आवागमन में हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाए - मुख्यमंत्री
जयपुर,
24 मई। लॉकडाउन और कोरोना
संक्रमण के दौरान प्रदेशवासियों की व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने के लिए राज्य सरकार
ने लगातार कदम उठाए हैं। इसी के चलते श्रमिकों, प्रवासियों
की परेशानियों एवं व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन में आवश्यकतानुसार छूट दी गई है।
लेकिन साथ ही में सरकार इस आवागमन से बढ़ते हुए कोरोना पॉजिटिव केसेज के बारे में भी
पूर्णतया सजग है। सरकार आने वाले समय में नियमित हवाई और रेल आवागमन के और खुलने से
होने वाले संभावित संक्रमण के बारे में भी सतर्क है। इसलिए राजस्थान में आने वाले समय
में भी क्वारंटाइन सहित स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासियों/श्रमिकों
के आवागमन से बढ़ी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार
की ओर से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के नियम
में छूट देने के बावजूद राजस्थान में सभी के लिए 14 दिन
तक क्वारंटाइन में रहने के नियम की पूरी पालना की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो यात्री
केवल कुछ दिनों के लिए राजस्थान में रूकेंगे उनके लिए यहां आने से पहले या यहां पहुंचते
ही आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। ऎसे व्यक्ति को टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव
आने तक क्वारंटाइन में रहना होगा।
श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर अधिकारियों के साथ उच्च
स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान
राजस्थान में बाहर से आए 10
लाख से अधिक प्रवासी आए
हैं, उनमें से लगभग 1600 संक्रमित पाये गए हैं। इन प्रवासियों में
से 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की क्वारंटाइन अवधि
पूर्ण नहीं हुई है। इन परिस्थितियों में स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सभी की
सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासियों और उनके परिजनों की सहूलियत के
लिए राज्य सरकार होम क्वारंटाइन को प्राथमिकता दे रही है। लेकिन होम क्वारंटाइन की
सुविधा नहीं होने पर राज्य सरकार ने गांव स्तर तक संस्थागत क्वारंटाइन की पुख्ता व्यवस्था
की है। उन्होंने हवाई,
रेल, और सड़क मार्ग से राजस्थान आने वाले सभी आगंतुकों
से अपील की है कि वे राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण करवाकर ही
मोबाइल नम्बर सहित आवश्यक सूचनाएं दर्ज करवाएं। इससे व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित
होने अथवा लक्षण दिखाई देने पर उसके स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के लिए समुचित व्यवस्था
की जा सकेगी।
श्री गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाहर से आ रहे सभी
लोगों की आईटी आधारित सिस्टम से मॉनिटरिंग की जाये और उन्हें होम क्वारंटाइन करने के
निर्देशों की सख्ती से पालना करवाई जाए। हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों की सूची सम्बन्धित
एयरलाइन्स, ट्रेन से आने वाले यात्रियों की सूची रेलवे
तथा बस यात्रियों की सूची राजस्थान रोडवेज से प्राप्त कर संबंधित जिला प्रशासन को भिजवाई
जाये, ताकि यात्रियों की मनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था
की जा सके। इसके साथ ही,
सड़क मार्ग से राज्य में
प्रवेश करने वाले लोगों के लिए पूर्व की भांति की बॉर्डर चेकपोस्ट पर रजिस्ट्रेशन और
क्वारंटाइन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा आज से
शुरू
श्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों के अस्थि कलश
विसर्जित नहीं हो पाये हैं,
उनके लिए राज्य सरकार
ने मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा शुरू की है। पहली विशेष बस सोमवार को जाएगी।
एक कलश के साथ दो लोग जा सकेंगे और उनको राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के पोर्टल पर
तेतजबवदसपदमण्तंरेंजींदण्हवअण्पद पर अपना पंजीयन करवाना होगा। उन्होंने
कहा कि इस पहल का प्रदेश भर में आमजन से अच्छा रेस्पोंस मिला है। हमारी पिछली सरकार
के समय शुरू की गई वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना का भी लोगों को काफी लाभ मिला था।
उसी तर्ज पर इस योजना का लाभ भी अपनों की अस्थियों के विसर्जन का इंतजार कर रहे लोगों
को मिले। क्याेंकि यह कई परिवारों के लिए बहुत संवदेनशील विषय है।
कोई भूखा ना सोए, की दिशा में एक और कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्बे लॉकडाउन में फुटकर एवं लघु व्यवसायी, स्वरोजगार रकने वाले एवं प्रवासियों को जीविका
हेतु काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। सरकार ने पहले भी लोगों के लिए पेंशन, गेहूं वितरण, 2500 हजार रूपये की नकद सहायता सहित काफी प्रयास
किए हैं। इन योजनाओं से वंचित रह गए लोगों को अभी भी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता है।
इसके लिए सरकार ने इन श्रेणियों के लिए एक बारीय खाद्य सुरक्षा हेतु एक सर्वे प्रारंभ
कराया गया है, जिसके लिए आवेदन कर्ता ई-मित्र/ई-मित्र ऎप
या ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप या नगरीय क्षेत्रों में बीएलओ के माध्यम से आवेदन
कर सकते है। इसके सम्बन्ध में जरूरी सूचना 181 हेल्पलाइन
से ली जा सकती है।
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