पेयजल आपूर्ति, राशन वितरण, मनरेगा रोजगार सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करावें - अल्पसंख्यक मामलात मंत्री
बीकानेर जिला प्रभारी मंत्री ने वीसी के
जरिए ली समीक्षा बैठक
जयपुर,
9 मई। अल्पसंख्यक
मामलात मंत्री एवं बीकानेर जिले के प्रभारी मंत्री श्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि
गर्मी के मौसम में पीने के पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो तथा विद्युत कनेक्शन
के अभाव में जलापूर्ति बाधित न हो यह सुनिश्चित कर लिया जाए। प्रभारी मंत्री ने
मनरेगा में श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं
उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्री शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से
जिले में कोविड-19 महामारी, लॉक
डाउन और निषेधाज्ञा आदेश की पालना सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिले के प्रभारी सचिव डॉ. आर. वेंकटेश्वरन जयपुर से जुड़े
थे। जिले के समस्त अधिकारी जिला मुख्यालय पर स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र से
जुड़े हुए थे।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए जिला
प्रशासन द्वारा अब तक जो प्रयास किए गए हैं, वह
बहुत ही सार्थक रहे,
इसी के कारण बीमारी
का फैैैलाव नहीं हुआ। यहां का प्रशासन और चिकित्सा विभाग सहित स्थानीय लोग विशेषकर
भामाशाह और स्वयंसेवी संस्थाओं ने लॉक डाउन के दौरान जो सहयोग दिया, वह भी पूरे राज्य में एक मिसाल बनी है।
उन्होंने कहा कि अब नई परिस्थिति में प्रशासन को चाहिए कि जो लोग जिले और प्रदेश
के बाहर से आ रहे हैं,
उन सबके लिए होम
क्वॉरेन्टाईन में रहने की पुख्ता व्यवस्था करें। जिन मकानों में बाहर से आए
व्यक्ति रहते हैं, उनके स्वास्थ्य का परीक्षण समय-समय पर
होता रहे तथा उनके घर के बाहर एक स्टीकर चिपका दिया जाए, जिस पर यह लिखा हो कि यहां प्रवासी रह
रहा है और अगर वह होम क्वॉरेन्टाईन की एडवाइजरी की पालना नहीं करें तो जिला
प्रशासन को सूचित किया जाए। साथ ही प्रशासन और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ऎसे लोगों
से जब जिले के चेक पोस्ट पर बंधपत्र भरवाते हैं। उसी समय यह बेहतर तरीके से समझा
दें कि वह किसी भी स्थिति में होम क्वारेन्टाईन को
नहीं तोडेंगे।
श्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि लॉक डाउन के कारण ग्रामीण
क्षेत्रों में भी रोजगार की समस्या है तथा वर्तमान में गांव में किसानों द्वारा
खेत में बहुत अधिक काम करने की गुंजाइश नहीं है। ऎसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों
को रोजगार से जोड़ने के लिए मनरेगा के तहत प्रत्येक राजस्व गांव में कार्य स्वीकृत
किया जाए। पूर्व में जो लोग जॉब कार्ड धारक हैं, उनके
साथ साथ ऎसी व्यवस्था भी करें कि अन्य लोगों को भी मनरेगा के माध्यम से रोजगार मिल
सके। उन्होंने कहा कि टिड्डी आगमन की संभवना को देखते हुए भी बचाव के सभी पुख्ता
उपाय किए जाएं। दवा सहित अन्य संसाधन उपलब्ध रहे तथा काश्तकारों से अभी से ही
बातचीत कर, उन्हें समझाइश करें कि जिला प्रशासन
संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि रसद विभाग द्वारा सभी पात्र
व्यक्तियों को समय पर राशन उपलब्ध करवाने के लिए भी बेहतर व्यवस्था रखें। समय-समय
पर वरिष्ठ अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण करें और राष्ट्रीय खाद्य
सुरक्षा योजना में चयनित लोगों से बातचीत कर यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अप्रैल
और मई माह का राशन मिल गया है। साथ ही पोस मशीन से वितरण में किसी तरह की दिक्कत
ना हो इसके लिए तकनीकी अधिकारियों से समय-समय पर पोस मशीन की जांच करवाते रहें, अगर मशीन खराब हो या कोई अन्य कोई अड़चन
हो तो जरूरतमंद को राशन वितरण की कार्रवाई न रोकी जाए। पात्र लोगों को तकनीकी
खराबी या अन्य किसी कारण से राशन ना मिले यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बीकानेर में हुआ बेहतर कार्य
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जब जिले की विभिन्न योजनाओं की
समीक्षा प्रभारी मंत्री कर रहे थे तो उन्होंने मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा
कि बीकानेर में कोरोना से बचाव तथा इलाज सहित बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए
जो त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई थी,
वह बहुत बेहतर और
शानदार थी। इसके लिए जिला प्रशासन चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग सहित इस कार्य से लगे
सभी लोग साधुवाद के पात्र हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई समीक्षा बैठक में
जयपुर से जुड़े जिले के प्रभारी सचिव डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने कहा कि सरकार द्वारा
मालवाहक ट्रक आदि के यातायात पर रोक नहीं लगाई है। मगर सभी अधिकारियों को चाहिए कि
वह इतना अवश्य निरीक्षण करें कि ट्रक के माध्यम से केवल खाद्य सामग्री या अन्य
अनुमति सामान ही परिवहन हो रहा है। सामान परिवहन करने के बहाने कोई व्यक्ति, कोई ट्रक चालक या अन्य किसी के द्वारा
आमजन को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने का कार्य तो नहीं हो रहा है। उन्होंने
कहा कि जिले में स्थित सभी निजी चिकित्सालय भी निर्धारित समय में खोलें जाएं और
उनमें जरूरतमंद लोगों का इलाज हो,
इसके लिए भी जिला
प्रशासन समय-समय पर निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखें।
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