वीडियो कॉन्फ्रेंस से समीक्षा : एमएसपी पर खरीद के लक्ष्य हर हाल में हासिल करें, खाद-बीज को लेकर किसानों को नहीं आए परेशानी - मुख्यमंत्री
जयपुर, 6 मई।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में गेहूं, सरसों एवं चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य
पर खरीद के तय लक्ष्यों को हर हाल में हासिल किया जाए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों
को ऎसी योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं कि राज्य के लिए निर्धारित एमएसपी पर
खरीद की सीमा को और बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण खरीद में आ रही
समस्याओं का त्वरित समाधान कर खरीद की प्रक्रिया को गति दी जाए।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास
पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एमएसपी पर खरीद, खरीफ
सीजन में खाद एवं बीज की उपलब्धता,
टिड्डी नियंत्रण, प्रधानमंत्री फसल बीमा तथा ओलावृष्टि के
कारण हुए नुकसान को लेकर समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी
उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा एमएसपी पर खरीद की प्रक्रिया को गति देने के लिए
राज्य सरकार ने 1500
से अधिक प्रसंस्करण
इकाइयों को किसानों से सीधी खरीद करने की अनुमति दी है। साथ ही 592 सहकारी समितियों को निजी गौण मण्डी के
रूप में अधिसूचित किया है। इसके अलावा राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के 93 गोदामों को भी निजी गौण मंडी घोषित किया
है। अधिकारी इन सभी केंद्रों पर जल्द से जल्द संसाधन उपलब्ध करवाकर खरीद किया जाना
सुनिश्चित करें।
श्री गहलोत ने कहा कि आगामी सीजन के लिए
खाद एवं बीज की पर्याप्त उपलब्धता रहे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए यह
सुनिश्चित करें कि कहीं भी खाद-बीज के लिए भीड़ एकत्र नहीं हो। राहत पैकेज के तहत
मक्का एवं बाजरा के निशुल्क मिनीकिट का वितरण जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि
कार्यों के लिए निजी कम्पनी के माध्यम से निशुल्क ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण किराए
पर उपलब्ध करवाए जाने से लघु एवं सीमान्त किसानों को काफी राहत मिली है।
टिड्डी नियंत्रण के लिए बनाएं कंटीजेंसी
प्लान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-पाक
सीमावर्ती क्षेत्र में टिड्डियों के प्रवेश को देखते हुए अभी से इन्हें नियंत्रित
करने की प्रभावी योजना तैयार की जाए ताकि बाद में यह समस्या बढे़ नहीं। उन्होंने
कहा कि इसके लिए संबंधित जिला कलेक्टरों के जरिए कंटीजेंसी प्लान तैयार करवाया
जाए। टिड्डी की समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार को अधिक संसाधन उपलब्ध करवाने
के लिए मांग की जाए। उन्होंने कहा कि पिछली बार टिड्डी नियंत्रण को लेकर राज्य
सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को केंद्र ने सराहा था। इस बार भी इस समस्या से
निपटने में किसी तरह की कोताही नहीं हो।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के
प्रीमियम का भविष्य में नहीं रहे बैकलॉग
श्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल
बीमा योजना के तहत प्रीमियम का भुगतान समय पर किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि किसानों को फसल नष्ट होने पर जल्द
से जल्द इसका लाभ मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
को विभाग सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसके लिए प्रभावी प्लानिंग करे ताकि भविष्य
में प्रीमियम का बैकलॉग नहीं रहे। उन्होंने इस पर खुशी व्यक्त की कि विभाग ने
योजना के तहत बकाया विगत वर्षों का 2200 करोड़
रूपए का राज्य के हिस्से का प्रीमियम भुगतान कर दिया है और इससे किसानों को करीब 5 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है।
ओलावृष्टि प्रभावितों को जल्द दें
सहायता
मुख्यमंत्री ने विगत दिनों ओलावृष्टि
एवं आंधी से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए नुकसान की स्थिति की समीक्षा करते हुए
निर्देश दिए कि प्रभावितों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि
ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की गिरदावरी भी तत्काल प्रभाव से करवाकर मुआवजा
वितरित किया जाए।
नए खरीद केंद्रों को तेजी से कर रहे
क्रियाशील
कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा
कि आगामी मौसम को देखते हुए विभाग ने अपनी तैयारी कर ली है ताकि किसानों को किसी
तरह की समस्या का सामना नहीं करना पडे़। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री
रमेश मीणा ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए केंद्र बढ़ाने से किसानों
को राहत मिली है। बढ़ाए गए केंद्रों पर संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता जल्द होने से
किसानों को इनका पूरा लाभ मिल सकेगा।
सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने
बताया कि एमएसपी पर अधिक से अधिक खरीद के लिए नए केंद्रों को क्रियाशील करने का
काम तेजी से चल रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल
ने कहा कि प्रदेश में ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे के लिए जिला कलेक्टर्स को
गिरदावरी कराए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता
श्री नरेशपाल गंगवार ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि सरसों एवं चना की खरीद के
लिए पहले 279 खरीद केंद्र स्वीकृत किए गए थे। अब
राज्य में 520 अतिरिक्त क्रय केंद्र स्वीकृत किए गए
हैं। प्राप्त लक्ष्य के अनुसार पूरे राज्य में सरसों एवं चने के करीब 8 लाख पंजीयन होने की संभावना है। प्रदेश
में 4 मई तक 7864 किसानों
को सरसों एवं चना खरीद का 94
करोड़ रूपए से अधिक का
भुगतान कर दिया गया है। राज्य में खरीफ की अनुमानित बीज खपत 8.70 लाख क्विण्टल के मुकाबले 9 लाख क्विण्टल से अधिक बीज उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19
राहत पैकेज के तहत 15 हजार क्विंटल संकर बाजरा बीज की पूर्ति
के लिए वितरण आदेश जारी कर दिए गए हैं तथा मक्का के बीज के लिए राज्य बीज निगम
द्वारा नैफेड एवं राष्ट्रीय बीज निगम से व्यवस्था की जा रही है।
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