लॉक डाउन का नया चरण शुरू हुआ है, हटा नहीं है
जयपुर 4 मई। प्रदेश में सोमवार से शुरू हुए लॉक डाउन
के तीसरे चरण में अलग अलग 3 तरह
के जोनों में कुछ आवश्यक गतिविधियों के लिये छूट दी गई है। इस दौरान लॉक डाउन या कर्फ्यू के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध श्री बी.एल.सोनी ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा
प्रबंधन एक्ट के तहत अध्यादेश जारी कर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, सोशल डिस्टनसिंग की पालना करने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने,
5 से अधिक व्यक्तियों
के एक जगह इकट्ठे नहीं होने, शादी
समारोह या इस प्रकार की गतिविधि बिना अनुमति नहीं करने आदि के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये है। इन निर्देशो की अवहेलना करने पर जुर्माने के साथ
साथ जेल भी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के योद्धाओं डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टॉफ, आशा सहयोगिनी, पुलिस एवं अन्य कोरोना वारियर्स पर
कर्तव्य निर्वहन के दौरान हमले के मामलों में पुलिस अत्यंत गंभीर है।
एडीजी क्राइम श्री बी.एल.सोनी ने बताया कि भारत सरकार ने एक
अध्यादेश जारी कर कोरोना वॉरियर्स पर हमला करना एक गम्भीर प्रति का अपराध बनाया
है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 12 हजार व्यक्तियो को सीआरपीसी के
प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। लॉक डाउन के नियमों के उल्लंघन के
करीब 2100 मुकदमें दर्ज कर 4 हजार 572 व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन,
महामारी अधिनियम व
आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की गई है।
सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामले में
राज्य स्तर पर पुलिस विभाग अत्यंत गंभीर है। इसके लिये राजस्थान पुलिस की एक टीम
लगातार सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है। पुलिस ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग में
प्रभावी कार्रवाई करते हुए अब तक 187 मुकदमे दर्ज कर 266 लोगों के खिलाफ अभियोग दर्ज किया है।
श्री सोनी ने बताया कि इस दौरान अकारण
घूमते पाये गये 2 लाख
42 हजार वाहनों का एमवी
एक्ट के तहत चालान कर 1 लाख
18 हजार वाहनों को जब्त
किया गया और 4 करोड़
रुपये से अधिक जुर्माना वसूल किया गया है। काला बाजारी करने वाले लोगों पर भी पुलिस की पैनी नजर है। लॉकडाउन के
दौरान काला बाजारी करते पाये गये दुकानदारों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के
तहत 114 मुकदमे
दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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