कोरोनाकाल में 2 लाख 12 हजार किसान हुए लाभान्वित - खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री
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न्यूनतम समर्थन
मूल्य पर
पिछले वर्षों की
अपेक्षा इस
वर्ष हुई
सर्वाधिक गेहूँ की
खरीद
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अभी तक
21
लाख 61 हजार
मैट्रिक टन
गेहूँ की हुई
खरीद
जयपुर, 29 जून। प्रदेश
में रबी
विपणन वर्ष
2014-2015
में न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर 21 लाख
55
हजार मैट्रिक
टन गेहूँ की
खरीद की
गई जबकि
इस वर्ष
लॉकडाउन अवधि
के बावजूद
भी विभाग
ने केवल
73
दिनों में
अभी तक
21
लाख 61 हजार
मैट्रिक टन गेहूँ
की खरीद
कर पिछले
वर्षों के रिकार्ड
को तोड़कर
अब तक
की सर्वाधिक
खरीद का
नया रिकार्ड
कायम किया
है। न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर गेहूं
की खरीद
में गत
वर्ष की
अपेक्षा इस
वर्ष कम
समय मिला
है। प्रदेश
में लगभग
2
लाख 12 हजार
किसानों को
लाभान्वित कर
अभी तक
4
हजार 160 करोड
रूपये के
गेहूँ की खरीद
की जा
चुकी है।
खाद्य
एवं नागरिक
आपूर्ति मंत्री
श्री रमेश
चन्द मीना
ने बताया
कि गत
वर्ष रोजाना
गेहूँ की औसत
खरीद 13 हजार
187
मैट्रिक टन
थी जबकि
इस वर्ष
29
हजार 605 मैट्रिक
टन गेहूँ की
प्रतिदिन खरीद
की गई
जो कि
पिछले साल
से ढाई
गुना अधिक
थी। उन्होंने
बताया कि
रबी विपणन
वर्ष 2015-2016 में
13,
2016-2017 में 7.61, 2017-18 में
12.45,
2018-19 15.32 एवं 2019-20 में
14.11
लाख मैट्रिक
टन गेहूँ की
खरीद की
गई। उन्होंने
बताया कि
कोविड-19 महामारी
से बचाव
के लिए
सामाजिक एवं
मानव सम्पर्क
रहित स्थिति
बनाते हुए
456
क्रय केन्द्र
स्थापित किए
गए। उन्होंने
बताया कि
क्रय केन्द्रों
पर गत
16
अप्रेल से
गेहूँ की खरीद
की जा
रही है।
गेहूँ
की 10 जिलो
में अधिक
खरीद हुई
दर्ज
खाद्य
मंत्री ने
बताया कि
हनुमानगढ, श्री
गंगानगर, कोटा, बून्दी, बारां, झालावाड,
चित्तौड़गढ, भरतपुर, बांसवाडा
एवं सवाईमाधोपुर
जिलों में
विभाग द्वारा
ज्यादा गेहूं
खरीद कर
किसानों को
राहत पहुंचाई
है। उन्होंने
बताया कि
प्रदेश में
हुई बेमौसम
वर्षा के
कारण भारत
सरकार द्वारा
निर्धारित गेहूं
की गुणवत्ता
(गेहूँ की
चमक) के मापदण्डों
में छूट
प्रदान की
गई जिसके
कारण कोटा, बूॅदी, बारां,झालावाड़, सवाई माधोपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ, उदयपुर,
भीलवाड़ा एवं
प्रतापगढ़ जिलों
के किसानों
को प्रत्यक्ष
रूप से
फायदा मिला।
एमएसपी
पर गेहूं
की खरीद
गत वर्ष
से हुई
अधिक
शासन
सचिव श्री
सिद्वार्थ महाजन
ने बताया
कि न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर गेहूं
की खरीद
गत वर्ष(2019-20)
में 14.11 लाख
मैट्रिक टन
की गई
लेकिन इस
वर्ष (2020-21)
में केवल
73
दिनों में
ही 21.61 लाख
मैट्रिक टन
गेहूँ की खरीद
कर ली
गई है।
जिलों में
गत वर्ष
की खरीद
की तुलना
इस वर्ष
से की
जाए तो
हनुमानगढ़ में
5
लाख 66 हजार
866
से बढ़कर
6
लाख 43 हजार
344,
गंगानगर में
5
लाख 23 हजार
925
से बढ़कर
6
लाख 61 हजार
936,
कोटा में
1
लाख 2 हजार
622
से बढ़कर
2
लाख 37 हजार
722,
बूंदी में
99
हजार 306 से
बढ़कर 2 लाख
29
हजार 78, बारां
में 43 हजार
87
से बढ़कर
86
हजार 70, झालावाड़
में 25 हजार
421
से बढ़कर
59
हजार 10, बांसवाड़ा
में 9 हजार
720
से बढ़कर
26
हजार 120, चित्तोड़गढ़
668
से बढ़कर
42
हजार 324, अलवर
में 2 हजार
722
से बढ़कर
21
हजार 630 मैट्रिक
टन गेहूँ की
अधिक खरीद
दर्ज की
गई।
सीमित
संसाधनों के
बावजूद भी
पात्र व्यक्तियों
को पहुंचाया निःशुल्क
गेहूँ
श्री
महाजन ने
बताया कि
कोरोना महामारी
के दौरान
विषम परिस्थितियों
एवं सीमित
संसाधनों यथा
- ट्रकों एवं
श्रमिकों की
समस्या होने
के बावजूद
भी पात्र
व्यक्तियों को
निःशुल्क गेहूं
को पहुंचाया गया
लेकिन विभाग
के अथक
प्रयासों से
न्यूनतम समर्थन
मूल्य पर
गेहूं की
सर्वाधिक रिकार्ड
खरीद की
गई। उन्होंने
बताया कि
कोरोना काल
में पात्र
व्यक्तियों को
सामान्य आवंटन, अतिरिक्त आवंटन
प्रधानमंत्री गरीब
कल्याण अन्न
योजना एवं
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर
योजना के
तहत आवंटित
गेहूं का
उठाव कर
लाभार्थियों को
वितरण कर
राहत पहुंचाई
गई। आवंटित
गेहूं का
उठाव एवं
खरीद केन्द्रों
से गेहूं
का उठाव
का कार्य
एकाकी तौर
पर किया
गया जिसके
कारण भारतीय
खाद्य निगम
को डबल
लिफ्टिंग की
समस्या का
भी सामना
करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2020-2021 के तहत गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1 हजार 925 घोषित किया गया है साथ ही प्रदेश में खरीद लक्ष्य 17 लाख मैट्रिक टन किया था। प्रदेश में कोटा संभाग में अच्छी वर्षा होने के कारण लक्ष्य में संशोधन करते हुए पहले 20.66 लाख मैट्रिक टन किया गया लेकिन प्रदेश में गेहूं की बम्पर खरीद होने के कारण निर्धारित किये गये लक्ष्य में संशोधन करते हुए अब 21.77 लाख मैट्रिक टन गेहूं का नवीन लक्ष्य दिया गया है।
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