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मनरेगा में सृजित हों 100 अतिरिक्त मानव दिवस, सामग्री मद की सम्पूर्ण राशि केन्द्र वहन करे - मुख्यमंत्री


जयपुर, 20 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण घर लौट आये प्रवासी मजदूरों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं जीविका के साधन उपलब्ध कराने तथा स्थाई सार्वजनिक उत्पादक परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियानका शुभारम्भ किया है। राजस्थान में भी बड़ी संख्‍या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान लौटकर आये हैं। ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि मनरेगा के तहत प्रति परिवार उपलब्ध कराये जाने वाले रोजगार की सीमा 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन की जाये। अतिरिक्त 100 मानव दिवस सृजित होने का लाभ राज्य के 70 लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा।

श्री गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गए पत्र में यह बात कही। उन्होंने पत्र में लिखा कि कोविड-19 महामारी से लाखों लोगों के रोजगार पर विपरित असर पड़ा है। संकट के समय में महात्मा गांधी नरेगा योजना से न केवल समाज के वंचित और पिछड़े तबकों को रोजगार मिला है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इस योजना ने सम्बल प्रदान किया है। लॉकडाउन के दौरान घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए राजस्थान सरकार ने बडी संख्या में मनरेगा के तहत जॉब कार्ड जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 50 लाख से अधिक श्रमिक महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत नियोजित हैं, इनमें से अधिकतर ग्रामीण परिवारों के 100 दिन के रोजगार की पात्रता आने वाले माह में पूरी हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजना में कराये जाने वाले कार्यों की सामग्री मद की सम्पूर्ण राशि (राज्य की हिस्सा राशि सहित) केन्द्र सरकार द्वारा वहन किये जाने का भी अनुरोध किया ताकि गरीब कल्याण रोजगार अभियानको धरातल पर यथार्थ रूप से क्रियान्वित किया जा सके।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में श्री गहलोत ने राज्य के 3 लाख 57 हजार 258 असहाय परिवारों को 2 माह के लिए निःशुल्क प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूँ एवं प्रति परिवार एक किलो चना आवंटित कराने का भी आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियानका शुभारम्भ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव में निर्माण कार्यों की शुरूआत कर किया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुए।

छह राज्यों के 116 जिलों का चयन

इस अभियान के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड़ एवं उड़ीसा के 116 जिलों का चयन किया गया है, जहां 25 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर हैं। इन जिलों में 125 दिन में पूरे किये जा सकने वाले 25 कार्य चिन्हित किये गये हैं। कोरोना संकट के कारण इन छह राज्यों में अपेक्षाकृत अधिक संख्या में प्रवासी मजदूर लौटकर आये हैं। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना इस अभियान का उद्देश्य है।

राजस्थान के 22 जिले शामिल

अभियान में राजस्थान के 22 जिले पाली, उदयपुर, जालौर, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, चितौड़गढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, सीकर, अलवर, करौली, भरतपुर, हनुमानगढ़, झुन्झुनू, चूरू एवं जयपुर शामिल किये गये हैं।

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