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दिवंगतों की पवित्र अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर स्पेशल मोक्ष कलश बसों में गए परिवारजनों ने जताया मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार


जयपुर, 27 मई। जयपुर के वैशाली नगर निवासी श्री गौरव अग्रवाल की दादी का देहान्त लॉकडाउन के दौरान हो गया था। लॉकडाउन के कारण उनके परिवारजन अंतिम संस्कार के पश्चात् उनकी अस्थियों को हरिद्वार जाकर गंगा नदी में प्रवाहित नहीं कर पा रहे थे। उनका अस्थि कलश एक महीने से भी अधिक समय से श्मशान में ही पड़ा हुआ था। परिवार के सभी लोग लॉकडाउन खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, ताकि उनकी अस्थियों को प्रवाहित किया जा सके।

हिन्दू मान्यता के अनुसार, व्यक्ति के अंतिम संस्कार के पश्चात् अस्थियों को इकट्ठा कर गंगा आदि पवित्र नदियों में प्रवाहित किया जाता है, ताकि मृतक की आत्मा को शांति प्राप्त हो। गौरव का कहना है कि आज अपनी दादी मां की अस्थियों को हरिद्वार जाकर गंगा में प्रवाहित कर सुकून महसूस कर रहे हैं।

गौरव कहते हैं कि वे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने उन लोगों के दर्द को समझा जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और वे उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार तक स्पेशल मोक्ष कलश बस निःशुल्क चलाने के लिए मुख्यमंत्री का जितना धन्यवाद किया जाए कम है। ना केवल गौरव अग्रवाल बल्कि वे सभी लोग मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का तहे दिल से शुक्रिया अदा कर रहे हैं, जो अब इस स्पेशल बस सेवा की वजह से हरिद्वार जाकर अपने मृतक परिजनों की अस्थियों को प्रवाहित कर पाए हैं।

गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से आवागमन पर रोक होने के कारण ऎसे सैंकडों लोग थे, जो अपने प्रियजनों की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के पश्चात् उनकी अस्थियों को श्मशान से नहीं ला सके थे।

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री नवीन जैन ने बताया कि आमजन के प्रति संवेदनशील राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में 25 मई से हरिद्वार तक स्पेशल बसों के संचालन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि 25 मई, सोमवार को शाम 7 बजे दो बसों में 41 यात्री 22 अस्थि कलशों के साथ में जयपुर से हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने बताया कि मंगलवार को 8 बसें यात्रियों को लेकर रवाना हुई हैं। इनमें तीन बसें जयपुर से गयी हैं, जिसमें कुल 91 यात्री 47 अस्थिकलशों के साथ रवाना हुए हैं। इसके अतिरिक्त एक-एक बस हनुमानगढ़ (29 यात्री 15 अस्थि कलशों के साथ), गंगानगर (30 यात्री 15 अस्थि कलशों के साथ), नागौर (30 यात्री 15 अस्थि कलशों के साथ), सीकर (29 यात्री 15 अस्थि कलशों के साथ) तथा अलवर (30 यात्री 15 अस्थि कलशों के साथ) से रवाना हुई हैं। श्री जैन ने बताया कि एक अस्थि कलश के साथ अधिकतम दो व्यक्तियों को जाने की अनुमति दी गई है।

श्री जैन ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों से स्पेशल मोक्ष कलश बस भेजी जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस बस में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके परिवार जन की मृत्यु 22 मार्च को प्रदेश में लॉकडाउन शुरु होने के प्रारम्भ में ही हो गई थी।

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