कुसुम योजना अन्तर्गत सौर ऊर्जा पम्प सयंत्र लगने शुरू, कृषि मंत्री ने 7.5 एचपी क्षमता के पहले अनुदानित सौर ऊर्जा पम्प सयंत्र का शुभारंभ किया
जयपुर, 29 जून। राज्य में कुसुम योजना अन्तर्गत सौर ऊर्जा पम्प सयंत्र लगने शुरू हो गए हैं। कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने सोमवार को जयपुर के निकट झोटवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में कापड़ियावास गांव में 7.5 एचपी क्षमता के पहले अनुदानित सौर ऊर्जा पम्प सयंत्र का शुभारंभ किया।
श्री
कटारिया ने
बताया कि
मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत
ने वर्ष
2020-21
में 25,000 सौर
ऊर्जा पम्प
सयंत्र लगाने
के लिये
267
करोड़ रुपए
की बजट
घोषणा की
थी। इतनी
ही राशि
नवीन एवं
नवीकरणीय ऊर्जा
मंत्रालय की
ओर से
पीएम कुसुम
कम्पोनेंट-बी योजना
अन्तर्गत उपलब्ध
करायी जा
रही है।
प्रदेश में
पहली बार
7.5
एचपी क्षमता
का अनुदानित
सयंत्र स्थापित
किया गया
है। इससे
पहले 5 एचपी
क्षमता के
संयत्र ही
लगाए जाते
थे। यह
सयंत्र स्थापित
कर राजस्थान
देश का
अग्रणी राज्य
बन गया
है।
कृषि
मंत्री ने
बताया कि
इस योजना
में जिन
किसानों के
पास सिंचाई
के लिए
कृषि विद्युत
कनेक्शन नहीं
है और
डीजल पर
निर्भर है।
ऎसे जल
बचत सयंत्र
या उन्नत
उद्यानिकी संरचनाएं
स्थापित करने
वाले किसानों
को अनुदान
पर 3 एचपी
क्षमता से
7.5
एचपी क्षमता
तक के
सौर ऊर्जा
पम्प सयंत्र
उपलब्ध कराए
जा रहे
हैं। इस
योजना में
10
एचपी तक
के सयंत्र
भी स्थापित
किये जा
सकते हैं।
इनमें अनुदान
7.5
एचपी मानते
हुए ही
देय होगा।
श्री
कटारिया ने
बताया कि
इस योजना
अन्तर्गत स्थापित
किये जाने
वाले सौर
ऊर्जा पम्प
सयंत्रों पर
किसानों को
60
प्रतिशत अनुदान
दिया जा
रहा है।
कृषक के
हिस्से से
लगने वाली
40
प्रतिशत राशि
में से
30
प्रतिशत राशि
तक का
बैंक से
ऋण भी
लिया जा
सकता है।
कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में उद्यानिकी आयुक्त श्री वी. सरवन कुमार, अतिरिक्त निदेशक श्री यशपाल महावत तथा योजना से जुड़े अन्य अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं किसान उपस्थित थे।
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