मुख्यमंत्री ने लिया निर्णय : सहकारी समितियों द्वारा संचालित निजी गौण मण्डियों को मण्डी शुल्क का 75 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा
जयपुर, 9 जून।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय-विक्रय
सहकारी समितियों द्वारा संचालित नए घोषित निजी गौण मण्डी प्रांगणों में संकलित
मण्डी शुल्क का 75 प्रतिशत हिस्सा इन समितियों को देने का
निर्णय लिया है। इससे सहकारी समितियों को कृषि उपज बेचने के लिए अधिक संख्या में
निजी गौण मण्डियों के संचालन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। श्री गहलोत ने इसके लिए
कृषि विपणन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रस्ताव के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौर में कृषि जिन्सों के
क्रय-विक्रय के समय सामाजिक दूरी बनाए रखने एवं किसानों को उनके खेतों के समीप
विकेन्द्रीकृत विपणन सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश की 550 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय
सहकारी समितियों को निजी गौण मण्डी प्रांगण के संचालन के लिए अनुज्ञा पत्र दिए गए
हैं। इन मण्डियों के संचालन के दौरान सहकारी समितियां राजस्थान कृषि उपज मण्डी
अधिनियम-1961 के तहत व्यापारियों से मण्डी फीस का
संग्रहण कर सकेंगी। नए मण्डी प्रांगणों को आर्थिक दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए
मण्डी शुल्क में इनके हिस्से को बढ़ाकर 75 प्रतिशत
किया गया है।
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