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राज उद्योग मित्र से जुड़े 4772 उद्यमी, प्रदेश में उद्यमों की स्थापना हुई आसान - एसीएस,उद्योग

जयपुर, 20 जून। उद्यमियों को राजउद्योगमित्र पोर्टल पर आवेदन के साथ ही एक पावती पर उद्योग लगाने की स्वायत्तता देते हुए तीन वर्ष के लिए विभिन्न स्वीकृतियों व निरीक्षण से मुक्त करने की व्यवस्था, प्रदेश में उद्यमियों को नए उद्योग लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एमएसएमई उद्यमों के लिए शुरु की गई इस पहल का लाभ उठाते हुए प्रदेश में  4772 उद्यमियों ने पंजीयन कराकर उद्यम लगाने की पहल की है।

एसीएस,उद्योग डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजउद्योगमित्र पोर्टल के प्रति उद्यमियों के रुझान को देखते हुए ही राज्य सरकार ने इसे फ्लेगशिप योजना में शामिल करने के साथ ही हाल ही में गठित टास्कफोर्स ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में इस सुविधा को बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए भी लागू करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण बदली परिस्थितियों में राज्य सरकार की उद्योग से संबंधित फ्लेगशिप योजनाएं राज्य के औद्योगिक विकास और स्वरोजगार सृजन में मील का पत्थर सिद्ध होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फ्लेगशिप योजनाओं का लाभ नीचले स्तर तक पहुंचाया जाए ताकि प्रदेश में छोटे-बड़े सभी तरह के उद्योगों का विकास और अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके।

डॉ.अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग विभाग की तीन योजनाओं को फ्लेगशिप योजना की श्रेणी में रखा है और तीनों योजनाएं ही औद्योगिक निवेश और रोजगार परक योजनाएं है।

उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की फ्लेगशीप योजनाओं में एमएसएमई एक्ट प्रावधानों से प्रदेश में उद्योग लगाना आसान हो गया है वहीं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में उद्योगों को कई तरह की राहत देकर उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यमियों को राज उद्योग मित्र पोर्टल पर आवेदन के साथ ही एक पावती पर उद्योग लगाने की स्वायत्तता देते हुए तीन वर्ष के लिए विभिन्न स्वीकृतियों व निरीक्षण से मुक्त करने की राजस्थान सरकार की पहल केन्द्र व अन्य प्रदेशों के लिए अनुकरणीय बन गई है।

आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 समूचे देश में निवेश प्रोत्साहन की अग्रगामी योजना होने के साथ ही निवेश को बढ़ावा देने वाली योजना है। उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन योजना और मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना से प्रदेश में निवेश का नया वातावरण तैयार हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला स्तर पर इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही अधिक से अधिक लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएं।

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