सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित एवं अन्य आवासीय गृहों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए विशेष उपाय
- नवीन बालक-बालिकाओं को क्वारेंटाइन का समय
बिताने के बाद ही प्रवेश
- समय-समय पर सेनेटाइजेशन, आवासीयों के लिए काउंसलिंग
- हर आवासीय गृह में आइसोलेशन रूम की व्यवस्था
- संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम से प्रतिरोधी
क्षमता बढाने के प्रयास
जयपुर, 10 मई।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर (शहर) द्वारा
संचालित राजकीय एवं स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा संचालित मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह, वृद्धाश्रम, शिशु गृह, बालिका
गृहों में भी काफी सावधानी बरती जा रही है। इन संचालित आवासीय गृहों में नवीन बालक-बालिकाओं, महिलाओं को प्रवेश देने से पूर्व बालक एवं
बालिकाओं हेतु पृथक-पृथक विभागीय आवासीय गृहों में क्वारेन्टाईन सेन्टर का संचालन किया
जा रहा है।
उपनिदेशक, सामाजिक
न्याय एवं अधिकारिता विभाग,
जयपुर (शहर) श्री संदीप
कुमार ने बताया कि इन सेंटर्स में नवीन प्रवेश लेने वाले बालक-बालिकाओं को पृथक से
रखकर उनकी नियमित चिकित्सकीय जांच करवाई जाती है। उनके आने के 15 दिनों के बाद ही संबंधित श्रेणी के आवासीय
गृह में उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। जयपुर जिले में सचांलित उक्त श्रेणी के समस्त
आवासीय गृहों का सप्ताह में दो बार विभागीय अधिकारियों के माध्यम से निरीक्षण करवाकर
राज्य सरकार द्वारा कोविड-19
महामारी के तहत जारी एडवाईजरी
के अनुरूप पालना सुनिश्चित करवायी जा रही है। श्री संदीप ने बताया कि जयपुर जिले में
राजकीय एवं स्वयं सेवी संस्थानों द्वारा मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह, वृद्धाश्रम, शिशु गृह, बालिका
गृह, सम्प्रेषण गृह, महिला सदन, कुष्ठ गृह एवं सुधार गृह इत्यादि 50 भिन्न-भिन्न श्रेणी के विशेष आवश्यकता वाले
गृह का संचालन किया जा रहा है। कोविड-19 महामारी
के तहत उक्त श्रेणी के संचालित विशेष गृहों में नियमित अंतराल में एक प्रतिशत सोडियम
हाइपोक्लोराइड का छिडकाव कर भवन सैनेटाईज करवाया जा रहा है।
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