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राज्य सरकार ने किसी श्रमिक से नहीं लिया ट्रेन का किराया



जयपुर, 4 मई। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार शिविरों में फंसे हुए श्रमिकों को अपने-अपने गृह राज्य में पहुंचाने के लिए लगातार जुटी हुई है। इन श्रमिकों को ट्रेनों के माध्यम से भिजवाया जा रहा है। शिविर में फंसे हुए किसी श्रमिक से राज्य सरकार ने कोई किराया नहीं लिया है।

उन्होंने बताया कि श्रमिकों की अधिक संख्या एवं लम्बी दूरी के कारण इन्हें अपने-अपने गृह स्थान पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की मांग पर केन्द्र सरकार ने विशेष ट्रेनों का संचालन प्रारंभ किया है। जिसके तहत भारतीय रेलवे ने 2 मई, 2020 को जारी दिशा-निर्देशों में यह कहा था कि राज्य सरकार को श्रमिकों से किराया लेकर भारतीय रेलवे को जमा कराना होगा।

इन दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया था कि ट्रेन की क्षमता का 90 प्रतिशत यात्री भार होने पर ही ट्रेन का संचालन संभव होगा। इन दिशा निर्देशों के बिन्दु 11 (सी) में यह स्पष्ट कहा गया है कि संबंधित राज्य सरकारें यात्रियों से उनके द्वारा की जाने वाली यात्रा के लिए टिकट की राशि लेंगी और सम्पूर्ण राशि रेलवे को जमा कराएंगी। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक राज्य सरकार को भारतीय रेलवे के लिए श्रमिकों से निर्धारित किराया एकत्र करना था।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने संकट की इस घड़ी में श्रमिकों की पीड़ा को समझते हुए सोमवार को यह घोषणा की है कि फंसे हुए श्रमिक जिन्होंने अपने गृह राज्य जाने के लिए पंजीकरण कराया है, उन्हें ट्रेन का किराया नहीं देना होगा। राज्य सरकार स्वयं यह किराया वहन करेगी और भारतीय रेलवे को देगी।

श्री अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि फंसे हुए श्रमिकों से अब तक के आवागमन के लिए राज्य सरकार ने कोई किराया वसूल नहीं किया है। भारतीय रेलवे ने ही किराया लिया है, जिसका एकत्रण राज्य सरकार के माध्यम से हुआ है। अब यह किराया भी राज्य सरकार ने स्वयं वहन करने की घोषणा कर श्रमिकों को बड़ी राहत दी है।

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