अधिकतर मंडियों में हड़ताल के आह्वान का प्रभाव नहीं रहा, किसानों की जिंसों की हुई सुचारू खरीद
जयपुर, 11 मई।
राज्य की अधिकतर कृषि उपज मण्डी समितियों में कृषक कल्याण फीस के विरोध स्वरूप हड़ताल
के आह्वान का प्रभाव नहीं रहा। किसानों की जिंसों की खरीद सुचारू ढंग से हुई।
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री नरेशपाल
गंगवार ने बताया कि बयाना,
जैसलमेर, बालोतरा, इटावा, कपासन, रतनगढ़, झुन्झुनू, गुढ़ागौड़जी, मोहनगढ़, राववाला, राजलदेसर, बीदासर, सांडवा, स्वरूपगंज, पिण्डवाड़ा, रेवदर, आबूपर्वत, अनादरा, राशमी, आंवला और भोपाल सागर आदि मण्डियों में कृषि
जिन्सों का नियमित व्यवसाय हुआ। हनुमानगढ़ व गंगानगर जिले की अनूपगढ़, गजसिंहपुर, घड़साना, जैतसर, केसरीसिंहपुर, पदमपुर, रायसिंहनगर, रावला, रिडमलसर, श्रीकरणपुर, भादरा, गोलूवाला, श्री विजयनगर, हनुमानगढ़, नोहर, पीलीबंगा, रावतसर, सादुलशहर, संगरिया, सूरतगढ़ व कोटा मण्डी में आढ़तियों के माध्यम
से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की गई। राज्य की 8 मुख्य
एवं 33 गौण मण्डियों में फल एंव सब्जी का नियमित
व्यवसाय हुआ है।
श्री गंगवार ने बताया कि राज्य में 592 ग्राम सेवा एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों
को गौण मण्डी का दर्जा दिया गया है। इनमें से 348 समितियों
द्वारा कृषि जिन्सों का व्यवसाय प्रारम्भ कर दिया
गया है। राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के 93 वेयरहाउस
को भी गौण मण्डी का दर्जा दिया गया है। इसके अतिरिक्त 157 निजी वेयर हाउस को गौण मण्डी का दर्जा दिये
जाने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त 1817 अनुज्ञाधारियों
को किसानों से उनकी कृषि उपज की सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र जारी किए गए है। इन सभी उपयों
से किसानों को उनके गांव के समीप ही उनकी कृषि उपज के विक्रय की सुविधा संभव हो रही
है। किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा किये गये इन प्रयासों का किसानों द्वारा
लाभ उठाया जा रहा है।
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