में लोगों को आर्थिक संबल दे रही है। राजस्थान में वर्तमान में 53 लाख से अधिक श्रमिक इस योजना में नियोजित
हैं। इनमें से अधिकतर ग्रामीण परिवारों के 100 दिन
के रोजगार की पात्रता आने वाले माह में पूरी हो जाएगी। ऎसे में इन्हें बेरोजगारी से
बचाने के लिए अतिरिक्त 100
मानव दिवस सृजित किए जाएं।
इससे राज्य के 70 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभ होगा।
केन्द्रीय योजनाओं में इस वित्तीय वर्ष का
सम्पूर्ण अंशदान दे केन्द्र
श्री गहलोत ने कहा है कि राजस्व प्राप्तियों
पर विपरीत असर पड़ने के कारण राज्य स्वयं के द्वारा संचालित योजनाओं के लिए ही वित्तीय
संसाधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऎसे में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राज्य
की हिस्सा राशि की व्यवस्था करना उनके लिए बेहद मुश्किल काम है। ऎसी स्थिति में केन्द्र
प्रवर्तित योजनाओं के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 का
शत-प्रतिशत अंशदान भारत सरकार ही वहन करे। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए राज्यों द्वारा
अतिरिक्त व्यय किया जा रहा है। इसके लिए भी केन्द्रीय सहायता आवश्यक है।
5461 करोड़ रूपए का जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान
जल्द जारी करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 का करीब 961 करोड़
रूपए का बकाया जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान, जो
वर्ष 2022 तक संरक्षित है, उसे जल्द जारी किया जाए। साथ ही, इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल और मई माह में
कोरोना की वजह से औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियां बंद रही। इस कारण इन दो महीनों
का जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान करीब 4500 करोड़
रूपए होगा। यह राशि भी केन्द्र शीघ्र उपलब्ध करवाए। साथ ही, उन्होंने कोरोना से प्रभावित कुटीर, लघु एवं वृह्द उद्योगों के साथ ही सेवा क्षेत्र
की आर्थिक गतिविधियों को पुनः पटरी पर लाने के लिए राज्यों को एकमुश्त ब्लॉक ग्रांट
के रूप में 1 लाख करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान करने की
मांग भी दोहराई है।
टिड्डी नियंत्रण के लिए हों उचित प्रबंध
श्री गहलोत ने प्रदेश में टिड्डियों के भीषण
आक्रमण को देखते हुए इसके नियंत्रण के लिए टिड्डी चेतावनी संगठन के पास स्प्रेयर की
संख्या बढ़ाने, हवाई छिड़काव की व्यवस्था करने एवं टिड्डी
के उद्गम स्थल वाले देशों के साथ समन्वय स्थापित करने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने
बताया कि इस वर्ष राज्य में 29
जिलों में करीब 1 लाख 90 हजार
हैक्टेयर कृषि क्षेत्र टिड्डी से प्रभावित हुआ है। विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन की ताजा
रिपोर्ट के अनुसार जून एवं जुलाई माह में ईरान और अफ्रीका से बड़े पैमाने पर टिड्डी
का आक्रमण हो सकता है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार किसानों को फसल नुकसान से बचाने
के लिए उचित प्रबंध करे।
वीसी के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री
के साथ दो मिनट मौन रखकर चीन की सीमा पर शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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