देश के गांवों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करेंगे
- 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों
का यह अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा
- इस अभियान के तहत रोजगार के अवसरों को
बढ़ाने के साथ ही स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50,000
करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे
नई दिल्ली, 18 जून। वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के
लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक
व्यापक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना 'गरीब कल्याण रोजगार
अभियान'
शुरू
करने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी 20 जून, 2020 को सुबह 11 बजे
बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के
माध्यम में इस अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से
लॉन्च किया जाएगा। आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के
केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में भाग लेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर
सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव
सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में
जुड़ेंगे।
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में
चलाया जाएगा। 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार
देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन
होगा,
तो
दूसरी तरफ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी
श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6
राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं। इन जिलों से दो
तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है।
यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण
विकास, पंचायती राज, सड़क
परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम
और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा
सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा।
- 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों
का यह अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा
- इस अभियान के तहत रोजगार के अवसरों को
बढ़ाने के साथ ही स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50,000
करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे
नई दिल्ली, 18 जून। वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के
लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक
व्यापक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना 'गरीब कल्याण रोजगार
अभियान'
शुरू
करने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी 20 जून, 2020 को सुबह 11 बजे
बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के
माध्यम में इस अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से
लॉन्च किया जाएगा। आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के
केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में भाग लेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर
सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव
सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में
जुड़ेंगे।
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में
चलाया जाएगा। 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार
देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन
होगा,
तो
दूसरी तरफ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी
श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6
राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं। इन जिलों से दो
तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है।
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