समस्त जिला एवं सेशन न्यायाधीशों को बाल न्यायालय के रूप में सभी प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार
जयपुर, 2 जून।
राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य में स्थित समस्त जिला एवं सेशन न्यायाधीशों
को अपने-अपने कार्य क्षेत्र की सीमाओं के लिए बाल न्यायालय के रूप में विनिर्दिष्ट
किया है।
विधि एवं विधिक विभाग की ओर से
जारी इस अधिसूचना के अनुसार न्यायाधीशों को लैंगिक अपराधों
से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रकरणों को छोड़कर बालक
अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत बाल न्यायालय के रूप में
सभी प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार होगा। साथ ही वर्तमान में कार्यरत विशेष
न्यायालयों, लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम, 2012
एवं बालक अधिकार संरक्षण आयोग
अधिनियम 2005 को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अन्तरित किये गये प्रकरणों की सुनवाई का
अधिकार होगा।
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