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जलभराव और बाढ़ की सम्भावना को देखते हुए एनडीएमए की गाईडलाइन के तहत उचित प्रबन्धन करने के निर्देश


जयपुर, 29 मई। आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने परिपत्र जारी कर विभिन्न विभागों को आगामी बरसात की मौसम में जलभराव और बाढ़ की सम्भावना को देखते हुए जन-धन के सुरक्षात्मक उपाय के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) की गाईडलाइन के तहत उचित प्रबन्धन करने के निर्देश दिए है।

विभाग के शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने निर्देश दिए हैं कि विभिन्न विभाग आगामी 15 जून तक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लें और सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर लें। सभी संबंधित विभाग बचाव एवं मानसून पूर्व तैयारियों के संबंध में कंटिजेंन्सी प्लान तैयार कर भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।

शासन सचिव ने मौसम विभाग को मानसून की गतिविधियों की नियमित दैनिक जानकारी जिला कलक्टर्स, आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग को उपलब्ध कराने तथा डीआरएसएस स्टेशन पूर्णतः कार्यशील रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग बाढ़ या जलभराव की सम्भावना में प्रत्येक जिले के संवेदनशील एवं संकटग्रस्त क्षेत्रों का सामना करने के लिए कार्य योजना बनायेंगे। उन्होंने कहा कि बांध के गेट खोलने वाले तथा तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों की सूची बनाकर अपने कार्यस्थल पर तैनात रहने के लिए पाबंद करें। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग निचले क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए पम्प सैटों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। पेयजल की व्यवस्था व पेयजल स्त्रोतों के क्लोरीफिकेशन की समुचित व्यवस्था करें, ताकि दूषित पेयजल जनित बीमारियां फैलने की सम्भावना न रहें।

उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को बाढ़ के दौरान उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं, केरोसीन, अन्य खाद्य सामग्री के भण्डारण एवं उसके वितरण व्यवस्था की पूरी तैयारी रखने को कहा है। स्थानीय निकाय विभाग को शहर की सड़कों की मरम्मत एवं नालों की सफाई की व्यवस्था 15 जून से पूर्व करने के निर्देश दिए हैं।

श्री महाजन ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जीवन रक्षक दवाइयां, बाढ़ के समय आवश्यकतानुसार मोबाईल चिकित्सा दल के गठन की व्यवस्था करें। बाढ़ के दौरान तथा उसके उपरान्त फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की उपलब्धता रखें। उन्होंने पशुपालन विभाग बाढ़ के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चारे, पशु आहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं मृत पशुओं का सुरक्षित निस्तारण करने का स्थान भी सुनिश्चित करें।

उन्होंने भारत संचार निगम लिमिटेड सभी जिलों में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष का टोल फ्री नम्बर 1077 को निरन्तर दुरूस्त रखने तथा आपदा की स्थिति में संचार व्यवस्था अबाधित रखने की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। डाक एवं तार विभाग को जलभराव एवं बाढ़ के दौरान टेलीग्राम व पोस्टल व्यवस्था के लिए विशेष व्यवस्था करने को कहा है।

शासन सचिव ने पुलिस विभाग को पर्याप्त मात्रा में तैराक एवं नावों की व्यवस्था तथा गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पर्याप्त जीवन रक्षक यंत्रों जैसे जैकिट, रस्सी, टार्च, संचार तंत्र, कानून व्यवस्था इत्यादि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय त्वरित रेस्पोन्स के लिए राज्य आपदा मोचन बल अपनी प्रशिक्षित टीम, आवश्यक साज-सामान व उपकरण तथा घटना स्थल पर त्वरित रूप से पहुंचने के लिए संसाधन के संबंध में सभी पूर्व आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें। विषम परिस्थितियों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की सेवायें भी प्राप्त की जा सकती है।

श्री महाजन ने कहा कि विद्युत वितरण निगम बाढ़ की स्थिति होने पर विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए आवश्यक उपकरण पोल कण्डक्टर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। यदि कहीं पर ट्रांसफार्मर जमीन पर पड़ा हो तो उन्हें डीपी पर रखवाएं तथा ढीले तारों को कसने एवं कनेक्शनों को टाइट करने की कार्यवाही करें। सार्वजनिक निर्माण विभाग सड़क मार्ग से गुजरने वाले नदी-नाले, रपट, कलवर्ट आदि को चिन्हित कर दोनों और साईन बोर्ड लगाकर यातायात प्रतिबन्धित कराएं तथा संभावित खतरों वाले रपट और पुलियाओं पर लोहे की जंजीर की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिला कलक्टर अपने जिलों का आपदा प्रबन्धन एक्शन प्लान एक बार रिव्यू कर लें और जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठकें कर लें। विभागों की रिव्यू मीटिंग कर आवश्यक कार्यवाही तुरन्त कराने तथा कन्टीजेन्सी प्लान तैयार कर भिजवाने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही 15 जून तक सभी जिलों की आपदा प्रबन्धन योजनाएं अपडेट करने और इससे पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करने को कहा गया है।

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