दिल्ली में फंसे राजस्थान के माइग्रेंट वर्कर्स, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट और स्टूडेंट्स को ई-पास जारी करेंगे डिप्टी कमिश्नर एवं जिला कलेक्टर
राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त श्री धीरज
श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी
के लिए ई-पास जारी करने के लिए चलाए जा रहे जनता संवाद ऐप के माध्यम से जारी ई-पास दिल्ली की सीमा
क्षेत्र के अन्तर्गत
ही मान्य है इसलिए दिल्ली में लॉक डाउन से प्रभावित राजस्थानी माइग्रेंट वर्कर,
पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य फंसे हुए लोगों ने राजस्थान सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर
रजिस्ट्रेशन करवाया है उनके ई-पास जनता संवाद ऐप के बजाय संबंधित डिप्टी कमिश्नर / जिला कलेक्टर कार्यालयों द्वारा बनाए
जाएंगे।
उन्होंने बताया की राजस्थान सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्लेटफार्म पर अभी तक दिल्ली में कुल 21 हजार 456 लॉक डाउन से प्रभावित राजस्थान के माइग्रेंट वर्कर, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य फंसे हुए लोगों ने
रजिस्टर किया है जिसमें से 6900 प्रभावित
लोगों ने स्वयं के वाहनों से जाने के लिए रजिस्टर करवाएं हैं। उन्होंने बताया कि
हमने स्वयं के वाहनों से दिल्ली से राजस्थान जाने वाले उक्त पांचों श्रेणियों के
प्रभावित लोगों का डाटा दिल्ली सरकार को उपलब्ध करवा दिया है जिसके आधार पर उन
लोगों के नजदीकी जिला कलेक्टर कार्यालयों द्वारा आज से उनके लिए ई-पास बनाने का
काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिला कलेक्टर कार्यालयों से इन लोगों
द्वारा उपलब्ध करवाए गए फोन नंबरों पर कॉन्टेक करके उन्हें स्क्रीनिंग के लिए बुलाया
जाएगा। व्यक्तिगत स्क्रीनिंग होने के बाद ही उन्हें पास जारी किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में लॉक डाउन
से प्रभावित राजस्थान के जिन माइग्रेंट वर्कर, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य फंसे हुए
लोगों ने अभी तक
रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है वह दिल्ली में स्थित नजदीकी जिला कलेक्टर कार्यालय में
व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके अथवा ई-मेल भेजकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं
लेकिन प्राथमिकता ई-पास बनाने में उन्हें दी जाएगी जिन्होंने राजस्थान सरकार के ई-प्लेटफार्म
पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।
माइग्रेंट वर्कर्स, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य जगहों पर फंसे हुए
लोगों के लिए की जाएगी सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था
दिल्ली में राजस्थान के माइग्रेंट
वर्कर्स, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य जगहों पर फंसे हुए लोग
जिनके पास अपने वाहनों से जाने की सुविधा नहीं है उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचाने
के लिए राजस्थान सरकार बसों और ट्रेनों की व्यवस्था पर काम कर रही है।
आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने बताया
की दिल्ली में फंसे हुए उक्त पांचों श्रेणियों के लोग जिन्होंने अपना आवेदन राज्य
सरकार के पोर्टल, ई-मित्र
और हेल्पलाइन के माध्यम से रजिस्टर्ड करवाया है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर
सूचित किया जाएगा कि कब और कहां से उन्हें वाहन सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में दिल्ली
सरकार के अधिकारियों के साथ निरंतर वार्ता चल रही है तथा अभी तक दिल्ली में फंसे
हुए उक्त पांच श्रेणी के राजस्थानी लोगों ने राज्य सरकार के ई- प्लेटफॉर्म पर
रजिस्टर्ड करवाया है उनमें से 14 हजार 556 लोगों
के पास अपने गंतव्य तक जाने के लिए अपना कोई प्राइवेट वाहन नहीं है उनके डाटा को
दिल्ली सरकार के साथ साझा किया जा रहा है ताकि परिवहन के साधनों की व्यवस्था की जा
सके।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के विभिन्न शहरों में 8569 दिल्ली के माइग्रेंट लेबर, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट और अन्य फंसे हुए लोगों ने राजस्थान से दिल्ली लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है उनमें से 3956 लोग स्वयं के वाहनों से दिल्ली आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया हैं ,उनके ई-पास राजस्थान के संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा बनाए जाएंगे तथा शेष 4613 फंसे लोग जिनके पास अपने वाहन की सुविधा नहीं है उनको राजस्थान सरकार द्वारा अपने वाहनों से दिल्ली सरकार द्वारा बताए गए गंतव्य स्थान पर छोड़ा जाएगा, इसी तर्ज पर इतने ही राजस्थान के माइग्रेंट वर्कर्स,पिलग्रिम्स, टूरिस्ट,स्टूडेंट और दिल्ली की विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों को दिल्ली सरकार के वाहनों एवं ट्रेनों द्वारा राजस्थान सरकार द्वारा बताए गए गंतव्य स्थानों तक छोड़ा जाएगा।इसके बाद दिल्ली से जाने वाले शेष बचे 9943 उक्त पांचों श्रेणियों के राजस्थानिओं को राजस्थान सरकार अपनी व्यवस्थाओं के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी।
जिला कलेक्टर जिले की सीमा पर
स्क्रीनिंग करवाएंगे सुनिश्चित
राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने
बताया कि दिल्ली में फंसे राजस्थान के माइग्रेंट वर्कर्स, पिलग्रिम्स, टूरिस्ट, स्टूडेंट जो अपने व्यक्तिगत वाहनों से
दिल्ली सरकार द्वारा जारी पास और स्क्रीनिंग होने के बाद राजस्थान के लिए सोमवार
शाम से जाना शुरू हो जाएंगे। उन सभी के डाटा राजस्थान के संबंधित जिला कलेक्टरों
के साथ शेयर कर दिया हैं। जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है
कि उक्त श्रेणी के प्रभावित लोग जो अपने व्यक्तिगत वाहनों से राजस्थान के लिए दिल्ली
से रवाना होंगे, वह
संभवत है सोमवार शाम के बाद से राजस्थान में पहुंचना शुरू हो जाएंगे उन सभी का
स्क्रीनिंग करवाया जाए, सभी
का रिकॉर्ड रखा जाए, उनके
क्वारेंटाइन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा
जारी सभी गाइडलाइंस को सुनिश्चित किया जाए।
राजस्थान में फंसे दिल्ली के माइग्रेंट
वर्कर्स, पिलग्रिम्स,
टूरिस्ट स्टूडेंट और
फंसे हुए लोगों को दिल्ली सरकार की एनओसी से पहले नहीं जारी किए जाए ई-पास
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