प्रवासियों के सुगम आवागमन में राज्यों की अलग-अलग नीतियां बाधक, केन्द्र जिम्मेदारी लेकर जारी करे समान दिशा निर्देश - परिवहन मंत्री
- प्रवासियों के आवागमन के लिए पर्याप्त
बसें हर समय सेनेटाइज कर तैयार रखने को कहा
- वीडियो कांफ्रेस में अफसरों को चेताया,
गाइड
लाइन के अनुसार पास बनाने में कोताही बर्दाश्त नहीं
- ट्रांसपोर्टर्स की समस्याओं को दूर करने के होंगे प्रयास
जयपुर, 1 मई। परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह
खाचरियावास ने कहा है कि डेढ माह से लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे राजस्थान के
प्रवासी मजदूर, विद्यार्थी
एवं आम आदमी की घर वापसी एवं यहां से एमपी, यूपी, बिहार, बंगाल या देश में कहीं भी अपने घरों को
लौटने वाले लोगों की वापसी की मॉनिटरिंग केन्द्र के स्तर किया जाना जरूरी है। अभी
कई राज्यों के अपनी-अपनी अलग समझ और नीति होने के कारण लोगों की घर वापसी में
परेशानी हो रही है। यहां तक कि राजस्थान से कोलकाता एवं कुछ अन्य राज्यों में
लोगों को लेकर पहुंची बसें वहां से राजस्थान के लोगों को लाने के लिए अनुमति का
इंतजार कर रही हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। केन्द्र को सुनिश्चित करना चाहिए कि
राजस्थान से जो बसें किसी भी राज्य के प्रवासियों को लेकर जा रही हैं, वहां रहने वाले राजस्थानवासियों को उन
बसों में वापस लाने की अनुमति सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा त्वरित रूप से प्रदान
की जाए।
श्री खाचरियावास ने शुक्रवार को परिवहन
भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशभर के आरटीओ की बैठक लेने के बाद यह बात
कही। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में
कोरोना आपदा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में परिवहन विभाग द्वारा सम्पन्न किए जा
रहे विभिन्न कार्यों की
समीक्षा की। साथ ही गुड्स व्हीकल के सुगम संचालन द्वारा खाद्यान समेत सभी आवश्यक
सामानों की सप्लाई लाइन सुचारू बनाए रखने, माल परिवहन में ट्रांसपोटर्स की
परेशानियों को दूर करने एवं निजी एवं रोडवेज बसों में प्रवासियों के आवागमन कार्य
के बारे में जानकारी प्राप्त की एवं आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र का सभी को
आवागमन की छूट दिए जाने सम्बन्धी आदेश का कोई अर्थ नहीं है जब अलग-अलग राज्यों की
नीतियों में अन्तर के कारण आम व्यक्ति को परेशान होना ना पडे़। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मांग पर केन्द्र द्वारा रेल चलाने का कदम अच्छा है
लेकिन अभी और ट्रेनों की
जरूरत है क्योंकि सड़क परिवहन महंगा और प्रवासियों की बड़ी संख्या को देखते हुए
नाकाफी है। उन्होंने केन्द्र से राज्यवार कन्ट्रोल रूम बनाने एवं कई नम्बर्स के
साथ हैल्पलाइन प्रारम्भ करने की मांग करते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार एक नीति
बनाकर निर्णय कर दे तो केवल 24 घंटे
में किसी भी प्रवासी को उसके घर भेजने का प्रबन्ध किया जा सकता है।
परिवहन अधिकारियों को चेताया
परिवहन मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में परिवहन विभाग के अधिकारियों को कहा
कि मुख्यमंत्री, उनकी
और सरकार की मंशा साफ है कि इस संकट के समय पहले ही लॉकडाउन के कारण परेशान आम
आदमी को विभागीय प्रक्रियाओं एवं औपचारिकताओं के कारण परेशान नहीं होना पडे़। अगर
कोई पास बनवाने के लिए डीटीओ, आरटीओ
के पास आता है तो पास उदारता से बनना चाहिए, कोई बहाने बाजी नहीं होनी चाहिए। पास
चाहे ऑनलाइन हों या ऑफलाइन ध्यान रखें की कोई आदमी परेशान नही हो। सड़क पर चलने
वाली गाड़ी का पास बनाना प्रमुख रूप से परिवहन विभाग का ही काम है। अगर कहीं से पास
बनाने के काम में कोताही की शिकायत मिली तो एक्शन लिया जाएगा। वीसी में परिवहन
विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि रोंडवेज एवं निजी बसें सेनेटाइज कर हर
समय तैयार रखी जाएं।
केन्द्र सरकार एफसीआई का गेहूं
जरूरतमंदों को वितरित करे
श्री खाचरियावास ने कहा कि एफसीआई के
गोदामों में गेहूं भरा पड़ा है। काफी मात्रा में पडे़-पडे़ गेहूं गोदामों में ही
खराब होने के समाचार आते रहते हैं। आज जब जरूरत है हर जरूरतमंद को इस गेहूं को
वितरित किया जाना चाहिए क्योंकि कई ऎसे लोग जो एनएफएसए की गाइडलाइन में नहीं आते,
उन्हें भी आज की
स्थिति में गेहूं की जरूरत है। बाजार में आए नई फसल के गेहूं का भण्डारण किया जा
सकता है।
ट्रांसपोर्टर्स की समस्याओं का करेंगे
समाधान
वीडियो कान्फ्रेन्स
में श्री खाचरियावास ने बस एवं ट्रक ऑपरेटर्स से
सीधी बात की। इन ऑपरेटर्स ने उन्हें बीमा
किश्तों की माफी, टेक्सेशन, टोल
में छूट, फाइनेंसर्स द्वारा लॉकडाउन अवधि का भी ब्याज वसूले जाने, ड्राइवर्स का सामूहिक बीमा, सेनेटाइजेशन एवं आने-जाने के लिए पास की व्यवस्था, मैकेनिकों के लिए पास, टायर-ट्यूब
की दुकानें खुलवाने,
बस-ट्रकों के डॉक्यूमेंट्स के लिए कुछ अवधि तक छूट
देने, सोशल डिस्टेंसिंग के कारण यात्री भार कम रहने के कारण
आने वाले कुछ माह तक सेक्टर को विशेष सहायता जैसे कई समस्याएं एवं मांगें ऑपरेटर्स
द्वारा रखी गईं। श्री खाचरियावास ने इस मुश्किल समय में ड्राइवर्स एवं ऑपरेटर्स के
जज्बे के लिए और सप्लाइन लाइन को सुचारू बनाए रखने के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित
करते हुए सभी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। साथ ही कई
मामलों में केन्द्र सरकार को पत्र लिखने का आश्वासन भी दिया।
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